“पाकिस्तान में पुलिस द्वारा हिंदू महिला अपहृत, इस्लाम में परिवर्तित और 50 हजार रुपए में बेची गई” -इस संदेश के साथ इंडिया टुडे के प्रसारण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर कई यूजर्स द्वारा शेयर किया जा रहा है। यह वीडियो बुर्का पहने महिला को थप्पड़ मारते एक पुलिस के क्लिप से शुरू होता है और बतलाना शुरू करता है कि पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं और बच्चों का कैसे अपहरण होता है, पैसे के लिए बेचा जाता है और जबरन इस्लाम में परिवर्तित कराया जाता है।

इंडिया टुडे के इस प्रसारण को ट्विटर और फेसबुक दोनों पर कई अन्य लोगों द्वारा शेयर किया गया है, जिसे हजारों बार देखा गया।

ऑल्ट न्यूज ने पाया कि पुलिस द्वारा एक महिला की पिटाई की इस क्लिप का उपयोग इंडिया टुडे ने 2016 की एक रिपोर्ट में किया था – “#पाक हिन्दू एसओएस देखिए पाक हिंदू महिला पुलिस द्वारा 50,000 रुपये में बेची गई।” यह मीडिया संगठन पाकिस्तान में हिंदुओं द्वारा झेले जा रहे अत्याचारों पर खबर प्रसारित कर रहा था।

इंडिया टुडे ने इस विषय पर 23:28 मिनट लंबा शो किया था, जबकि उपर्युक्त संलग्न ट्वीट में केवल 3:30 मिनट शामिल किया गया है। इस क्लिप को पूरे शो के दौरान चलाया जाता है। 3:14वें मिनट में, पुलिस को भी बयान देते सुना जा सकता है, जिसे इंडिया टुडे ने लिखा है- “मैं सब कुछ करूँगा। अब तुम मुश्किल में हो। अब तुम भाग नहीं सकती।”

इंडिया टुडे ने इस मुद्दे पर एक लेख भी प्रकाशित किया था।

क्लिप की सच्चाई क्या है?

हमने वीडियो को कई फ्रेमों में तोड़ने के लिए इनवीड (InVid) सॉफ़्टवेयर के माध्यम से इसे चलाया। ‘महिला को थप्पड़ मारा गया पुलिस द्वारा पाकिस्तान’ कीवर्ड के साथ गूगल पर इन तस्वीरों को रिवर्स सर्च करने पर, हम 2015 की मीडिया रिपोर्टों तक पहुंचे। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के 29 अक्टूबर के एक लेख के मुताबिक, करांची में कथित तौर पर एक शॉपिंग सेंटर से क़ीमती सामान चुराते हुए पकड़ी गई एक महिला को पुलिस वर्दी पहने एक आदमी द्वारा पीटा गया था। यह घटना क्लिफ्टन स्थित गल्फ शॉपिंग मॉल में हुई थी, और महिला को मारने वाले व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

पाकिस्तानी वेबसाइट द न्यूज़ पर एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया था कि “वीडियो में पुलिस वर्दी की शर्ट पहने एक व्यक्ति को न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा रिमांड पर पुलिस अधिकारियों के हवाले कर दिया गया।”

हालांकि, मीडिया संगठन समा ने इस घटना को दूसरी तरह से बताया। जहां महिला कथित रूप से दुकानों से सामान चुराने का दावा एक समान था, वहीं समा के रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि उसे मारने वाला आदमी ‘स्वयंसेवक पुलिस’ था। उसने महिला को उसका अपराध उगलवाने के लिए पीटा था।

अगर कोई इस वीडियो को सावधानीपूर्वक देखे, तो आदमी को यह कहते हुए सुना जा सकता है – “तु कैसे नहीं मानेगी। वो सब मानी है। सब बरामद कराया है।”

ऐसे ही शब्द पाकिस्तानी मीडिया संगठन जियो टीवी की रिपोर्ट में थे। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, आदमी एक स्थानीय कंपनी का गार्ड था जिसने महिला से कहा, “अब मैं देखूंगा कि वह कैसे चोरी कबूल नहीं करती है और चोरी की वस्तुओं को वापस नहीं करती है।” हालांकि, यह प्रतिलेखन, वह नहीं था जो इंडिया टुडे ने दिया था (इस लेख में पहले उल्लिखित)।

उपर्युक्त घटना का वीडियो सबसे पहले 2015 में इंटरनेट पर सामने आया। पाकिस्तानी हिंदुओं द्वारा झेले जा रहे अत्याचारों पर इंडिया टुडे की रिपोर्ट एक साल बाद प्रसारित हुई। इस मीडिया संगठन ने अपनी रिपोर्ट में एक गलत वीडियो को शामिल किया जिसे पूरे शो में कई बार चलाया गया था। हालांकि इंडिया टुडे के प्रसारण में उल्लिखित मनीषा कुमारी के 2012 के उदाहरण सहित, खासतौर से पाकिस्तान के सिंध प्रांत में, जबरन धर्म परिवर्तन की कई रिपोर्टें हैं; लेकिन एक महिला को मारते हुए वर्दीधारी व्यक्ति के वीडियो फुटेज का धर्म परिवर्तन से कोई संबंध नहीं है।

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.