सोशल मीडिया पर एक दाढ़ी वाले व्यक्ति का वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है. वीडियो में व्यक्ति ‘इंसाफ 24 न्यूज़’ के एक पत्रकार के सामने ये कबूल करता है कि उसने अल्लाह के नाम पर अपनी पत्नी की हत्या की है. वो कहता है, “खुदा के मोहब्बत में मैंने अपनी बीवी का मर्डर किया…इस्लाम का इज़्ज़त का सवाल था इसीलिए उसे पिटाई भी लगेगी, लाठी भी लगेगी और डंडा भी खाना पड़ेगा. काहे की मेरी बीबी से मोहब्बत नहीं है, इस्लाम से मोहब्बत है.”

वायरल क्लिप की शुरुआत में (28 सेकेंड तक) इन शब्दों को सुपरइम्पोज़ किया गया है, “उसने अपनी पत्नी को मार डाला क्योंकि वो एक हिंदू थी.” और उसके बाद 29 सेकेंड पर एक और मेसेज दिया गया है जिसमें लिखा है, “पहले उसने उसे अपने प्यार में गिराया फिर उससे शादी की और फिर शादी के 1 साल बाद उसकी हत्या कर दी.” 1 मिनट का ये वीडियो 16 महिलाओं की तस्वीरों के साथ खत्म होता है. साथ में दावा किया गया है कि ये महिलाएं ‘लव जिहाद’ की शिकार थीं और फिर हिंदू लड़कियों को जगाने का आह्वान किया जाता है. और बताया जाता है कि “सभी अब्दुल एक जैसे हैं.”

इस वीडियो को कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने ये दावा करते हुए शेयर किया कि ये ‘लव जिहाद’ का एक क्लासिक मामला है और हिंदू महिलाओं को अंतर-धार्मिक संबंधों के ऐसे परिणामों के बारे में पता होना चाहिए. मनीष कश्यप के पैरोडी अकाउंट ‘@BJYAM11’ ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “प्यार में घर से निकली सारी लड़कियां कान खोलकर सुन लो, शायद आंखें खुल जाएं?” आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 60 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है और 3,700 लाइक्स मिले और 2,200 बार इसे रीट्वीट किया गया. (आर्काइव)

इस वीडियो को ट्विटर पर @nagmakhatun786, @Marwadi99, और @ShaliniKumawat0 जैसे यूज़र्स ने कई बार ट्वीट किया है. साथ ही ये वीडियो फ़ेसबुक पर भी वायरल है.

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फ़ैक्ट-चेक

सबसे पहले, ऑल्ट न्यूज़ ने इनविड सॉफ्टवेयर की मदद से वीडियो के की-फ़्रेम्स लिए और फिर उनमें से एक को गूगल पर रिवर्स सर्च किया. हमें असली यूट्यूब वीडियो मिला जिसे ‘इंसाफ 24 न्यूज़’ ने इस टाइटल के साथ पोस्ट किया था,खुदा की मोहब्बत में नई नवेली बीबी का क”त्ल इस्लाम का ऐसा नशा जिसने पहुंचा दिया जेल. इस शख्स की पहचान महबूब आलम के रूप में की गई है. वीडियो में पीड़िता का नाम या धर्म के बारे में कुछ नहीं बताया गया है.

7 मिनट के इस वीडियो में ये शख्स बार-बार कहता है कि वो इस्लाम के नाम पर दूसरों को मारता रहेगा और वो अधिकारियों से नहीं डरता. इस वीडियो रिपोर्ट में 1 मिनट 49 सेकेंड पर वो कहता है, “कमंडल बाबा ने मंत्र मार के हमारे हाथ से (बीवी का) ज़िना करवाया.. इसी कारण मार दिए उसको..काहे कि हमारे पास कोई चारा भी तो नहीं था. ये स्पष्ट नहीं है कि वह किस घटना और किस व्यक्ति की बात कर रहा है.

