एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक क्लास को डिवाइड किया गया है, जिसमें डिवाइड के एक तरफ बुर्का पाहणी महिला छात्राएं और दूसरी तरफ पुरुष छात्र बैठे हैं. इस वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि ये फ़ुटेज केरल के एक कॉलेज क्लासरूम का है. 

X यूज़र ओसियन जैन (@ocjain4) ने कथित वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि ये सऊदी अरब, पाकिस्तान या बांग्लादेश का नहीं बल्कि केरल का है. (आर्काइव)

वीडियो को लगभग 160,000 बार देखा गया.

X यूज़र जितेंद्र प्रताप सिंह (@jpsin1) ने भी इसी तरह के दावे के साथ वीडियो शेयर किया. (आर्काइव)

पोस्ट को 17 हज़ार व्यूज मिले.

पाठकों को ध्यान देना चाहिए कि X यूज़र ओसियन जैन और जितेंद्र प्रताप सिंह नियमित रूप से सांप्रदायिक ग़लत सूचना को बढ़ावा देते पाए गए हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने पहले भी उनके कई दावों की पड़ताल की है. X पर जितेन्द्र सिंह को पीएम मोदी भी फॉलो करते हैं. 

एक इंस्टाग्राम पेज India.unraveled ने ये वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि वीडियो पाकिस्तान का नहीं, बल्कि एक कम्युनिस्ट राज्य केरल का है.

 

 

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पोस्ट को 115,000 बार देखा गया है.

गौरतलब है कि केरल, एक कम्युनिस्ट पार्टी शासित राज्य है, जहां लगभग 27% मुस्लिम आबादी है, जिसे अक्सर राईटविंग द्वारा मुस्लिम विरोधी बयानों के साथ निशाना बनाया जाता है. वीडियो को इसी इरादे से शेयर किया जा रहा है. 

कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने ऐसे ही दावे किए हैं. उनमें से कुछ को नीचे गैलरी में देखा जा सकता है.

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फ़ैक्ट-चेक

वायरल वीडियो के कुछ कीफ्रेम्स पर रिवर्स इमेज सर्च करने से हमें aamersrs_mos_academy नामक एक इंस्टाग्राम अकाउंट मिला, जिसने 10 अक्टूबर, 2025 को वही वीडियो पोस्ट किया था. इस अकाउंट द्वारा मुख्तार सर नाम के एक अन्य अकाउंट के सहयोग से वीडियो अपलोड किया गया था.

 

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aamersrs_mos_academy के इंस्टाग्राम बायो के मुताबिक़, ये व्यक्ति MOS अकादमी नांदेड़ का निदेशक है.

जैसे-जैसे हमने आगे तलाश की मालूम चला कि MOS अकादमी, एक निजी कोचिंग सेंटर, केरल में नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के नांदेड़ में स्थित था. दावे के मुताबिक ये सरकारी कॉलेज नहीं है.

कुल मिलाकर, ये दावा ग़लत है कि महिला छात्रों को पुरुष छात्रों से अलग करने वाली क्लास का वीडियो केरल के एक कॉलेज का है. वीडियो महाराष्ट्र के नांदेड़ के एक निजी कोचिंग सेंटर का है.

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