सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो के साथ दावा है कि ट्रेन में मिलने वाले खाने को प्रवासी मज़दूर प्लेटफ़ॉर्म पर फेंक रहे हैं. वीडियो को चलती ट्रेन से शूट किया गया है. वीडियो में प्लेटफ़ॉर्म पर बिखरे खाने को देखा जा सकता है. ट्रेन की खिड़कियों से कुछ लोगों को खाना फेंकते हुए भी देखा जा सकता है साथ ही ‘प्रशासन मुर्दाबाद’ का नारा भी सुनने में आता है. विद्यासागर जगदीसन नाम के एक ट्विटर यूज़र ने 5 मई को ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है, “प्रवासियों को जो खाना मिला उसे उन्होंने प्लेटफ़ॉर्म पर फेंक दिया. सबसे बुरी संस्कृति. सरकार उन्हें यात्रा के दौरान खाना दे रही और वो इस तरह से ट्रीट कर रहे हैं.” [असली मेसेज: Migrants throwing food given to them on the platform. Worst culture. Govt and agencies provide them food for their journey. But this is how they treat it.] (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
Migrants throwing food given to them on the platform. Worst culture. Govt and agencies provide them food for their journey. But this is how they treat it. 😠😠😠 pic.twitter.com/vipovKyt7S
— 🇮🇳 Vidyasagar Jagadeesan 🇮🇳 (@jvidyasagar) May 5, 2020
स्वराज्य के कॉलमनिस्ट विकास सारस्वत ने 6 मई को कोट ट्वीट करते हुए इसे घिनौना व्यवहार बताया और कहा कि लोग अक्सर राजनेताओं, बाबुओं वगैरह को दोषी ठहराते रहते हैं जबकि असली समस्या तो अनुशासनहीन और स्वार्थी लोग हैं जिनमें राष्ट्रवाद और सामाजिक दायित्व की बिलकुल भी भावना नहीं है. (ट्वीट का आर्काइव)
Disgusting behaviour. We often blame politicians, Babus, this and that. The real problem is indisciplined, selfish, mean minded folks with no sense of nationalism and societal obligation. Yes all Indians aren’t like that but these are still large numbers to affect nationally https://t.co/YCpeqotQ3A
— Vikas Saraswat (@VikasSaraswat) May 6, 2020
ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल ऐप पर इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट आईं हैं. कुछ में इसे महाराष्ट्र का बताया जा रहा है और कहा जा रहा है कि ‘महाराष्ट्र मुर्दाबाद’ के नारे लगे. ये वीडियो मराठी मेसेज से साथ शेयर किया जा रहा है. दावा है, “बघा या परप्रांतीयांचा माज! घरी जायची सोय झाली तर महाराष्ट्राला शिव्या घालायला लागले. जेवन रेल्वे स्टेशनवर फेकून दिले. पोलिसांना बाटल्या फेकून मारत आहेत. महाराष्ट्र मुर्दाबाद चे नारे देत आहेत. ज्या लोकांना परप्रांतीयांचा पुळका येतो त्यांनी नीट डोळे उघडून पहा. अशा लोकांना तुम्ही कितीही जीव लावा शेवटी ते त्यांची लायकी दाखवणार. जाहीर निषेध अशा लोकांचा या लोकांचे परतीचे दोर कापून टाका”
फ़ैक्ट-चेक
हमने पाया कि हाल में जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसके दो हिस्से हैं. ‘टाइम्स नाउ’ ने 5 मई को अपनी एक रिपोर्ट में ये वीडियो चलाया था. रिपोर्ट के मुताबिक़ ट्रेन में सफ़र कर रहे ये लोग रेल प्रबंधन की ओर से दिए गए बासी खाने को लेकर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे थे.
‘आज तक’ ने भी इस मामले में खबर दी है. 5 मई की आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, “प्रवासी मजदूरों को वापस घर लाने के लिए ट्रेन केरल से बिहार के मजदूरों को लेकर दानापुर के लिए निकली थी, जो सोमवार को पश्चिम बंगाल के आसनसोल रेलवे स्टेशन पहुंची. आसनसोल रेलवे स्टेशन पर रुकने के बाद उन्हें खाना और पीने का पानी दिया गया. बदबूदार खाना होने की वजह से लोगो ने इसे फेंक दिया और नारे लगाए.”
‘आज तक’ की ही रिपोर्ट के मुताबिक़, “साथ ही कुछ लोगों का कहना है कि केरल से यहां तक आने में उन्हें अच्छा खाना दिया गया लेकिन बंगाल के आसनसोल पहुंचने पर उन्हें ऐसा खाना दिया गया जो उन्हें बीमार कर सकता था, क्योंकि परोसा गया खाना न केवल बासी था बल्कि बदबू भी कर रहा था.”
‘दी क्विंट‘ से बात करते हुए पूर्वी रेलवे के PRO एकलव्य चक्रवर्ती ने कहा, “IRCTC ने खाने की व्यवस्था की थी. कुछ कोचों में बताया गया कि खाना ठीक नहीं था. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि खाने में दिक्कत थी. समय की कमी के कारण हम इसे आसनसोल स्टेशन पर तो ठीक नहीं कार पाये. लेकिन अगले स्टेशन पर हमने फिर से खाने की व्यवस्था की थी.”
इसके अलावा हमने पाया कि इसी घटना का एक और वीडियो ट्वीट करते हुए एक यूज़र ने मिनिस्ट्री ऑफ़ रेलवे को टैग किया था. वीडियो बनाने वाला व्यक्ति कहता है, “हम लोग केरल से आ रहे हैं, कितना अच्छा स्वच्छ खाना दिया जा रहा था. लेकिन यहां आसनसोल आए तो पूरा बदबू दे रहा है खाने में.” इस वीडियो में पीछे से भी लोगों को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि ‘खाना बास कर रहा है’.
Hello @RailMinIndia, passengers travelling in Shramik train from #Kerala to #Danapur complained of being served stale food at #Asansol station. The food packets were thrown by them on the platform in protest. Please ensure safe edible food for migrants. 🙏🏼 pic.twitter.com/AltaHdbENw
— Sreyashi Dey (@SreyashiDey) May 5, 2020
‘इंडियन रेल सेवा’ ने इस ट्वीट के रिप्लाय में बताया कि ये घटना कल की है और झाझा स्टेशन पर इसकी वैकल्पिक व्यवस्था की गयी थी. और इस तरह की घटना से बचने के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं. रेल सेवा ने आधिकारिक IRCTC के हवाले से ये जवाब दिया.
Maam, it was yesterday incident and alternative arrangement was done at Jhajha station . Also corrective measures have taken to avoid such issue.
-IRCTC Official
— Indian Railways Seva (@RailwaySeva) May 5, 2020
ट्विटर यूज़र विद्यासागर ने भी बाद में अपडेट डालते हुए लिखा कि शायद खाना बासी था. इस तरह ये दावा कि प्रवासी मज़दूरों की ट्रेन में मिलने वाले खाने की बर्बादी कर रहे हैं, गलत साबित होता है. ये बासी और बदबूदार खाना मिलने की वजह से इसे प्लेटफ़ॉर्म पर फेंक रहे थे. हालांकि, इस तरह से खाना फेंकना कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है.
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