26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर नए कृषि बिल के खिलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी. इस परेड का रास्ता प्रशासन और किसानों के बीच पहले ही तय हो चुका था और इसका मैप भी जारी किया गया था. लेकिन परेड करने वाले किसानों के कुछ समूह तय रास्ते पर न चलकर दिल्ली के लाल किला पहुंच गए. कुछ प्रदर्शनकारियों ने लाल किला में सिखों का धार्मिक झंडा लगा दिया. इस बीच लाल किला समेत दिल्ली के कई हिस्सों में किसानों और पुलिसबल के बीच हिंसक टकराव चलते रहे. भीड़ काबू से बाहर हो गयी और पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा.
कई फे़सबुक और ट्विटर यूज़र्स एक वीडियो शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि किसान प्रदर्शनों के दौरान पुलिस रोड पर लगे CCTV कैमरा तोड़ रही है. ट्विटर यूज़र दयावीर ढिल्लों ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “मीडिया आपको ये नहीं दिखाएगी #GodiMedia #FarmersProtest #TractorRally” (आर्काइव लिंक)
What the media won’t show you #GodiMedia #FarmersProtest #TractorRally pic.twitter.com/FS8tamkqE7
— Dayaveer Dhillon (@_Dhillon_1) January 27, 2021
इसी तरह एक और ट्विटर यूज़र ने वीडियो के साथ कैप्शन लिखा, “अब आप देख लो उग्र आंदोलन किसने किया किसान ने या फिर मोदी की पुलिस ने.”
एक फे़सबुक पेज WAHEGURU ने भी ये वीडियो 28 जनवरी को शेयर किया. इस पोस्ट को आर्टिकल लिखे जाने तक 500 से ज़्यादा लोग शेयर कर चुके हैं. (आर्काइव लिंक)
कई अन्य फे़सबुक यूज़र्स ने भी यही दावा किया.
दिल्ली दंगों के दौरान का वीडियो
गूगल पर कीवर्ड ‘police breaking CCTV camera’ सर्च करने पर 26 फ़रवरी, 2020 की कई रिपोर्ट्स मिलती हैं. द क्विंट के आर्टिकल में पिछले साल वायरल हुए इस वीडियो से जुड़े कई पोस्ट्स हैं. लोगों ने शेयर कर दावा किया था कि दिल्ली के खुरेजी में पुलिसवाले CCTV कैमरा तोड़ रहे थे. याद रहे कि ये वही वक़्त था जब दिल्ली में दंगे भड़के हुए थे और खुरेजी में तनाव बना हुआ था.
द क्विंट ने खुरेजी में पेट्रोल पंप के पास कुछ लोगों से बात की थी. नाम न ज़ाहिर करने की शर्त पर एक दुकानवाले ने क्विंट से बताया, “पुलिस ने हमारी दुकान में लगे कैमरे भी तोड़ दिए. वीडियो में जो कैमरे दिख रहे हैं वो खुरेजी के प्रदर्शनकारियों (ऐंटी-सीएए) ने लगवाए थे.” असल में, खुरेजी में लगातार ऐंटी-सीएए प्रोटेस्ट हो रहे थे.
AAP के पूर्व सोशल मीडिया और IT सेल हेड अंकित लाल के ट्वीट को दर्जनों पत्रकार समेत हज़ारों लोगों ने शेयर किया था.
.@DelhiPolice – Why are your personalle on ground braking CCTV cameras?
What do they want to hide? pic.twitter.com/OB0aKk63ML
— Ankit Lal 🏹 (@AnkitLal) February 26, 2020
द स्क्रॉल ने भी उस मौके के और भी वीडियोज़ शेयर किये थे और कुछ वीडियो में पुलिस का लोगों के साथ बुरा बर्ताव भी नज़र आ रहा है.
द लॉजिकल इंडियन ने भी ये वीडियो ट्वीट किया था.
In a video that has gone viral on Twitter, the police were seen breaking CCTV cameras in Delhi’s Khureji Khas, which is one of the several areas rocked by protests.
The Logical Indian could not independently verify the video.@DelhiPolice @BJP4India @AamAadmiParty #DelhiRiots pic.twitter.com/OMyOs9DZv1
— The Logical Indian (@LogicalIndians) February 26, 2020
यानी पुलिस द्वारा CCTV कैमरा तोड़े जाने वाला वायरल वीडियो किसान आन्दोलन का नहीं बल्कि दिल्ली दंगों के दौरान का है.
इस वीडियो के साथ लाल किला पर भारतीय ध्वज उतारकर अपना झंडा लगाने का दावा ग़लत है | पूरा विडियो देखें
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