कोरोना वायरस के चलते 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी. इसके परिणामस्वरूप देश के लाखों मज़दूरों ने गाड़ी और बसों के अभाव में पैदल ही अपने गांव जाना शुरू कर दिया. इन सब मुद्दों को कवर करती हुई रिपोर्ट ‘द कारवां’, ‘द वायर’, ‘द न्यू यॉर्क टाइम्स’ और ‘Quartz’ ने पब्लिश की थीं.
इसी दौरान 4 मिनट की एक ऑडियो क्लिप सुप्रीम कोर्ट के वकील हरीश साल्वे की बताते हुए सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. ऑडियो क्लिप में एक व्यक्ति काफ़ी कटाक्ष के साथ बात करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरिवाल पर मज़दूरों के पलायन का आरोप लगातता है. इस ऑडियो क्लिप को कई यूज़र्स ने यूट्यूब और फ़ेसबुक पर भी अपलोड किया है.
ट्विटर पर वीडियो शेयर करने के लिए 2 मिनट 20 सेकंड की लिमिट है इस वजह से यूज़र्स ऑडियो को 2 हिस्सों (पहला भाग और दूसरा भाग) में शेयर कर रहे हैं. कुछ यूज़र्स ने क्लिप को ट्वीट कर इनकी सच्चाई जानने के लिए हमें रीक्वेस्ट भी की है.
वायरल ऑडियो में कहा गया है, “क्या आपको लोगों से दिल्ली छोड़ कर न जाने की अपील करते हुए शर्म नहीं आ रही है? मग़र सच तो ये है कि आपके डिपार्टमेंट ने खाने और बिजली की सप्लाई रोक दी है. क्या आपको वोट देने वाले इन लोगों की कोई चिंता नहीं है? क्या आपके पास मानवता बची है या नहीं? और आपका सबसे बड़ा क्रिमिनल काम तो कुछ ज़्यादा ही खराब है – क्यों आपकी सरकार ने DTC बसों को लॉकडाउन के दौरान उपयोगी नहीं बनाया? क्यों? अगर आपको इन लोगों की ज़रा भी चिंता थी तो क्यों उन्हें उनके घर तक सही सलामत नहीं पहुंचाया गया? क्यों आपने इन लोगों को आनंद विहार में पहुंचा दिया? आप अपराधी हैं! आप क्यों ऐसी गंदी राजनीति कर रहे है मिस्टर केजरीवाल? क्या सिर्फ़ बिहार और उत्तर-प्रदेश के ही निवासी आनंद विहार में इकट्ठे हुए हैं? क्या ये एक साज़िश नहीं है केजरीवाल? ऐसा इसलिए तो नहीं है न क्योंकि आपके राज्य का खजाना खाली है? या आप देश को चीनी वायरस से संक्रमित करना चाहते हैं ताकि हमारा देश चीन पर मास्क और दवाइयों के लिए निर्भर हो जाए? या फिर आपकी योगी आदित्यनाथ और नीतीश कुमार को बदनाम करने की साज़िश हैं? आखिरकार बिहार और उत्तर प्रदेश में कुछ वक़्त में चुनाव होने वाले हैं. केजरीवाल, सब कुछ नियंत्रण में है. मोदी सरकार के पास इस आपदा से देश को बचाने के लिए एक असरदार प्लान तैयार है. मगर आप इसको बर्बाद करने पर तुले हुए हो. अराजकतावादी लोग आपका गिरेबान पकड़ कर आपसे जवाब लेंगे. पूरा देश आपके खिलाफ़ है. पहले तो आपने शाहीन बाग़ का मास्टर प्लान बनाया और बाद में दिल्ली में हिन्दू विरोधी दंगे करवाए. और अब आप देश को चीनी वायरस के स्टेज 3 में लाना चाहते हो. केजरीवाल अगर आप दिल्ली जैसे राज्य को नहीं संभाल सकते, तो आप नेता बनने के काबिल नहीं हो. आपने देखा कि लोगों को घर पहुंचाने के लिए यूपी सरकार ने बसों का इंतज़ाम किया है. लेकिन मेरा सबसे पहला सवाल ये है कि किसकी फैलाई गई अफ़वाहों की वजह से ये स्थिति खड़ी हुई? कौन, कौन, कौन? जब भी मुझे लगा कि आप इसे रोक सकते हैं, आपने मुझे ग़लत साबित किया है. शी जिनपिंग ने जो चीन के साथ किया है वो आप हमारे देश के साथ कर रहे हैं. आप माओ से-तुंग के भारतीय वर्ज़न हैं. तुम मुट्ठी भर चांडाल यह समझते हो कि देश में लाल झंडा फहराओगे, यह समझते हो? नामुमकिन!” (अनुवाद)
ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल मोबाईल ऐप और व्हाट्सऐप नंबर पर इसकी सच्चाई जानने के लिए कई रीक्वेस्ट मिलीं.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल ऑडियो क्लिप की सच्चाई जानने के लिए हरीश साल्वे से ईमेल के ज़रिए कॉन्टेक्ट किया. उन्होंने जवाब देते हुए कहा, “पिछली बार की तरह ही एक दम ग़लत है. पहले भी मेरे CAA पर दिए गए बयान का ग़लत मतलब निकाला गया था और अब ये. मैं दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से इसकी शिकायत करूंगा.”
इस तरह वायरल ऑडियो क्लिप को हरीश साल्वे की बताकर शेयर करने का दावा बिल्कुल ग़लत है.
इसके अलावा ऑडियो क्लिप में व्यक्ति हाल ही में हुए दिल्ली दंगों को हिन्दू विरोधी बताता है. लेकिन हकीक़त में 18 मार्च को एक नॉन-प्रॉफ़िट रिसर्च और जर्नलिज्म ऑर्गनाइज़ेशन द पोल प्रोजेक्ट, ने एक डॉक्यूमेंट जारी किया था. इसमें 23 से 29 फ़रवरी के बीच नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हुए दंगों के दौरान मारे गए लोगों की लिस्ट शामिल थी. मारे गए 52 लोगों में से 41 लोग मुस्लिम समुदाय के थे और 11 लोग हिन्दू थे. इस तरह दंगों को हिन्दू विरोधी कहना ग़लत है.
व्हाट्सऐप पर ऐसी ही कई फ़र्ज़ी ऑडियो क्लिप शेयर हो रही हैं. 19 मार्च को ऑल्ट न्यूज़ ने डॉ. देवी शेट्टी के हवाले से शेयर हो ही ऐसी ही फ़र्ज़ी ऑडियो की क्लिप की जांच की थी.
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