सोशल मीडिया पर एक वीडियो सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर किया गया जिसमें एक महिला पुलिस वालंटियर को रथ के नीचे घुटनों के बल बैठी एक महिला को खींचते हुए देखा जा सकता है. दावा है कि ये महिला ओडिशा के पुरी में वार्षिक रथ यात्रा के दौरान नमाज़ या इस्लामी प्रार्थना कर रही थी. हालांकि, क्लिप में साफ तौर पर नहीं दिख रहा है कि ये महिला नमाज़ पढ़ रही थी, लेकिन बैकग्राउंड में किसी को ये पूछते हुए सुना जा सकता है, “नमाज़ पोर्चे नाकी?” (क्या ये नमाज़ पढ़ रही है?)
रथ यात्रा या रथ उत्सव एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जिसमें हिंदू देवता जगन्नाथ (जिन्हें कृष्ण का रूप माना जाता है) के हजारों भक्त पुरी आते हैं. हिंदू पौराणिक कथाओं में देवता अपने भाई-बहनों के साथ अपनी मौसी से मिलने के लिए रथ पर यात्रा करते हैं और रास्ते में सभी को आशीर्वाद देते हैं. शहर में आमतौर पर इस वक्त आगंतुकों की भारी बढ़ोतरी देखी जाती है. इस पैमाने की झलक वायरल वीडियो में भी दिख रही है.
सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा है कि वीडियो में दो व्यक्तियों को जगन्नाथ के पवित्र रथ के नीचे नमाज़ पढ़ते हैं, और ये जानबूझकर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का अनादर करने और त्योहार की पवित्रता को ख़राब करने के लिए किया गया है.
2 जुलाई को X यूज़र BALA (@erbmjh) ने फ़ुटेज शेयर करते हुए इसे ईशनिंदा बताया. उन्होंने महिला की गिरफ़्तारी की मांग करते हुए ओडिशा पुलिस को भी टैग किया.
Blasphemy during Rath Yatra!!
Woman caught doing Namaz under the Jagannath Rath in Puri.
Enough of testing the patience of Hindus. Why isn’t she arrested yet @odisha_police ? pic.twitter.com/oBwhP5p15u
— BALA (@erbmjha) July 2, 2025
आर्टिकल के लिखे जाने तक, इस पोस्ट को 1 लाख 64 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया था. ध्यान दें कि ऑल्ट न्यूज़ ने इस यूज़र द्वारा शेयर की गई ग़लत सूचनाओं को कई बार फ़ैक्ट-चेक किया है.
उसी दिन, X पर सुदर्शन न्यूज़ के पत्रकार सागर कुमार (@KumaarSaagar) ने ये वीडियो शेयर किया और बताया कि हिंदू त्योहार के दौरान नमाज अदा करना एक बड़ी साजिश का संकेत है.
ये एक बहुत बड़ी साज़िश है।
अपना शक्ति प्रदर्शन किया गया है।
हिंदुओं की सबसे बड़ी और पवित्र रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ जी के रथ के नीचे “नमाज़” पढ़ी गई। pic.twitter.com/UCgiSJhUXm— Sagar Kumar “Sudarshan News” (@KumaarSaagar) July 2, 2025
इस आर्टिकल के लिखे जाने तक इस पोस्ट को 5 लाख 73 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है.
एक और X यूज़र, समीर (@BesuraTaansane) ने भी उत्तेजक कैप्शन के साथ वीडियो शेयर किया कि जो लोग हिंदुओं से नफरत करते हैं उन्हें अपने “वादा किए गए देश” में जाना चाहिए.
If you hate Hindus so much why don’t you just GTFOH & go to your promised land
Shameless beach was caught offering 🤲 under the Rath at the Jagannath Rath Yatra 🤬🤬🤬pic.twitter.com/3FWer1vLgv
— Sameer (@BesuraTaansane) July 2, 2025
इस आर्टिकल के लिखे जाने तक पोस्ट को 7,81,000 से ज़्यादा बार देखा गया है.
कई सोशल मीडिया यूज़र्स (जिनके द्वारा पहले भी ग़लत सूचना फैलाने पर ऑल्ट न्यूज़ ने उनकी पड़ताल की थी) ने भी इसी तरह के दावों के साथ वीडियो शेयर किया. इनमें मेघअपडेट्स (@MeghUpdates), स्क्विंट नियॉन (@TheSquind), जितेंद्र प्रताप सिंह (@jpsin1), ओसियन जैन (@ocjain4), और कल्पना श्रीवास्तव (@Lawyer_Kalpana) शामिल हैं.
