1:37 मिनट का वीडियो फेसबुक पर इस दावे से वायरल है कि यह कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति के इलाज को दर्शाता है। यह वीडियो एक NGO के फेसबुक पेज से पोस्ट किया गया है।

Korona virus, very new deadly form of virus, china is suffering, may come to India immediately, avoid any form of cold drinks, ice creams, koolfee, etc, any type of preserved foods, milkshake, rough ice, ice colas, milk sweets older then 48 hours, for atleast 90 days from today.

Posted by News Update on Tuesday, 28 January 2020

वीडियो के साथ लिखे गए सन्देश के अनुसार, “Korona virus, very new deadly form of virus, china is suffering, may come to India immediately, Team ForChange NGO is requesting to everyone to avoid any form of cold drinks, ice creams, koolfee, etc, any type of preserved foods, milkshake, rough ice, ice colas, milk sweets older then 48 hours, for at least 90 days from today.”

(अनुवाद – “कोरोना वायरस, नया घातक वायरस, चीन इससे पीड़ित है, भारत में भी आ सकता है। टीम फॉरचेंज NGO सबसे अनुरोध करता है कि किसी भी प्रकार के कोल्ड ड्रिंक, आइस क्रीम, कुल्फी, इत्यादि या किसी भी प्रकार के प्रिज़र्व फ़ूड, मिल्कशेक, रॉ आइसक्रीम, मिल्क स्वीट 48 घंटो से रखे हुए हों तो ना खाये। आजसे यह कम-से-कम 90 दिनों तक करें।”)

इस समान वीडियो को सोशल मीडिया पर कई उपयोगकर्ताओं ने अपलोड किया है। ऑल्ट न्यूज़ के अधिकृत मोबाइल एप पर इस वीडियो की जांच करने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए है।

तथ्य जांच

इस वीडियो को कई की-फ्रेम्स में तोड़ने के बाद, यांडेक्स पर रिवर्स सर्च किया गया। परिणामस्वरुप हमने पाया कि यह वीडियो एक व्यक्ति के होठों से पैरासाइट निकालने की प्रक्रिया को दर्शाता है। इस वीडियो को यूट्यूब पर Punto Negro ने करीब तीन महीने पहले अपलोड किया था। स्पेनिश भाषा में लिखा गया टाइटल है, ‘Gusano en el labio’, जिसका अनुवाद है – ‘होठों में लगा कीड़ा।’

वीडियो नीचे देखा जा सकता है।

मिरर यूके द्वारा 17 अगस्त, 2015 को प्रकाशित किये गए लेख में भी इस वीडियो को शामिल किया गया है, जिसमें एक महिला के होठों से जीवित मैगॉट निकाला जाता है।

नीचे दिए गए वीडियो में यह बताया गया है कि, कैसे ‘BotFly’ नामक एक कीड़ा मानव त्वचा के अंदर प्रवेश करता है।

इसके अतिरिक्त, क्षेत्रीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान हॉस्पिटल, इम्फाल (RIMS) के मीडिया अधीक्षक के कार्यालय ने पश्चिमी इम्फाल, मणिपुर के पुलिस अधीक्षक को सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस से सम्बंधित दावों के बारे में एक पत्र लिखा। पत्र में बताया गया है कि वायरल सन्देश में कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति को RIMS अस्पताल में भर्ती कराए जाने का दावा गलत है।

यह ध्यान देने लायक है कि इस वायरस से संक्रमित व्यक्तियों को मुंबई, पुणे, बिहार और दिल्ली में निगरानी के तहत रखा गया है। अभी हाल ही में, भारत में कोरोना वायरस के 3 मामले की पुष्टि हुई है।

सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति के होठों से पैरासाइट निकालने का वीडियो, चीन में हाल ही में फैले कोरोना वायरस से सम्बंधित बताकर प्रसारित किया गया है।

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Defence Correspondent turned fact-checker. Two times award winning journalist by Govt. of Goa.