18 मई को मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में बसों को फिर से चालू करने की घोषणा की थी और कहा था कि एक बस में सिर्फ़ 20 लोगों को ही सफ़र करने की अनुमति दी जाएगी. उन्होंने बताया कि सरकार को कोरोना महामारी के इस दौर में धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था को फिर से शुरू करने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए.

इसी बीच लोगों से खचाखच भरी एक बस का वीडियो सोशल मीडिया में शेयर हो रहा है. वीडियो में लोगों से घिरा एक व्यक्ति सवाल करता है कि अगर भीड़ के चलते लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए तो इसके लिए ज़िम्मेदार कौन होगा? वो पूछता है, “DM होगा…केजरिवाल होगा…कौन होगा?…है कोई जवाब?”

19 मई को बीजेपी दिल्ली ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर निशाना साधा, “केजरीवाल जी, आपने तो कहा था कि आप सुनिश्चित करेंगे कि बस में 20 से ज़्यादा लोग एक समय में यात्रा ना करें। क्यों लोगों को मरवाना चाहते हो मुख्यमंत्री जी, जवाब दो! ये कैसा मुख्यमंत्री है जिसे जनता की जान की कोई फ़िक्र ही नहीं है!” आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 1,300 बार रीट्वीट किया जा चुका है.

पश्चिम दिल्ली के सांसद परवेश साहब सिंह ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “बधाई हो उन सबको जिन्होंने केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाया, जिस मुख्यमंत्री को अपने नागरिकों की जान से ज़्यादा Gst की पड़ी है। @ArvindKejriwal ने कहा था कि वो सुनिश्चित करेंगे की हर बस में 20 लोग ही रहेंगे। इसका ज़िम्मेदार कौन होगा ?” आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 6,700 बार रीट्वीट किया गया है.

कांग्रेस के नेता अजय माकन ने 19 मई को इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “आज ये रिज़ल्ट आना तो तय है. डीटीसी स्टॉप पर लोग खड़े हैं और बसें भरी हुई हैं.”

19 मई को भाजपा नेता अमित मालवीय ने लॉकडाउन में छूट देने की अरविंद केजरिवाल की घोषणा के वीडियो के साथ इस वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “दिल्ली में कोरोना संक्रमण अब भी तेजी से फैल रहा है। मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। लेकिन जिस तरह केजरीवाल ने पूरी दिल्ली को खोलने का ऐलान कर दिया है उससे तो सिर्फ यही सिद्ध होता है कि उन्हें दिल्ली के लोगों की जान से ज्यादा उनसे मिलने वाले राजस्व से प्यार है। जनता मरती है तो मरे…” (ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न)

फ़ैक्ट-चेक

भाजपा दिल्ली के ट्वीट पर रिप्लाइ करते हुए दिल्ली के पत्रकार जतिन आनंद ने बताया कि इस वीडियो को 27 मार्च, 2020 को DTC कर्मचारी एकता यूनियन व्हाट्सऐप ग्रुप में शेयर किया गया था.

इसके आधार पर हमने व्हाट्सऐप ग्रुप के एक सदस्य से संपर्क किया. उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर व्हाट्सऐप ग्रुप ‘DTC कर्मचारी एकता यूनियन’ में हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भेजी. रिकॉर्डिंग से मालूम हुआ कि ये वीडियो व्हाट्सऐप ग्रुप में 27 मार्च 2020 को भेजा गया था.

वीडियो को ध्यान से देखने पर हमें टाइमस्टैम्प दिखाई दिया जिसके मुताबिक इस वीडियो को ग्रुप में 27 मार्च की रात 9 बजकर 4 मिनट पर भेजा गया था. नीचे दिए गए व्हाट्सऐप ग्रुप के स्क्रीनशॉट में टाइम साफ़ दिखाई देता है.

आगे हमने DTC कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष मनोज शर्मा से बात की. शर्मा ने बताया कि ये वीडियो मार्च महीने का है और इसमें दिखने वाला व्यक्ति दिल्ली सिविल डिफेंस का कर्मचारी है और बस में दिखने वाले लोग प्रवासी मज़दूर हैं जिन्हें आनंद विहार ISBT ले जाया जा रहा हैं.

इस तरह, दिल्ली सिविल डिफ़ेंस के कर्मचारी द्वारा बस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ठीक से नहीं होने की शिकायत करने का वीडियो तकरीबन 2 महीने पुराना है. इस वीडियो का लॉकडाउन में छूट देने के अरविंद केजरिवाल के हालिया फ़ैसला से कोई लेना-देना नहीं है.

इसके अलावा, बस के बाहर खड़ी एक भीड़ का एक और वीडियो सोशल मीडिया में शेयर हो रहा है. वीडियो में साफ़-साफ़ दिख रहा है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं. 20 मई को दिल्ली के परिवहन मंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का सही से पालन न करवाने पर बस मार्शल, ड्राइवर और कंडक्टर के खिलाफ़ कार्यवाही की जाएगी.

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.