बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद से हिंसा की कई खबरें लगातार आ रही हैं. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग से जुड़े नेताओं और उनके घरों, दुकानों, व्यवसायों आदि पर लूटपाट और हमले हुए. इसके बाद बांग्लादेश से अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय पर हमले की भी कई खबरें आ रही हैं. हालांकि तख्तापलट के तुरंत बाद से कई पुरानी और असंबंधित तस्वीर और वीडियो भी भारत में सोशल मीडिया पर वायरल होने शुरू हो गए जिसका ऑल्ट न्यूज़ ने लगातार फैक्ट-चेक किया है. कई राइट-विंग अकाउंट्स द्वारा फ़र्ज़ी खबरों के जरिये भारत में अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया जाने लगा.

राजनेताओं ने इस आग में घी डालने का काम बढ़-चढ़कर किया. उदाहरण के लिए सतारूढ़ पार्टी भाजपा के विधायक नितेश राणे ने 5 अगस्त को ट्वीट करते हुए कहा कि अगर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं तो हम भी अपने यहाँ एक भी बांग्लादेशी को सांस क्यों लेने दें? हम भी भारत में रह रहे बांग्लादेशियों को चुन-चुन के मारेंगे. इस ट्वीट पर हुए कॉन्ट्रोवर्सी के बाद नितेश राणे ने इसे डिलीट कर दिया. हालांकि ये पहली बार नहीं है जब नितेश राणे ने ऐसा भड़काऊ बयान दिया है. इसी साल के जनवरी में मुम्बई के मीरा रोड में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर निकाली गई शोभा यात्रा के दौरान जब साम्प्रदायिक तनाव हुआ था तब भी नितेश राणे ने ऐसा ही भड़काऊ बयान दिया था और चुन-चुन के मारने की बात की थी.

भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट्स और फ़र्ज़ी खबरों का असर ये हुआ कि भारत के अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने वाले कई हिस्ट्रीशीटर्स सक्रिय हो गए. ये लोग बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमले का बदला लेने के इरादे से देश में कई जगहों पर झुग्गियों में रहने वाले लोगों पर बांग्लादेशी बताकर हमला कर रहे हैं. इन हमलों में कई हिंदू संगठन सीधे तौर पर शामिल हैं और आरोपी सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के करीबी हैं. कई जगहों पर पश्चिम बंगाल से आये बांग्लाभाषी कामगारों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले अन्य लोगों को बांग्लादेशी होने के संदेह में परेशान किया गया और उन पर हमले किये गये.

शास्त्री पार्क, दिल्ली

8 अगस्त को कुछ हिंदुवादी अराजक तत्वों ने रात के अंधेरे में देश की राजधानी दिल्ली के शास्त्री पार्क इलाके में कूड़ा बीनने वालों पर उन्हें बांग्लादेशी बताकर लाठी डंडों से हमला कर दिया. वीडियो में उन्हें देश से निकालने की बात की जा रही है और कहा जा रहा है कि बांग्लादेश में हिन्दू बहन-बेटियों के बलात्कार हो रहे हैं और ये सपोले यहाँ पल रहे हैं. इस वीडियो में गौ रक्षा दल के दक्ष चौधरी का चेहरा साफ तौर पर पहचाना जा सकता है जिसने इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया और कैप्शन में लिखा कि “अब इन्हें इस देश मे नही रहने देंगे, सरकार इन्हें नहीं निकाल सकती तो हम निकालेंगे.”

झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को बांग्लादेशी बताकर उनपर हमला करने के बाद दक्ष चौधरी ने एक दूसरा वीडियो जारी कर कहा कि उसे अपने किए पर कोई पचतावा नहीं है. इसके साथ ही उसने खुला आह्वान करते हुए कहा कि हमने शुरुआत कर दी है, भारत के युवा और संगठन अच्छी तरह जानते हैं कि और क्या करना है, अब इस देश में बांग्लादेश के कोई रोहिंग्या मुसलमान नहीं रहेंगे, सरकार असमर्थ है, हम नहीं.

दिल्ली पुलिस ने दक्ष चौधरी और उसके सहयोगियों द्वारा कूड़ा बीनने वालों पर हमले के वीडियो को संज्ञान में लेते हुए एक केस रजिस्टर किया है. हालांकि इस मामले में अबतक कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है. ज्ञात हो कि ये व्यक्ति एक आदतन अपराधी है और इसके खिलाफ अलग-अलग थानों में कई मामले दर्ज हैं. इसी साल फरवरी में दक्ष चौधरी साहिबाबाद की एक मस्जिद में जूते पहनकर घुस गया था और वहां मौजूद मुसलमानों को धक्का देकर नमाज न पढ़ने की चेतावनी दी थी और मस्जिद की छत पर जाने से रोकने पर जान से मारने की धमकी दी थी. जिसके बाद पुलिस ने दक्ष चौधरी को धार्मिक भावनाएं आहत करने और माहौल बिगाड़ने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था. 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान दक्ष चौधरी और इसके सहयोगियों ने कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी कन्हैया कुमार पर हमला किया था और अयोध्या (फैजाबाद) सीट पर भाजपा के प्रत्याशी के लोकसभा चुनाव हारने पर वहाँ के मतदाताओं को गालियां दी थी.

गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश

7 अगस्त को हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी चौधरी ने एक वीडियो जारी कर धमकी दी कि जैसे बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं, या तो वे वहां सुरक्षित हों या फिर हम बांग्लादेशियों के साथ भी वैसा ही व्यवहार करेंगे और उन्हें मार कर भगा देंगे. एक अन्य वीडियो में पिंकी चौधरी ने 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बंद होना चाहिए, नहीं तो उन्हें पता है कि जहां-जहां बांग्लादेशी रहते हैं, वे सभी हिंदू रक्षा दल के रडार पर हैं और मैं उन्हें छोड़ूंगा नहीं.

9 अगस्त को पिंकी चौधरी और उसके समर्थकों ने झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को बांग्लादेशी बताकर पीटा और झुग्गियों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी. इस घटना की वीडियो को कई राइट-विंग यूज़र्स ने समर्थन करते हुए शेयर किया और वहाँ रह रहे लोगों को बांग्लादेशी बताया. भारत के सरकारी न्यूज़ चैनल दूरदर्शन के संपादक अशोक श्रीवास्तव ने भी पिंकी चौधरी का बचाव करते हुए ट्वीट किया और कहा कि भारत के हिन्दू दुखी हैं और गुस्से में हैं, संभव है कि पिंकी चौधरी अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाया.

वीडियो वायरल होने के बाद गाज़ियाबाद पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी चौधरी और उसके समर्थकों पर FIR दर्ज किया और पिंकी चौधरी को गिरफ्तार कर लिया. मीडिया को दिए गए एक बयान में पुलिस ने साफ किया कि पूछताछ के बाद जो तथ्य सामने आए हैं उसके मुताबिक, जिन लोगों को बांग्लादेशी बताकर पीटा गया, वे असल में भारतीय हैं और उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के रहने वाले हैं.

घटना के प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि लोगों को धर्म पूछकर पीटा गया. घटनास्थल पर मौजूद एक बच्चे ने बताया कि पिंकी चौधरी और उसके समर्थकों ने पूछा कि मुस्लिम हो या हिन्दू? जैसे ही मुस्लिम बताया तो उसने पीटना शुरू कर दिया.

10 अगस्त को पिंकी चौधरी ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि हमने जो कहा था वो कर के दिखाया है और इसके साथ ही उसने सभी हिंदुओं से बांग्लादेशियों को मारकर भारत से भगाने का आह्वान किया.

गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश

हिन्दू वीर सेना से जुड़े सत्यम पंडित ने रोहिंग्या, बांग्लादेशियों को 24 से 72 घंटे के अंदर देश छोड़ने की चेतावनी दी. और धमकी दी के अगर ऐसा नहीं हुआ तो हिन्दू वीर सेना का एक-एक कार्यकर्ता इनकी दाढ़ी काटकर, इनके बालों को नोचकर, बांग्लादेश में गाड़ देगा.

उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए सत्यम पंडित पर FIR दर्ज किया और 12 अगस्त को उसे गिरफ्तार कर लिया.

उड़ीसा

द टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर के मुताबिक, सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए जिनमें ओडिशा के जाजपुर, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर और संबलपुर जिलों से पश्चिम बंगाल के बांग्लाभाषी कामगारों पर बांग्लादेशी बताकर हमले की खबरें हैं. स्थानीय लोगों ने उनकी भारतीय नागरिकता का सबूत मांगा. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी से संपर्क कर उड़ीसा में बांग्लाभाषी कामगारों पर ‘बांग्लादेशी’ बताकर हमला किए जाने की खबरों के बाद हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उड़ीसा की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की यूथ विंग भारतीय जनता युवा मोर्चा के कई कार्यकर्ताओं ने ओडिशा के संबलपुर जिले में एक कंस्ट्रक्शन साइट पर 34 लोगों के बांग्लादेशी नागरिक होने के संदेह में उन्हें घेर लिया और पुलिस के हवाले कर दिया. जांच के बाद पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे बांग्लादेश से नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद एरिया के रहने वाले थे, इसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया.

लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 11 अगस्त को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए अत्याचार के खिलाफ़ हिन्दू संगठन ने एक रैली आयोजित की थी. इस रैली के वीडियो में साफ तौर पर सुना जा सकता है कि इसमें हिंदुओं को बचाने के लिए हथियार उठाने की बात की जा रही है और इसी वीडियो में मुसलमानों के खिलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की गई और मुस्लिम धर्म पर अभद्र टिपण्णी की गई.

वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस से की जिसके बाद वीडियो में दिख रहे शख्स देवराज ने वीडियो बनाकर मुस्लिम समुदाय से माफी मांगी और कहा कि इन शब्दों का इस्तेमाल भारतीय मुसलमानों के लिए नहीं किया था. हालांकि, इस मामले में पुलिस की कार्रवाई को लेकर फिलहाल कोई अपडेट नहीं है.

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