कोविड-19 की दूसरी लहर ने भारत की स्वास्थ्य प्रणाली को हिला कर रख दिया है और मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. कई देशों ने भारत को वैक्सीन, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, वेंटिलेटर और PPE किट्स आदि संसाधनों से जुड़ी मदद देने का वादा भी किया है. पीटीआई ने 26 अप्रैल को रिपोर्ट किया कि सऊदी अरब अडानी ग्रुप और ब्रिटिश मल्टीनेशनल कंपनी लिंडे के साथ मिलकर भारत को 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई कर रहा है.
इसके बाद सोशल मीडिया यूज़र्स 13 सेकंड की एक क्लिप शेयर करने लगे जिसमें दो लोग एक टैंकर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड और रिलायंस फ़ाउंडेशन का स्टीकर लगा रहे हैं. दावे के मुताबिक रिलायंस सऊदी अरब से भेजे जा रहे ऑक्सीजन का क्रेडिट लेना चाह रहा है. इसे कांग्रेस सदस्य विकास बंसल ने भी शेयर किया था. लेकिन बाद में ये ट्वीट हटा लिया गया.
फ़ेसबुक यूज़र आलिया आली ने भी इसी दावे के साथ ये वीडियो पोस्ट किया जिसे आर्टिकल लिखे जाने तक 2 हज़ार से ज़्यादा लोग शेयर भी कर चुके हैं.
ट्विटर यूज़र शमशाद खान का ट्वीट भी आर्टिकल लिखे जाने तक 350 से ज़्यादा लोग शेयर कर चुके हैं. ये वीडियो और भी कई फ़ेसबुक यूज़र्स ने शेयर किया.
फ़ैक्ट-चेक
द हिन्दू ने 1 मई को रिपोर्ट किया था कि पेट्रोकेमिकल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (RIL) ने मेडिकल ग्रेड लिक्विड ऑक्सीजन का उत्पादन 1000 मीट्रिक टन प्रतिदिन कर दिया है जो कि पूरे देश में इसके उत्पादन का 11 ज़्यादा फ़ीसदी है.
रिलायंस फ़ाउंडेशन की चीफ़ और RIL के लिए चैरिटी से जुड़े काम करने वाली नीता अम्बानी ने द हिन्दू से कहा, “जामनगर में हमारे प्लांट को रातों-रात बदलाव कर मेडिकल-ग्रेड के तरल ऑक्सीजन उत्पादन के लिए तैयार किया गया जो शून्य से सीधे 1000 मेट्रिक टन प्रतिदिन के उत्पादन करने जा रहा है.” महाराष्ट्र के शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने 13 अप्रैल को कहा था कि राज्य को रिलायंस के जामनगर प्लांट से करीब 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दिया जाने वाला है.
ऑल्ट न्यूज़ ने RIL का प्रवक्ता से संपर्क किया और उन्होंने हमें बताया, “RIL सऊदी अरब, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैंड और थाईलैंड से 24 ISO कंटेनर भारत लाने का इंतज़ाम कर रहा है जिससे 500 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्ट की क्षमता बढ़ेगी. पिछले एक सप्ताह में उन्हें अहमदाबाद और जामनगर हवाई अड्डे के ज़रिये जामनगर रिफ़ाइनरी लाया गया था.” उन्होंने आगे कहा, “वायरल वीडियो में हवाई अड्डे पर इन्हीं में से एक कंटेनर पर स्टीकर लगाया जा रहा है जिसके बाद इन्हें जामनगर ऑक्सीजन प्लांट भेजा गया.”
उन्होंने हवाई अड्डे की कुछ तस्वीरें भी हमें भेजी जिनमें ये स्टीकर लगे हुए हैं.
कुल मिलाकर, RIL और रिलायंस फ़ाउंडेशन ने ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट के लिए कंटेनरों का इतंजाम किया था जिसपर संस्थान का स्टीकर लगाया गया था. स्टीकर लगाये जाने का वीडियो ये बताकर वायरल किया गया कि रिलायंस सऊदी अरब से भारत आने वाले ऑक्सीजन का क्रेडिट लेना चाह रहा है. ये दावा बेबुनियाद है.
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