एक वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है. इसके साथ दावा है कि जम्मू कश्मीर में रोशनी एक्ट के तहत बसाई गयी रोहिंग्या की बस्ती उखाड़ी जा रही है.
जम्मू कश्मीर में रोहिंग्या जेहादियों की रोशनी एक्ट के तहत बसाई गई बस्ती उखाड़ी जा रही है 🤓 DUKHAD pic.twitter.com/hjR1GkoPE8
— Dr. Richa Rajpoot🇮🇳 (@doctorrichabjp) June 10, 2021
इसी दावे के साथ शेयर किए गए इस वीडियो को 9 हज़ार से अधिक बार देखा जा चुका है. दावे में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के घर उजारे जाने की बात की गयी है.
In Jammu and Kashmir, the colonies which Rohingy@s and B@ngala Deshis had encroached are under bulldozer now!!! #ModiHaiTohMumkinHai 🙏🏻👏🏻👏🏻 pic.twitter.com/kg6B3l2izG
— Apsara 🇮🇳 (@psra_Bharathiya) June 9, 2021
ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर और मोबाइल ऐप पर इस वीडियो की पड़ताल की रिक्वेस्ट मिली हैं. इसके अलावा @jagat_darak, @doctorrichabjp, @Shrish_1987, @akshayspeaks2 ने ये वीडियो शेयर करते हुए ऐसा ही दावा किया है.
फ़ैक्ट-चेक
इस वीडियो में ‘जम्मू लिंक्स न्यूज़‘ का लोगो दिख रहा है. इस आधार पर जब हमने सर्च किया तो पता चला कि इस वीडियो का कोई रोहिंग्या ऐंगल नहीं है. ये वीडियो ‘जम्मू लिंक्स न्यूज़’ चैनल ने यूट्यूब पर 5 जून 2021 को अपलोड किया है. इसे शेयर करते हुए चैनल ने लिखा है, “झील और जलमार्ग विकास प्राधिकरण द्वारा निरंतर अतिक्रमण हटाने के प्रयास के दौरान लश्करी मोहल्ला, दोजी मोहल्ला, बुरझामा के क्षेत्र में, प्रवर्तन अधिकारी की देखरेख में पिछले एक सप्ताह में कई अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया.”
ये वीडियो जम्मू कश्मीर का रीजनल समाचार चैनल ‘JK अपडेट’ ने भी यूट्यूब पर 5 जून को इसी दावे के साथ शेयर किया है.
पंजाब केसरी और ETV भारत ने भी इस वीडियो पर रिपोर्ट करते हुए यही बातें लिखी है.
इंडिया टुडे की 28 मई की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन का फायदा उठाकर कुछ लोग अतिक्रमण कर रहे थे. डल झील के आसपास बहुत अवैध निर्माण हुआ है जिसे अब गिराया जा रहा है. इस एरिया में 170 अवैध संरचनाओं को गिराया गया है और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. ये सब काम झील और जलमार्ग विकास प्राधिकरण (LAWDA) ने किया है.
हमने LAWDA के वाइस चेयरमैन बशीर अहमद भट्ट से संपर्क किया. उन्होंने बताया, आये दिन हमें अवैध निर्माण तोड़ने पड़ते हैं. ये मकान और दुकानें यहां के स्थानीय लोगों के होते हैं. हमलोग ये काम कोर्ट के आदेश के तहत करते हैं. मेरी जानकारी में ऐसा नहीं आया है कि रोहिंग्या या बांग्लादेशियों की बस्तियां तोड़ी गयी हो.”
श्रीनगर के एक स्थानीय पत्रकार से भी हमने बात की. उन्होंने भी यही बताया कि ये अवैध संरचनाएं यहां के स्थानीय लोग ही बनाते हैं. इसकी जानकारी जब LAWDA को मिलती है तो वो ये निर्माण तोड़ देते हैं.
यानी इस वीडियो का रोहिंग्या या बांग्लादेश शरणार्थियों से कोई लेना-देना नहीं है. वीडियो में जम्मू-कश्मीर में कुछ जगहों से अतिक्रमण को हटाया जा रहा है.
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