स्कूल यूनिफ़ॉर्म पहने एक लड़के की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. यूज़र्स का दावा है कि ये घटना अयोध्या की है, जहां राम मंदिर महोत्सव के आयोजकों ने फूल बरसाने पर एक दलित लड़के की पिटाई कर दी.
ये वीडियो इस कैप्शन के साथ वायरल है,: “अयोध्या राम मंदिर महोत्सव में पुष्प वर्षा करने पर दलित समाज के बच्चे को आयोजकों ने पीटा.”
ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर पर दावे की फ़ैक्ट-चेक के लिए रिक्वेस्ट मिली.
अयोध्या राम मंदिर महोत्सव में पुष्प वर्षा करने पर दलित समाज के बच्चे को आयोजको ने पीटा।
आप बजाते रहो मंदिर में संघियो के साथ घंटा 🔔#bjp_हटाओं_देश_बचाओ pic.twitter.com/1oeQg3oQeD— 🫧Naina singh 🫧 (@Nainasi70242074) December 31, 2023
हमने देखा कि X और फ़ेसबुक पर भी कई यूज़र्स ने ऐसा ही दावा किया था.
फ़ैक्ट-चेक
हमने वीडियो से कई की फ़्रेम्स लिए और उनमें से कुछ का रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें दैनिक भास्कर की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में वायरल वीडियो का एक हिस्सा दिखाया गया है जिसमें लड़के को दो लोग पीट रहे थे. रिपोर्ट के टाइटल में लिखा है: “टीचरों ने ज़मीन पर गिराकर पीटा, वीडियो: फ़रीदाबाद में गीता जयंती कार्यक्रम देखने गया था; मां बोली- समझौते का दबाव डाल रहा स्कूल.” रिपोर्ट में बताया गया है कि घटना फ़रीदाबाद की है जहां गौंची सरकारी स्कूल में नौवीं कक्षा का छात्र ‘गीता जयंती कार्यक्रम’ में गया था. इसमें ये भी कहा गया कि शिक्षकों द्वारा एक छात्र की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग ने जांच शुरू की.
हमें फ्री प्रेस जर्नल की एक और न्यूज़ रिपोर्ट मिली जिसमें ये ज़िक्र किया गया था कि छात्र कथित तौर पर फूल फेंक रहा था जो एक शिक्षक को लगा जिससे शिक्षक नाराज़ हो गए और उन्होंने लड़के की पिटाई कर दी. तभी एक दूसरे शिक्षक भी इसमें शामिल हो गए. रिपोर्ट में एक अन्य शिक्षक के हवाले से कहा गया है कि लड़का उत्सव में डांस कर रही लड़कियों पर फूल फेंक रहा था और दो शिक्षकों ने उसे अनुशासित करने के लिए उसकी पिटाई की थी.
दैनिक भास्कर की एक अन्य न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों शिक्षकों के खिलाफ़ किशोर न्याय अधिनियम की कई धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई थी.
किसी भी रिपोर्ट में पुलिस या लड़के के परिवार की ओर से इस बात की कोई गवाही नहीं दी गई कि दलित होने के कारण उसे पीटा गया था.
द क्विंट ने ये जानने के लिए लड़के की मां से संपर्क किया कि क्या लड़का दलित समुदाय का है और मां ने साफ़ तौर पर कहा कि उनका परिवार जाति से ब्राह्मण है.
हमें अयोध्या पुलिस का एक ट्वीट भी मिला जो 26 दिसंबर, 2023 को किया गया था. इस ट्वीट में उन्होंने दावों को झूठा और भ्रामक बताया और ये ज़िक्र किया कि घटना हरियाणा के फरीदाबाद की थी.
कतिपय ट्विटर हैंडल एवं सोशल मीडिया के माध्यम से यह असत्य/भ्रामक खबर सार्वजनिक रुप से प्रसारित की जा रही है कि अयोध्या में राम मंदिर समारोह के दौरान फूल फेंकने पर दलित लड़के विष्णु को आयोजको ने पीटा।#ayodhyapolice इस असत्य एवं भ्रामक खबर का खण्डन करती है। https://t.co/Zmm92JT8BA pic.twitter.com/JBL2GGwV1p
— AYODHYA POLICE (@ayodhya_police) December 26, 2023
कुल मिलाकर, ये दावा झूठा है कि अयोध्या राम मंदिर महोत्सव में फूल बरसाने पर एक दलित लड़के की पिटाई की गई. फ़रीदाबाद का एक स्कूली छात्र गीता जयंती कार्यक्रम में गया था जिसमें कथित तौर पर उसके द्वारा फेंके गए फूल लगने की वजह से दो शिक्षकों ने उसकी पिटाई कर दी. घटना अयोध्या की नहीं है और वायरल वीडियो में दिख रहा लड़का दलित समुदाय का नहीं है.
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