ट्विटर यूज़र नेहा @ShantiseAshanTi ने एक CCTV फ़ुटेज शेयर किया जिसमें एक आदमी हॉस्पिटल के अंदर एक कर्मचारी को मार रहा है. उन्होंने लिखा, “जांच से इन्कार करके डॉक्टर को पीटते ज़ी न्यूज़ स्टाफ़ का वायरल वीडियो. क्या न्यूज़ चैनल्स की तरह हम भी बिना इसकी सच्चाई जाने इसे हज़ारों बार शेयर कर सकते हैं.”
Viral video of Zee News staff member assaulting doctor refusing to get tested. Can we share this like a few thousand times before checking for authenticity like news channels do.#ZeenewsSpreadingCorona #CoronaZeehad #Zeenewsbandkaro pic.twitter.com/tWSYff3mK2
— Neha (@ShantiseAshanTi) May 19, 2020
यह वीडियो ज़ी न्यूज़ के 28 कर्मचारियों को कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाने के बाद शेयर किया जा रहा है.
नेहा ने यह वीडियो सबसे पहले शेयर किया, बाद में कई और लोगों ने इसे आगे बढ़ाया. मेहनूर नूरी @MehnurN नाम के यूज़र ने दावा किया कि ज़ी न्यूज़ के रिपोर्टर ने जांच कराने से इनकार किया और डॉक्टर के साथ मारपीट की.
Viral Video!
Ye hai Zee News staff reporter! corona positive paya gaya hai lekin woh test k liye inkar raha tha…
Uske baad doctor per hamla#AntiNationalThinking pic.twitter.com/LcqBomzHVM— Mehnur Nooree (@MehnurN) May 19, 2020
वीडियो को फेसबुक पर भी इसी कैप्शन के साथ शेयर किया गया.
Viral video of Zee News staff member assaulting doctor refusing to get tested. Can we share this like a few thousand times before checking for authenticity like news channels do.
Posted by Nida Shariff on Tuesday, 19 May 2020
चीन का पुराना वीडियो
यह वीडियो चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (CGTN) द्वारा 14 अक्टूबर 2018 को शेयर किया गया था. यह घटना 22 सितंबर 2018 को हुई थी, जहां पेकिंग यूनिवर्सिटी फ़र्स्ट हॉस्पिटल में एक प्रेग्नेंट महिला के पति और बेटी ने डॉक्टर्स को सिज़ेरियन डिलिवरी से इन्कार करने पर पीटा था.
CGTN की रिपोर्ट कहती है, “सहकर्मी के मुताबिक हॉस्पिटल की सिक्योरिटी फ़ुटेज में दिखता है कि मरीज के परिजनों ने Dr. He को सिर और पेट में मुक्के और लात से मारा, जिसकी वजह से उन्हें कई जगह फ्रैक्चर हुए हैं.
बीजिंग न्यूज़ के मुताबिक डॉक्टर का जबड़ा फ्रैक्चर हो गया और आंखों के पास गहरी चोट लगी, उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया.
चीन का पुराना वीडियो हॉस्पिटल में ज़ी न्यूज़ एम्प्लॉयी द्वारा डॉक्टर की पिटाई का बताकर शेयर किया गया. गौर करने वाली बात है कि नेहा (@ShantiseAshanTi) को रिप्लाय में कई यूज़र्स ने बताया था कि यह वीडियो भारत का नहीं है. जवाब में उन्होंने एक यूज़र से सबूत मांगा, उन्होंने लिखा, “हम शायद कुछ लाख व्यूज़ होने के बाद सबूत देंगे, अगर वह गलत साबित हुआ तो खेद जताएंगे, जैसे न्यूज़ चैनल्स करते हैं.”
We will provide proof may be after a few lakh views and if found wrong will issue regret statement like news channels do
— Neha (@ShantiseAshanTi) May 19, 2020
नेहा ने अपने ओरिजिनल ट्वीट में भी इसी तरह की बात लिखी है, ““जांच से इनकार करके डॉक्टर को पीटते ज़ी न्यूज़ स्टाफ़ का वायरल वीडियो. क्या हम इसे सच्चाई जाने बिना हज़ारों बार शेयर कर सकते हैं, जैसे न्यूज़ चैनल्स करते हैं.” ऐसा हो सकता है कि ट्विटर यूज़र ने ज़ी न्यूज़ सहित मेनस्ट्रीम मीडिया का मज़ाक उड़ाने के लिए ऐसा किया हो जहां ये अक्सर होता रहता है कि बिना वेरिफिकेशन के जानकारी शेयर की जाती है और बाद में स्पष्टीकरण (या बिना स्पष्टीकरण) के उसे हटा लिया जाता है. जब दिल्ली के निज़ामुद्दीन मरकज़ को कोरोना हॉटस्पॉट घोषित किया गया था तो ज़ी न्यूज़ ने तबलीगी जमात की अल क़ायदा और आत्मघाती हमलावरों से तुलना की थी और इस ‘जानकारी’ का सोर्स विकीलीक्स को बताया था. ऑल्ट न्यूज़ ने हाल ही में एक फ़ैक्ट-चेक पब्लिश किया था जहां ज़ी न्यूज़ के के आर्टिकल में झूठा दावा किया गया था कि ब्रिटेन के रेस्टोरेंट में ग़ैर मुस्लिम ग्राहकों को मानव मल परोसा जाता है. हालांकि मेनस्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया में फ़ेक न्यूज़ का सामना करने के लिए ख़ुद फ़ेक न्यूज़ फैलाना सही तरीका नहीं है.
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