“गोपालगंज जिल्ले में इंटर के छात्रा प्रियंका कुशवाहा पर मुस्लिम लड़के ने जान से मारने की नियत से उसके शरीर पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला किया आतंकी मुस्लिम धर्म को शांति का धर्म बताने वाले कहा है ?? कहा है सेक्युलर जानवर ?? सेक्युलरो की वजसे ही ऐसी घटना घटती है” एक घायल महिला की तस्वीरों के साथ सुरेश पटेल नाम के यूजर ने यह ट्वीट किया। पटेल को रेल मंत्री पियुष गोयल का कार्यालय और दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तजिंदर सिंह बग्गा ट्विटर पर फॉलो करते हैं। उनके ट्वीट के 1,700 से अधिक रीट्वीट हुए।

कई अन्य उपयोगकर्ताओं ने, जिन्हें गोयल का कार्यालय फॉलो करता है, उसी संदेश और उन्हीं तस्वीरों को प्रसारित किया (1, 2, 3)।

पत्रकार स्वेता सिंह के एक पैरोडी अकाउंट ने भी प्रचार किया- ‘मुस्लिम ने हिंदू लड़की पर हमला किया’। इसे 300 से अधिक बार रीट्वीट किया गया। यह फेसबुक पर भी वायरल हुआ। भाजपा कार्यकर्ता रोशन पांडे की पोस्ट लगभग 7,000 बार शेयर हुई। हिन्दू राज और ओम हिन्दू एकता दल नामक फेसबुक पेजों और ग्रुपों द्वारा भी इसे प्रसारित किया गया।

नकली समाचार वेबसाइट दैनिक भारत ने एक लेख प्रकाशित किया – “गोपालगंज : प्रियंका कुशवाहा ने बात नहीं मानी तो अब्दुल ने चीर डालने के लिए किया हमला” यह रिपोर्ट वेबसाइट से लगबग 1,000 बार शेयर की गई थी।

एक ही समुदाय के व्यक्ति ने महिला पर हमला किया

प्रभात खबर में 11 अक्टूबर की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि संदीप गिरि नाम के एक आदमी ने मंदिर से घर लौटती एक महिला पर हमला किया। जब उसका अग्रिम अस्वीकार कर दिया गया तो उसने एक चाकू से हमला किया। यह घटना बिहार में गोपालगंज के कटेया में हुई थी।

इस मीडिया संस्थान के कथन की पुष्टि करने के लिए, ऑल्ट न्यूज़ ने गोपालगंज जिला मजिस्ट्रेट राहुल कुमार से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किया गया व्यक्ति मुस्लिम समुदाय का नहीं था और सोशल मीडिया में चल रहा ऐसा दावा इस मुद्दे को सांप्रदायिक बनाने का प्रयास है। कुमार ने कहा, “अफवाहें फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

ऑल्ट न्यूज़ ने इस मामले से संबंधित शिकायत की खोज की तो हमें बिहार अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो की वेबसाइट पर कटेया थाने में दर्ज प्राथमिकी की एक प्रति मिली।

एफआईआर के मुताबिक, संदीप गिरि नामक 23 वर्षीय व्यक्ति ने, 20 वर्षीया पीड़िता को जब वह मंदिर से घर लौट रही थी, तो उसे पकड़ लिया और परेशान किया। इसका विरोध करने पर, उसने चाकू से हमला कर दिया। महिला ने बचने की कोशिश की तो उसने उसके कंधे और पीठ पर चाकू से वार कर दिया। स्थानीय लोगों के जमा होने पर हमलावर भाग गया।

किसी मामले को अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ घुमाकर उसे साम्प्रदायिक रंग देना कोई नई बात नहीं है। हाल ही, मीडिया की उत्तेजक रिपोर्टिंग ने 31 वर्षीय अंकित गर्ग की हत्या के मामले में मुस्लिम समुदाय के लोगों को गलत तरीके से जोड़ा, जिससे सांप्रदायिक नफरत को बढ़ावा मिला। साल की शुरुआत में, ऑल्ट न्यूज़ ने 20 उदाहरणों की एक सूची संकलित की थी जिनमें समाज में डर फैलाने के लिए लगभग एक ही तरीके से अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया था। इस तरह का प्रचार मौजूदा सामाजिक पूर्वाग्रहों का इस्तेमाल करके धार्मिक अलगाव को बढ़ाने का प्रयास हैं। बिना किसी विश्वसनीय मीडिया स्रोतों के, सामने आने वाले उत्तेजक संदेशों को हमेशा आगे बढ़ाने से पहले सत्यापित किया जाना चाहिए।

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged:
About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.