एक इमारत से बाहर निकलते मुस्लिम संप्रदाय के लोगों का एक वीडियो तेलुगु मैसेज के साथ काफ़ी शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित विनायक मंदिर को क्वारंटीन सेंटर में बदल दिया गया है. कई यूजर्स ने गुस्सा जताया कि मस्जिदों और गिरजाघरों को कोरोना वायरस के मरीजों के लिए क्वारंटीन सेंटर नहीं बनाया गया लेकिन एक मंदिर का इस काम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

ఐసోలేషన్ వార్డులుగా కాణిపాకం దేవస్థానం పరిధిలో ఉన్న సత్రాల

Posted by RJ Kiran on Monday, 6 April 2020

तेलुगु में वायरल पूरा मैसेज ये रहा, “ఒక చర్చి ,మసీదు ,ఇస్లాం యూనివర్సిటీ తిరుపతి లో వీటిలో ఏ ఒక్కటీ ఐసోలేషన్ వార్డులుగా చేయలేదు కానీ మహోన్నతమైన కాణిపాకం వినాయక స్వామి దేవాలయాన్ని చేసింది ఈ ప్రభుత్వం అది కూడా వాళ్ళ మతం కోసం డిల్లీ పోయొచ్చిన సాయుబుల కోసంvచూడండి వాళ్ళు గుడిలోకి చెప్పులేసుకుని పోయి దేవస్థానాన్ని ఎంత అపచారం చేస్తున్నారో చూడండిvమసీదు లుని వార్డులగా చేయని ప్రభుత్వం హింందూ దేవాలయాన్ని ఎందుకు చేసింది?”

इस क्लिप को इसी दावे के साथ अंग्रेज़ी में भी शेयर किया जा रहा है.

ये विनायक मंदिर नहीं, बल्कि एक लॉज है

वीडियो को ध्यान से देखने पर एक बैनर नज़र आता है जिसपर ‘गणेश सदन’ लिखा हुआ है.

इसी आधार पर ‘गणेश सदन आंध्र प्रदेश’ कीवर्ड सर्च करने पर चित्तूर के ‘श्री गणेश सदन’ से जुड़े परिणाम सामने आते हैं. राज्य सरकार ने इसको अस्थायी क्वारंटीन सेंटर बनाया है. ये एक लॉज है जो पब्लिक के इस्तेमाल के लिए है. इससे पहले ‘फ़ैक्टली‘ ने भी इस दावे का फ़ैक्ट-चेक किया था.

गूगल मैप्स (सबसे ऊपर) पर मौज़ूद इस सदन की तस्वीरें वीडियो (सबसे नीचे) में दिख रहे विजुअल्स से मेल खाती हैं.

देखने से ऐसा लगता है कि ये लॉज तीर्थयात्रियों को ठहरने की सुविधा प्रदान करता है. ये विनायक मंदिर से एक किलोमीटर से भी कम की दूरी पर स्थित है. गूगल पर मिली सदन के अंदर की एक तस्वीर में तीर्थयात्रियों के ड्रेस कोड के बारे में लिखा है.

नीचे कनिपकम के विनायक मंदिर की एक तस्वीर है.

इसलिए, एक आवासीय सदन में बने क्वारंटीन सेंटर से निकलते मुस्लिम मरीज़ों के वीडियो को इस फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर किया गया कि विनायक गणेश मंदिर को क्वारंटीन सेंटर में बदल दिया गया है.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.