26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान संगठनों ने ट्रैक्टर रैली निकाली थी. इस रैली से जोड़कर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि दिल्ली में निकाली गयी ट्रैक्टर रैली के दौरान एक दुर्घटना हो गयी. पानी के एक टैंकर ने कुछ महिलाओं को कुचल दिया. घटना का वीडियो ट्विटर और फे़सबुक पर वायरल है.
ये क्लिप अलग-अलग दावों के साथ शेयर की जा रही है. कोई विरोध कर रहे किसानों को ज़िम्मेदार ठहरा रहा है तो कोई भाजपा को.
(चेतावनी: वीडियो के विज़ुअल विचलित कर सकते हैं, पाठक अपने विवेक का इस्तेमाल करें.)
पहला दावा
भाजपा दिल्ली के सोशल मीडिया हेड नवीन कुमार ने ये क्लिप शेयर करते हुए सवाल किया कि दो लोगों की मौत और तीन के घायल होने की ज़िम्मेदारी क्या राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव की नहीं है? (आर्काइव लिकं)
यह हत्यारे किसान नहीं हो सकते जिन्होंने विरोध प्रदर्शन के नाम पर आम लोगों को रौंद दिया, दो लोगों की मौत हो चुकी है और तीन गंभीर रूप से घायल हैं राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव क्या इस घटना की जिम्मेदारी आपकी नही है! pic.twitter.com/GBH17Kr0U5
— Naveen Kumar (@naveenjindalbjp) January 28, 2021
भाजपा महिला मोर्चा की सोशल मीडिया इन-चार्ज प्रीति गांधी ने वीडियो शेयर करते हुए #FarmersProtestHijacked लिखा. उन्होंने ये बताने की कोशिश की कि महिला पर प्रदर्शन कर रहे किसी किसान ने ट्रैक्टर चढ़ाया.
Sharing deeply distressing, heart wrenching visuals from #FarmersProtestHijacked.
Two old Women were killed & three badly Injured when a tractor ran over them.
Not just the protesters, even those who are supporting them have blood on their hands!! pic.twitter.com/1LHPruIAqe
— Priti Gandhi – प्रीति गांधी (@MrsGandhi) January 28, 2021
दूसरा दावा
वहीं कांग्रेस नेता अल्का लाम्बा ने इसके उलट भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ता ने महिलाओं को रौंद दिया.
हे राम.. :(, घोर अनर्थ
आरोप है कि किसान आंदोलन में हिस्सा लेने पहुँच रही बुजुर्ग महिला किसानों को गुस्से में #BJP के कार्यकर्ता ने कुछ रोंद डाला…
किसी मीडिया ने यह तस्वीरें दिखा क्या BJP नेताओं से सवाल किए..?
शर्मनाक – पीड़ादायक :(.#FarmersProstest pic.twitter.com/vyH9WujRH0— Alka Lamba – अल्का लाम्बा 🇮🇳🙏 (@LambaAlka) January 29, 2021
तीसरा दावा
तीसरे दावे में किसी को ज़िम्मेदार न ठहराते हुए कहा गया कि ये घटना दिल्ली की है. इस दावे में कहा गया कि ये टैंकर किसी ‘अग्रवाल कंपनी’ (‘Aggarwal Co’) की है.
ऑल्ट न्यूज़ को इसके फै़क्ट-चेक के लिए व्हाट्सऐप (+91 7600011160) पर रिक्वेस्ट भी भेजी गयी.
चौथा दावा
व्हाट्सऐप पर ये वीडियो एक हिंदी मेसेज से भी शेयर हो रहा है. इसमें लिखा है, “गाजीपुर बॉर्डर पर बिजली काटने के बाद सुबह के समय जब पानी बंद किया तो गाजियाबाद नगर निगम जबरन पानी के टैंकर ले जाने लगा महिला किसान आगे लेट गई तो महिलाओं के ऊपर ट्रैक्टर चढ़ा कर यूपी सरकार अपने पानी के टैंकर वापस ले गई.”
फै़क्ट-चेक
ये फै़क्ट चेक 2 हिस्सों में बांटा गया है. इसमें हम बतायेंगे:
1. क्या ये घटना दिल्ली की है?
2. क्या महिला को जानबूझ कर मारा गया?
अमृतसर की घटना
वायरल दावे में बताया जा रहा है कि घटना दिल्ली की है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कि ये घटना अमृतसर की है. अमृतसर के वल्लाह में महिलाओं का एक समूह किसान आन्दोलन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहा था. इसी दौरान पानी का एक टैंकर उन्हें रौंदते हुए गुज़र गया. ये घटना 26 जनवरी की है.
इस घटना के बारे में अमर उजाला और जागरण ने रिपोर्ट किया था. इसके अलावा, ANI की स्टोरी को NDTV, ज़ी न्यूज़ और कुछ अन्य आउटलेट्स ने भी पब्लिश किया. ANI की रिपोर्ट में बताया गया है कि दुर्घटना में दो महिलाओं की मौत हो गयी और तीन अन्य घायल हुईं. वहीं जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक दो महिलाओं की मौत हुई और पांच महिलाएं ज़ख़्मी हो गयीं.
ऑल्ट न्यूज़ ने वल्लाह पुलिस थाने के SHO संजीव कुमार से बात की. उन्होंने बताया कि दो महिलाओं, निंदर कौर और सिमरनजीत कौर की मौत हो गयी और तीन अन्य घायल हुई हैं.
महिलाओं की दुर्घटना में मौत हुई
पानी टैंकर के चालक सुखलाल सिंह को स्थानीय लोगों ने पुलिस के हवाले कर दिया था. उसके खिलाफ़ IPC की धारा 304 (गै़र-इरादतन हत्या) और IPC की धारा 427 (शरारतपूर्ण हरकत) के तहत FIR दर्ज किया गया.
संजीव कुमार ने ये भी कहा कि सुखलाल एक ठेकेदार है और टाइम बचाने के लिए खुद टैंकर चलाने का फ़ैसला किया था. वो गाड़ी नहीं सम्भाल पाया और टैंकर महिलाओं को कुचलता हुआ निकल गया. ड्राइवर रिमांड पर है. उन्होंने ये बताया कि चालक के पास लाइसेंस भी नहीं था.
किसी भी रिपोर्ट में ड्राइवर के राजनीतिक संबंधों की बात नहीं की गयी है. इसके अलावा, इस घटना का दिल्ली में 26 जनवरी को हुए प्रदर्शनों से कोई सम्बन्ध नहीं है. राइट विंग प्रोपगेंडा वेबसाइट ऑप-इंडिया ने इस वीडियो का ग़लत ‘फै़क्ट-चेक‘ करते हुए कहा कि अमृतसर में महिलाओं को रौंदने वाला ट्रैक्टर आन्दोलन में शामिल प्रदर्शनकारी चला रहा था.
इस वीडियो के साथ लाल किला पर भारतीय ध्वज उतारकर अपना झंडा लगाने का दावा ग़लत है | पूरा विडियो देखें
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