कोरोना वायरस को रोकने के लिए जारी किये गए लॉकडाउन के बीच हेल्थ वर्कर्स और पुलिस के काम की काफ़ी सराहना की जा रही है. इसी दौरान फ़ेसबुक पर एक ऑनलाइन न्यूज़ प्लेटफ़ॉर्म “श्री न्यूज़ नेटवर्क” ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “जब भारत में सड़क पर मिला Corona का मरीज तो देखिए पुलिस और डॉक्टरों ने क्या किया!” ये आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 2 करोड़ 50 लाख से ज़्यादा बार देखा और 3 लाख से ज़्यादा बार लाइक किया जा चुका है. (आर्काइव किया हुआ पोस्ट)
जब भारत में सड़क पर मिला Corona का मरीज तो देखिए पुलिस और डॉक्टरों ने क्या किया!
Posted by Sree News Network on Friday, 27 March 2020
ये वीडियो इसी मेसेज के साथ फ़ेसबुक पर ‘जेकेन्यूज़ 7’ ने भी पोस्ट किया था. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 12 लाख बार देखा और 13 हज़ार बार लाइक किया जा चुका है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
जब भारत में सड़क पर मिला Corona का मरीज तो देखिए पुलिस और डॉक्टरों ने क्या किया!
Posted by JK News7 on Saturday, 28 March 2020
फ़ेसबुक पर इसी मेसेज के साथ ये वीडियो वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
वीडियो को बारीकी से देखने पर हमें एम्बुलेंस की नंबर प्लेट दिखाई दी जिस पर ‘UP 32’ लिखा हुआ था. ये उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का RTO कोड है. लिहाज़ा इस वीडियो का लखनऊ से कोई कनेक्शन निकल सकता है.
इसके आधार पर हमने लखनऊ पुलिस से संपर्क किया. लखनऊ पुलिस के मीडिया सेल ने हमें बताया कि ये वीडियो लखनऊ का नहीं है. लेकिन ऐसा लग रहा है कि ये शायद बाराबंकी में हुई मॉकड्रिल का है. आगे ‘बाराबंकी मॉकड्रिल’ की-वर्ड्स से सर्च करने पर हमें 27 मार्च की ‘पत्रिका’ की रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, बाराबंकी में पुलिस प्रसाशन और स्वास्थ्य कर्मचारीयों ने अपनी तैयारियों को परखने के लिए ये मॉकड्रिल की थी. इस मॉकड्रिल में डीएम डॉक्टर आदर्श सिंह और एसपी समेत अस्पताल कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया था. इस मॉकड्रिल में कुवैत से लखनऊ आए एक व्यक्ति को बाराबंकी की सड़क के बीचो-बीच गाड़ी से उतारा गया. व्यक्ति के तापमान को देखते हुए कोरोना संक्रमित होने की आशंका पर इस व्यक्ति को अस्पताल ले जाया गया.
पत्रिका ने मॉकड्रिल का ये वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया है.
बाराबंकी के एसपी डॉ. अरविन्द चतुर्वेदी से बात करने पर उन्होंने बताया कि ये वीडियो मॉकड्रिल का ही है.
इस तरह उत्तरप्रदेश के बाराबंकी में स्वास्थ्य और पुलिस प्रसाशन की तैयारियों को जांचने के लिए की गई एक मॉकड्रिल का वीडियो असल में कोरोना मरीज़ पकड़े जाने के दावे से शेयर किया गया.
नोट : भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 10 हज़ार के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 19 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 1 लाख 19 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.
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