जामिया मिलिया इस्लामिया की छात्रा सफ़ूरा ज़रगर तीन महीने प्रेग्नेंट हैं जिन्हें पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि रोकने के कानून (UAPA) के तहत गिरफ़्तार किया है. सोशल मीडिया पर उनकी प्रेगनेंसी को लेकर सहानुभूति तो दूर की बात है, भद्दे कमेंट्स कर उनपर निशाना साधा जा रहा है. जैसे नफ़रत का प्रचार करने वालों को एक और मौका मिल गया हो. और ये कोई नई बात नहीं है. सोशल मीडिया पर अलग सोच रखनेवाली महिलाओं को अक्सर यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है.

एक फ़ेसबुक ग्रुप के कई सदस्य एक पोर्नोग्राफ़िक वीडियो शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि वीडियो में दिख रही महिला सफ़ूरा ज़रगर हैं. इस ग्रुप के कई सदस्य ये कहते हुए दिखे कि उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने पर वो ये वीडियो भेज देंगे. इसके कमेंट्स में इस वीडियो की चाहत में लोगों ने अपने फ़ोन नंबर भी शेयर किए हैं. कईयों ने ‘भाई भेज ये वीडियो’ और ‘मुझे ये वीडियो चाहिए’ जैसे कमेंट्स किए हैं. कमेंट्स हताश करने वाले हैं.

ये ध्यान देने वाली बात है कि ऊपर दिख रहे सारे कमेंट्स ‘वी सपोर्ट नरेंद्र मोदी‘ ग्रुप में शेयर किये गए एक पोस्ट के हैं. इस ग्रुप में 30 लाख से भी ज़्यादा सदस्य हैं. ये ग्रुप एक प्रोपेगंडा टूल है, जिसे पहले भी गलत जानकारियां फैलाते हुए देखा गया है. इस ग्रुप के पोस्ट या तो भाजपा और पीएम मोदी की तारीफ़ में होते हैं या विपक्ष की आलोचना में. ग़लत जानकारियां शेयर करने में इस ग्रुप का कोई मुक़ाबला नहीं है.

वीडियो का स्क्रीनशॉट एक अन्य मोदी समर्थक ग्रुप में शेयर किया गया है. एक राघव राजपूत ने ये पोस्ट ‘आई सपोर्ट इंडियन आर्मी’ नाम के ग्रुप में शेयर किया है. हालांकि इस ग्रुप के यूआरएल में ‘दी रियल हीरो नरेंद्र मोदी’ लिखा हुआ मिलता है.

ये वीडियो व्हाट्सऐप पर खूब शेयर किया जा रहा है. ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल नंबर पर भी इसकी सत्यता जानने की कई रिक्वेस्ट मिली हैं.

 

पोर्नहब मॉडल सेलेना बैंक्स का वीडियो

ये वीडियो पोर्नोग्राफ़ी वेबसाइट से उठाया गया है. और वीडियो में दिख रही महिला का नाम सेलेना बैंक्स है.

वेबसाइट पर बैंक्स का वेरिफ़ाइड अकाउंट है, जिसके 25 हज़ार सब्सक्राइबर्स हैं.

इस तरह एक पोर्नोग्राफ़िक वीडियो को गलत तरीके से सफ़ूरा ज़रगर का बताकर चलाया जा रहा है. और ये इस तरह का दूसरा वीडियो है जिसकी ऑल्ट न्यूज़ ने पड़ताल की है. हमने इससे पहले इस गलत दावे की भी सच्चाई सामने रखी थी, जिसमें कहा जा रहा था कि सफ़ूरा ज़रगर अविवाहित हैं.

ये बहुत ही चिंताजनक है कि एक सोशल एक्टिविस्ट को इस भद्दे तरीके से निशाना बनाया जा रहा है. सोशल मीडिया जैसे फ़ेसबुक और ट्विटर को इस तरह की घटिया भाषा का उपयोग किये जाने पर रोक लगानी चाहिए. लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. एक मुस्लिम और एक महिला होने के चलते ज़रगर उन लोगों के निशाने पर आसानी से फ़िट बैठ जाती हैं जो उनकी विचारधारा से सहमत नहीं होते. ऐसा करने वाले सभी दक्षिणपंथ की और झुकाव रखने वाले लोग हैं जो अक्सर संस्कारों और भारतीय संस्कृति का उद्घोष करते रहते हैं. ऐसा कतई नहीं मालूम देता कि किसी भी संस्कृति में ऐसे आचरण के लिए कोई भी जगह होगी.

ये मुद्दा सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स सहित कानून प्रवर्तन एजेंसियों, दोनों की नज़र में लाने की ज़रूरत है. ये सिर्फ़ किसी के विचारों से असहमति जताते हुए आलोचना करना नहीं बल्कि यौन उत्पीड़न का मामला है.

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.