सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिख रहा है कि एक महिला को चार लोग पकड़कर गाड़ी में रख रहे हैं. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश की एक हिंदू महिला को मुसलमान अगवा कर ले जा रहे हैं.

5 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद देश संकट की स्थिति में आ गया. वहां अल्पसंख्यकों पर हमलें की कई रिपोर्ट्स आई हैं. 8 अगस्त को एक नई अंतरिम सरकार ने नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त किया. नवगठित सरकार ने 11 अगस्त को आश्वासन दिया कि वे अल्पसंख्यकों पर हमलों की घटनाओं को रोकने के लिए काम कर रहे हैं.

इन सब के बीच प्रीमियम सब्सक्राइब्ड X यूज़र दीपक शर्मा (@SonOfभारत7) ने 9 अगस्त को ये क्लिप शेयर करते हुए लिखा, “इस्लामिक जिहादी कहूं या जानवर..बांग्लादेश के नोआखाली में दरिंदे एक छोटी हिन्दू बच्ची को उठा ले गए, और चौराहे पे उसके साथ रेप किया जब रेप करके थक गए तो उसे यूँही पड़ा छोड़कर भाग गए..सोते रहो हिन्दुओं.” इस पोस्ट को 32 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है और 1,400 से ज़्यादा बार रिशेयर किया गया है. (आर्काइव)

पाठकों को ध्यान देना चाहिए कि इस यूज़र को पहले भी कई बार ग़लत सूचनाएं शेयर हुए पाया गया है.

एक अन्य प्रीमियम सब्सक्राइब्ड X यूज़र सलवान मोमिका (@Salwan_Momika1) ने भी ये वीडियो शेयर करते हुए ऐसा ही दावा किया: “दुनिया की नजरें कहां हैं? बांग्लादेश में मुसलमानों ने एक हिंदू परिवार की हत्या कर दी और उनकी बेटी का अपहरण कर लिया.” पोस्ट को 10.5 लाख व्यूज़ मिले हैं और 23 हज़ार से ज़्यादा बार रिशेयर किया गया है. (आर्काइव)

प्रॉपगेंडा आउटलेट सुदर्शन न्यूज़ के ‘मुख्य संपादक’ सुरेश चव्हाणके सहित कई अन्य यूज़र्स ने वायरल क्लिप को ऐसे ही दावे के साथ शेयर किया.

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फ़ैक्ट-चेक

वीडियो से कई कीफ़्रेम्स लेने के बाद, हमने उनमें से कुछ फ़्रेम्स का रिवर्स इमेज सर्च किया. इससे हमें bdnews24 नामक बांग्लादेशी न्यूज़ आउटलेट की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट दिख रहा है. बंगाली में लिखे टाइटल का हिंदी अनुवाद है: “कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे पति ने पत्नी को उसके मां-बाप के घर से अगवा करने की कोशिश की.”

रिपोर्ट में बताया गया है कि ये घटना 8 अगस्त को बांग्लादेश के नोआखली ज़िले के सेनबाग इलाके में हुई. वहां एक शख्स ने अलग रह रही अपनी पत्नी को अगवा करने की कोशिश की. रिपोर्ट के मुताबिक, शख्स का नाम प्रसेनजीत था और वो करीब 17-18 लोगों और दो छोटी बसों के साथ अपनी पत्नी को अगवा करने पहुंचा था. हालांकि, महिला की चीख से ग्रामीण सतर्क हो गए और गाड़ियों को रोक दिया और प्रसेनजीत और दो अन्य को पकड़ लिया और सेना को सौंप दिया.

रिपोर्ट में आगे ज़िक्र किया गया है कि दोनों ने चार साल पहले शादी की थी. लेकिन महिला को शारीरिक और मानसिक शोषण का शिकार होना पड़ा और आख़िरकार उसने अलग होने की अर्जी दायर की. लगभग डेढ़ महीने पहले अदालत में एक सुनवाई के दौरान, प्रसेनजीत ने कुछ अन्य लोगों के साथ अदालत परिसर से महिला का अपहरण करने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुआ.

चूंकि इस रिपोर्ट में महिला का नाम नहीं था, इसलिए हमने और जानकारी जुटाने की कोशिश की. मीडिया आउटलेट सोनाली न्यूज़ के एक आर्टिकल में महिला की पहचान दुलाल चंद्र पाल की बेटी सुबर्णा रानी पाल के रूप में की गई है. ये भी कहा गया कि प्रसेनजीत कुमिला का रहने वाला था.

फ़ेसबुक पर बंगाली में सबंधित की-वर्डस सर्च करने पर हमें घटना से संबंधित कई पोस्ट मिलीं.

कुल मिलाकर, ये स्पष्ट है कि वायरल वीडियो में कैद हुई घटना का बांग्लादेश में मौजूदा अशांति से कोई संबंध नहीं है. ये एक हिंदू परिवार में वैवाहिक विवाद का मामला था.

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