4 मिनट 59 सेकेंड पर, पत्रकार आलम की मानसिक स्थिति के बारे में चिंता जताते हुए, एक पुलिसकर्मी से सवाल करते हैं. लेकिन वो पुलिसकर्मी इस मामले पर कुछ भी टिप्पणी करने से परहेज करता है.

ऑल्ट न्यूज़ ने उस वक़्त के इस मामले के जांच अधिकारी (IO) अविनाश कुमार से संपर्क किया जो कि बिहार के सीवान ज़िले के बंगरा पुलिस स्टेशन में पोस्टेड है. उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं है. उन्होंने कहा, “महबूब आलम मानसिक रूप से बीमार है. उसने अब्दुल गफ्फ़ार की बेटी यासमीन खातून की हत्या कर दी जो खुद भी एक मुस्लिम थी. महबूब आलम को 14 अप्रैल को गिरफ़्तार किया गया था और करमंडल समस्तीपुर जेल में रखा गया था. उसके परिवार के सदस्य फ़रार हैं.”

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, यास्मीन खातून बिहार के हायाघाट की रहने वाली थी और सात-आठ महीने पहले महबूब आलम से उसकी शादी हुई थी. 14 अप्रैल, 2023 को उसकी हत्या कर दी गई थी.

पुलिस ने आलम की मानसिक-स्वास्थ्य स्थिति का कोई मेडिकल रिकॉर्ड हमारे साथ शेयर नहीं किया. हालांकि, IO ने कहा, “महबूब आलम निश्चित रूप से मानसिक रूप से बीमार है. गिरफ़्तार किए जाने के कुछ दिनों बाद, उसने कहा कि वो ईद पर अपनी पत्नी के लिए गहने खरीद रहा होगा, यानी इस बात से पूरी तरह बेखबर था कि उसने अपनी ही पत्नी की हत्या की थी.”

पीड़िता के पिता अब्दुल गफ्फार ने महबूब आलम और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ IPC की धारा 34 और धारा 304 (B) के तहत एक FIR दर्ज़ की थी.

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इंसाफ 24 न्यूज़ ने भी पीड़ित परिवार से बातचीत की. ‘खुदा की मोहब्बत में नई नवेली बीबी का क””त्ल लड़”की के मां ने खोले कई राज़‘’ टाइटल वाले इस वीडियो में 31 सेकेंड पर पत्रकार ने पीड़िता के पिता अब्दुल गफ्फ़ार से उनकी धार्मिक पहचान के बारे में पूछा है. और इस दौरान लड़की के पिता ने कहा कि वो और उसका परिवार मुसलमान हैं.

ऑल्ट न्यूज़ ने यास्मीन की माँ ओविला खातून से भी बात की जिन्होंने कहा कि उनकी मृत बेटी पांच महीने की गर्भवती भी थी. उन्होंने पुलिस के उन दावों को पूरी तरह ग़लत बताया जिसमें महबूब आलम की मानसिक बीमारी के बारे में बताया गया था. उन्होंने कहा, “महबूब आलम मानसिक रूप से बीमार होने का नाटक कर रहा है ताकि पुलिस उसके साथ नरमी बरत सके. सच तो ये है कि उसने मेरी बेटी यासमीन की हत्या की जो गर्भवती थी. महबूब आलम की गिरफ्तारी के बाद से उसके परिवार वाले फरार हैं जिसका मतलब है कि ये उनकी मिलीभगत थी.”

कुल मिलाकर, महबूब आलम नामक एक व्यक्ति का “इस्लाम के नाम पर” अपनी बीवी की हत्या करने की बात कबूल करने का एक क्लिप्ड वीडियो सोशल मीडिया पर ‘लव जिहाद’ का मामला बताते हुए शेयर किया गया. यूज़र्स ने झूठा दावा चलाया कि पीड़िता एक हिन्दू थी. हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ ने जांच में पाया कि पीड़िता का नाम यासमीन खातून था जो अब्दुल गफ्फ़ार की बेटी थी. यानी, आरोपी और पीड़िता, एक ही समुदाय के थे. मामले के जांच अधिकारी के मुताबिक, महबूब आलम मानसिक रूप से बीमार है.

अबिरा दास ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.

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