कुछ फ़ेसबुक और टि्वटर यूज़र्स ने 1 मिनट का वीडियो शेयर किया है जिसमें कुछ लोग ज़मीन से पौधों को उखाड़ते दिख रहे हैं. इस वीडियो के साथ वायरल हो रहा कैप्शन है, “इस वृक्षारोपण कार्यक्रम को पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुरू किया था. देखिए किस तरह इसे नमाज़ी लोग उखाड़ रहे हैं क्योंकि यह गैर इस्लामिक है. पौधे लगाना इस धर्म के खिलाफ है.”

राइट विंग लेखिका रेनी लिन ने दावा किया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारतीय प्रधानमंत्री को ‘कॉपी करते हुए’ वृक्षारोपण किया लेकिन स्थानीय लोगों ने पौधे उखाड़ दिए क्यूंकि उन लोगों के मुताबिक़ एय काम इस्लाम के ख़िलाफ़ है. इस वीडियो को 10 हज़ार से ज़्यादा रीट्वीट्स मिले और 4 लाख से ज़्यादा बार इसे देखा गया. (ट्वीट का आर्काइव किया हुआ लिंक)

इस वीडियो को मेजर सुरेंद्र पूनिया और नॉर्वे के राजनयिक एरिक सोल्हिम समेत कई अन्य ट्विटर यूज़र्स ने शेयर किया. पूनिया के ट्वीट को 8,000 से ज्यादा बार रिट्वीट किया गया.

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पाकिस्तानी कनेडियन लेखक तारिक फतेह ने इसी वीडियो को अभद्र भाषा के साथ पोस्ट किया.

आईपीएस अधिकारी दीपांशु काबरा ने सोल्हिम को कोट करते हुए लिखा, ”भगवान भी उस राष्ट्र का कल्याण नहीं कर सकते जहां अतिवादी सोचते हैं कि पौधे लगाना ”एंटी-इस्लामिक” है. हर धर्म सिखाता है कि हम धरती के वासी हैं और हमें धरती का सम्मान, सभी जीवों की सुरक्षा करनी होगी और पर्यावरण के साथ हमारे रिश्ते को और भी मजबूत करना होगा. @ImranKhanPTI के साथ हमारी पूरी संवेदना है.” दीपांशु काबरा ने बाद में ये ट्वीट डिलीट कर दिया.

रविंदर सांगवान ने यह वीडियो को फ़ेसबुक पर इसी कहानी के साथ पोस्ट किया जहां इसे 67,00 से ज्यादा शेयर मिले. (फ़ेसबुक पोस्ट का आर्काइव किया हुआ लिंक)

🔸Tree plantation drive was started by Pak PM Imran Khan.
🔸Look how namazi people oppose it becuase it’s un!slam!c

Planting tree is against the faith.🧐🧐🔥😱😱😱😱

Posted by Ravinder Sangwan on Sunday, 9 August 2020

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने कीवर्ड्स, ‘plantation pakistan uproot tree‘ सर्च किया और पाकिस्तानी न्यूज़ वेबसाइट ’द न्यूज़’ का 9 अगस्त का एक लेख मिला. इस लेख में एक न्यूज़ बुलेटिन का वीडियो भी पब्लिश किया गया है जिसमें यह वायरल वीडियो नज़र आ रहा है. इस वेबसाइट ने यह आर्टिकल ट्वीट भी किया हुआ है.

रिपोर्ट के अनुसार यह घटना पाकिस्तान के खैबर एजेंसी क्षेत्र के मंडी कास में हुई थी. वहां के स्थानीय लोगों ने हाल ही में लगे पौधों को ‘गैर सरकारी ज़मीन पर ज़बरदस्ती वृक्षारोपण’ के बाद उखाड़ा था. इस वृक्षारोपण कार्यक्रम की शुरुआत पाकिस्तान के तहरीक-ए-इंसाफ़ के सदस्य इक़बाल अफ़रीदी ने किया था. यह कार्यक्रम पाकिस्तान के राष्ट्रीय पौधारोपण अंग 100 बिलियन ट्री सुनामी का हिस्सा है.

प्रधानमंत्री इमरान खान ने 9 अगस्त को देश में ‘सबसे बड़ा’ पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया था जिसका लक्ष्य कम से कम 35 लाख पेड़ लगाना था.

अफ़रीदी ने कबूला कि यह कैंपेन वाकई निजी ज़मीन पर चलाया गया था. उन्होंने द न्यूज़ को बताया था, “स्थानीय निवासी बिना इजाज़त वृक्षारोपण कैंपेन के खिलाफ गुस्साए हुए थे. हम उनके साथ बात करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.”

जिला प्रशासन अधिकारी ने डॉन (Dawn) से बात करते हुए कहा था कि उस ज़मीन पर मालिकाना हक को लेकर दो प्रभावी गुटों में विवाद चल रहा था. उन्होंने कहा, “इनमें से एक पक्ष कैंपेन के शिलान्यास में मौजूद था जबकि दूसरा पक्ष इसके बारे में नहीं जानता था और उन्होंने ही पौधे उखाड़े थे”.

एडवर्ड्स कॉलेज पेशावर के पूर्व शिक्षक रियाज़ गफ़ूर ने इस वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए इस घटना कि निंदा की थी. इसके बाद उन्होंने एक और वीडियो शेयर किया जिसमें लोग पौधे लगा रहे हैं. ऑल्ट न्यूज़ को गफ़ूर ने बताया कि जो बुज़ुर्ग लोग पौधे लगाने के खिलाफ नहीं थे उन्होंने उसी स्थान पर दोबारा पौधे लगाए.

यानी सोशल मीडिया का यह दावा कि पाकिस्तान में लोग पेड़ उखाड़ रहे हैं क्योंकि यह गैर इस्लामिक है, बिल्कुल ग़लत और अतार्किक है.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.