“ये कौनसा धर्म है भाया जिसने एक मासूम बच्चे की बली चढ़ा दी और सारे लोग खुशियां मना रहे हैं  sayad ye sab log musalman lagte he,” ये संदेश एक वीडियो के साथ फ़ेसबूक पर वायरल है। दावा किया गया है कि एक लड़के को धार्मिक रीति-रिवाज़ के अनुसार बलि दी गई साथ ही सुझाव है कि शायद ऐसा करने वाले मुस्लिम समुदाय से संबंध रखते हैं। फेसबूक पेज ‘I am with Rvish kumar NDTV‘ ने यह वीडियो साझा किया है, जिसे 3800 से ज़्यादा बार शेयर किया जा चूका है।

इस वीडियो को लव, जिहाद दृष्टिकोण से भी शेयर किया गया है।

कई यूज़र्स ने इस वीडियो को शेयर किया है।

पिछले साल से वायरल

“कृपया शेयर करें, और अन्धविश्वास मुक्त भारत बनाने में सहयोग करें” इस कैप्शन के साथ तस्वीरों का एक सेट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। ये तस्वीरें इस कथा के साथ फैलाई गई थी कि राजस्थान के भीलवाड़ा में धार्मिक क्रिया के तहत एक लड़के का सिर काटकर बलि दी गई थी। पत्रकार अभय दुबे के मिलते-जुलते नाम वाले फेसबुक पेज के इस पोस्ट को 2,600 से अधिक बार शेयर किया गया था।

फेसबुक और ट्विटर दोनों पर, इस कथित घटना का एक वीडियो भी, इस वायरल दावे के साथ खूब प्रसारित किया गया था।

 

लड़के की बलि नहीं दी गई

इन तस्वीरों के साथ प्रसारित कथा झूठी है। राजस्थान पुलिस द्वारा फेसबुक और ट्विटर दोनों पर जारी बयान कहता है – ” सोशल मीडिया पर भीलवाड़ा जिले में बच्चे की बलि दे गांव में जुलूस निकालने के वीडियो में मनोरंजन को अंधविश्वास का रूप देकर भ्रमित किया गया। वास्तव में यह हर वर्ष की भांति नवरात्रि में जादू करतब से मनोरंजन का नाटकीय रूप है। ग्राम खाखला के कार्यक्रम को गलत तरीके से वायरल किया गया है।”

भीलवाड़ा पुलिस ने भी इसी तरह का बयान दिया और उस लड़के की तस्वीर को ट्वीट किया जिसे वायरल फोटोग्राफ में देखा जा सकता है। लड़का जिंदा है और स्वस्थ है।

लगभग पूरे गांव ने मानव बलि नाटक में भाग लिया था। मगर इस पोस्ट को शेयर करने वाले सोशल मीडिया यूजर्स ने इस मसले और इसकी कथा पर आलोचनात्मक और प्रगतिशील तरीके से विचार नहीं किया तथा शेयर करते हुए इसे अधिकाधिक उत्तेजनात्मक बनाते चले गए।

[यह लेख पहली बार 6 नवंबर, 2018 को प्रकाशित हुई थी।]
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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.