“इस *निर्भया* नंबर को अपनी पत्नी, बेटी, बहन, माँ, दोस्तों और उन सभी स्त्रियों को भेजे जिन्हे आप जानते हैं…उन्हें इसे सेव करने के लिए कहिए…और सभी पुरुष यह संदेश अपनी परिचित महिलाओं तक भेजें…अगर किसी आपत्तिजनक स्थिति में, महिलाए इस नंबर पर ब्लेंक संदेश या मिस कॉल करेंगी…जिससे पुलिस आपकी लोकेशन का पता लगा कर आपकी मदद कर पाएंगी 🌹9833312222”
उपरोक्त संदेश सोशल मीडिया में व्यापक रूप से प्रसारित किया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से उपयोगकर्ता इस संदेश को फेसबुक पर साझा कर रहे हैं।
इस जानकारी को ऑल्ट न्यूज़ के अधिकृत मोबाइल एप पर भी तथ्य जांच के लिए भेजा गया है। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह संदेश ट्विटर पर 2018 से ही प्रसारित है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2012 में दिल्ली में 23 वर्षीय ज्योति सिंह का सामूहिक बलात्कार कर निर्मम तरीके से हत्या कर दी गयी थी, जिसके बाद पूरे देश भर में इसके खिलाफ हंगामा हुआ था।
पड़ताल: नंबर कार्यरत नहीं है
सोशल मीडिया और व्हाट्सप्प उपयोगकर्ता द्वारा प्रसारित किया गया मोबाइल नंबर- 9833312222, सरकारी रेलवे पुलिस ने 2015 में जारी किया था। हालांकि यह हेल्पलाइन मुंबई तक ही कार्यरत था। इस नंबर का उपयोग महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे से संबंधित संदेश, तस्वीर या वीडियो भेजने के लिए रेलवे यात्रियों द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से किया जा सकता है।
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह नंबर कार्यरत नहीं है। इस नंबर के व्हाट्सएप्प पर संदेश भेज पाना भी संभव नहीं है, क्योंकि यह नंबर व्हाट्सएप्प मैसेजींग एप्प पर पंजीकृत नहीं है। इसकी जगह पर, मुंबई रेलवे पुलिस की वेबसाइट पर दो व्हाट्सएप्प हेल्पलाइन नंबर साझा किया गया है।
जहां तक मुंबई शहर की बात है तो, वहाँ का हेल्पलाइन नंबर 103 है। यह नंबर मुंबई, नई मुंबई और ठाणे के लिए कार्यरत है। महाराष्ट्र के बाकि हिस्से के लिए हेल्पलाइन नंबर 1091 है।
पाठक इस बात का ध्यान दें कि नर्भया मामले के बाद जनवरी 2013 में तीन अंकों के टोल-फ्री नंबर – 181 को शरू किया गया था। इस तरह मुश्किल में घिरी महिला के लिए एक और नंबर – 1091 भी है, जिसे देश भर के राज्यों में इस्तेमाल में भी लिया गया। इसके अलावा, पुलिस (100), आग से सबंधित (101), स्वास्थ्य संबंधी (108) और महिला हेल्पलाइन (1091), इन सभी से संपर्क हेतु सरकार ने इस साल एक हेल्पलाइन नंबर (112) की शुरुआत की है।
इस प्रकार यह ध्यान देने लायक है कि ‘निर्भया हेल्पलाइन’ के नाम से सोशल मीडिया में प्रसारित किया गया नंबर, 2015 में मुंबई रेलवे पुलिस ने सिर्फ मुंबई संबंधित इलाकों के लिए जारी किया था। यह नंबर हाल में कार्यरत नहीं है। पहले भी, नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई एक नई पहल के रूप में सोशल मीडिया में पुराना और निष्क्रिय नंबर प्रसारित किया गया था।
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