फ़ैक्ट-चेक
गौर से देखने पर ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वायरल वीडियो पर “ख़बरदार लाइव” का वॉटरमार्क है. हम ख़बरदार लाइव के फ़ेसबुक पेज तक पहुंचे जो खुद को ओडिशा स्थित एक स्थानीय न्यूज़ और मीडिया वेबसाइट बताता है. इस पेज पर हमें 28 जून, 2025 को पोस्ट किए गए वायरल वीडियो का एक लंबा वर्ज़न मिला. इसके साथ ओडिया में कैप्शन में लिखा है, “पुलिस महिलाओं को जगन्नाथ के रथ के नीचे क्यों लेकर आई?”
इस वीडियो में 1 मिनट 22 सेकेंड पर, जिस महिला को पुलिसकर्मी ने घसीटा था, उसे विरोध करते हुए सुना जा सकता है. वो कहती है, “ये क्या तरीका है?” इस पर, पास का एक व्यक्ति जवाब देता है कि ज़ल्द ही जगन्नाथ देवता की मूर्ति को रथ की सीढ़ियों से ऊपर ले जाया जाएगा, और इसके लिए लोगों को रथ के नीचे बैठने की अनुमति नहीं है. महिला फिर जवाब देती है, “लेकिन हमको यहां पर बैठा के गए थे, भैया..” रथ के नीचे अभी भी घुटनों के बल बैठे अन्य लोगों की ओर इशारा करते हुए वो कहती हैं, “वो भी तो वहीं खड़े हैं.”
इससे ये साफ हो जाता है कि महिला वहां नमाज़ पढने नहीं बैठी थी, बल्कि ऐसा लग रहा था कि उसकी वहां मौजूदगी को लेकर कुछ गलतफहमियां थीं.
इसके अलावा, आमतौर पर नमाज़ के दौरान, मुसलमान अपना सिर ढकते हैं और चटाई का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ऐसा इस वीडियो में नहीं दिखता है. इससे हमें शक हुआ कि वो नमाज़ नहीं पढ़ रही थी. हमने इस वीडियो के संदर्भ में ऐसे व्यक्ति से भी बात की जो इस बात से परिचित था कि इस्लामिक नमाज़ कैसे की जाती है और उन्होंने भी हमें बताया कि नमाज़ के दौरान महिलाओं के लिए सिर ढंकना एक प्रथागत आवश्यकता है और उनके बैठने की मुद्रा (पैरों को क्रॉस करके) सलाह के लिए निर्धारित मुद्रा के साथ संरेखित नहीं होती है. उन्होंने कहा कि कोई नमाज़ या प्रार्थना की चटाई दिखाई नहीं दे रही थी जिससे ये संभावना नहीं थी कि वो नमाज़ पढ़ रही थी.
ऑल्ट न्यूज़ ने पुरी के एक वरिष्ठ पत्रकार से भी संपर्क किया जो इस घटना से परिचित थे. उन्होंने इस दावे का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि लोग सिर्फ जगन्नाथ की मूर्ति की एक झलक पाने के लिए घुटने टेककर वहां बैठे थे.
इसकी पुष्टि के लिए, ऑल्ट न्यूज़ ने ओडिशा पुलिस के मंदिर सुरक्षा प्रभारी अधिकारी कौशिक नायक से भी कॉन्टेक्ट किया. कथित वीडियो के बारे में पूछे जाने पर कौशिक नायक ने कहा, “ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है.”
ऑल्ट न्यूज़ ने स्वतंत्र रूप से वीडियो में महिला की पहचान भी की, लेकिन उसकी गोपनीयता के लिए उसका नाम उजागर नहीं किया जा रहा है. हम महिला के परिवार और परिचितों तक पहुंचने में कामयाब रहे जिन्होंने पुष्टि की कि वो असल में हिंदू और जगन्नाथ भक्त हैं.
कुल मिलाकर, इन बातों से ये साफ हो जाता है कि वायरल वीडियो में एक हिंदू महिला भीड़ भरे रथयात्रा उत्सव के दौरान रथ के नीचे बैठी है और नमाज़ नहीं पढ़ रही है जैसा कि सोशल मीडिया यूज़र्स दावा कर रहे हैं.
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