“तिप्पनाहल्ली (कर्नाटक) में 120 करोड़ रुपयों का काला धन ले जाते हुए एक भाजपा कार्यकर्ता पकड़ा गया…!!उसने बताया कि ये पैसा कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल होने वाला था…लगता है ATM से ग़ायब 2000 के सारे नोट…भाजपा के पास ही हैं…” इस संदेश के साथ, फेसबुक पेज I.T cell MPCC ने 22 अप्रैल को कुछ तस्वीरों को पोस्ट किया गया है। यह पेज कांग्रेस पार्टी का एक प्रशंसक पेज है। हालांकि इस पेज के मात्र 20,000 के करीब फॉलोअर्स हैं, लेकिन इस पोस्ट को यह लेख लिखते समय तक 46,000 से अधिक बार शेयर किया जा चूका है।

तिप्पनाहल्ली (कर्नाटक) में 120 करोड़ रुपयों का काला धन ले जाते हुए एक भाजपा कार्यकर्ता पकड़ा गया…!!
उसने बताया कि ये…

Posted by I.T cell MPCC on Sunday, 22 April 2018

ये तस्वीरें ट्विटर पर भी वायरल है। नीचे ट्वीट में देखा जा सकता है कि इन्ही तस्वीरों को ऊपर के दावे के विपरीत प्रसारित किया जा रहा है।

दोनों मामले में यह आरोप लगाया जा रहा है कि सामने वाली पार्टी भ्रष्ट है और चुनाव जीतने के लिए पैसे का सहारा ले रही है। हाल के ATM में मुद्रा संकट और नकदी में कमी की स्तिथि इन दावों के कारण एक अलग पहलु जोड़ती है।

सच्चाई क्या है?

ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल रिवर्स इमेज सर्च फंक्शन का इस्तेमाल करते हुए पाया कि दो अलग-अलग घटनाओं वाली तस्वीरों को एक साथ जोड़ दिया गया है, और इन तस्वीरों को पहले भी सोशल मीडिया पर फैलाया गया है। उदाहरण के लिए इनमें से एक तस्वीर को पहले यह दावा करते हुए अपलोड किया गया था कि चेन्नई में शशिकला के घर पर छापा मारा गया था उसी में इन नोटों को जब्त किया गया था।

मुद्रा नोट्स की ये तस्वीरें जो हाल के पोस्टों में उपयोग की गई हैं और जिसका कर्नाटक से होने का दावा किया गया है, वास्तव में यह तस्वीर तब ली गयी थी जब आयकर अधिकारियों ने नवंबर, 2017 में दिल्ली में एनएसई ब्रोकर के यहाँ छापा मारा था। शशिकला के घर से बरामद किए जाने वाले पैसे के बारे में यह गलत जानकारी फैलाये जाने की पूरी खबर क्विंट ने भी रिपोर्ट की थी।

बैंगनी रंग के शर्ट में एक व्यक्ति के साथ दो पुलिसकर्मियों की तस्वीर के लिए ऑल्ट न्यूज़ को 18 अप्रैल, 2018 का एक लेख मिला जो The Hindu के तमिल संस्करण में प्रकाशित हुआ था। इस लेख के अनुसार एक निजी बस में आंध्रप्रदेश से कर्नाटक 120 करोड़ रुपये की मुद्रा नोट की तस्करी पुलिस द्वारा पकड़ी गई।

हिन्दू का तमिल में लिखे लेख का कुछ हद तक हिंदी अनुवाद हमने नीचे पोस्ट किया है।

कर्नाटक पुलिस द्वारा अनंतपुर, आंध्रप्रदेश में एक निजी बस की छान-बिन की गई जिसमें 120 करोड़ रुपये पाए गए। पुलिस जांच कर रही है कि इस पैसे का इस्तेमाल कर्नाटक के आने वाले चुनावों में किया जा रहा है या नहीं।

श्री वेंकटेश्वर बस ट्रेवल्स से संबंधित एक निजी बस यात्रियों को अनंतपुर से बैंगलोर ले जा रही थी। पुलिस चिक्बालापुर जिले, दीपाहानीहल्ली में खोज कर रही थी और इसी दौरान इस निजी बस की भी खोज की थी। सीटों में से एक जैसे 2 बक्से और एक कपड़ा बैग 2000 और 500 के नोट्स कुछ साड़ी के बीच रखे मिले।

पुलिस ने उसी स्थान पर पैसे की गिनती की तो 120 करोड़ रुपए पाए, हालांकि वे यह नहीं ढूंढ पाए कि इन बक्सों को कौन लाया था। इसलिए उन्होंने पैसे जब्त कर लिए और मामला दर्ज किया जिसकी जांच चल रही है। पुलिस को संदेह है कि कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर लोगों में यह पैसा बांटा जा सकता है।

इस प्रकार लेख में यह उल्लेख किया गया है कि पुलिस यह निर्धारित नहीं कर सकी है कि इन बक्सों को कौन लाया हैं, एक मामला दर्ज किया गया और जांच अभी भी जारी है। राजनीतिक दलों की भागीदारी के बारे में अभी तक कोई सबूत नहीं है, हालांकि पुलिस को संदेह है कि इस पैसे का इस्तेमाल विधानसभा चुनावों के लिए किया जा सकता है।

इस घटना में अलग-अलग समय और संदर्भों से कुछ तस्वीरों को एक आधारहीन दावे के साथ शेयर किया गया। यह गलत कार्य दोनों पक्ष और विपक्ष राजनितिक दलों के समर्थकों ने एक-दूसरे पर दोष डालने के लिए किया। इस प्रकिया में सोशल मीडिया यूजर्स गलत जानकारी के शिकार हुए।

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