इटली में 25 मार्च को सिर्फ़ एक दिन में 683 लोगों की मौत हुई हैं. इसके साथ ही इटली में इस वायरस से मरने वालों की संख्या 7,500 से ज्यादा हो चुकी है. वहीं ईरान में भी इस वायरस से मरनेवालों की संख्या 2,000 से ज़्यादा हो गयी है. इसी बीच एक वीडियो फ़ेसबुक और ट्विटर पर वायरल हो रहा है. इसमें विदेशी मूल के कुछ नागरिकों को एक बिल्डिंग से बाहर निकलते हुए देखा जा सकता है. कुछ का कहना है कि ये चीन के मुसलमान हैं जो पिछले एक महीने से पटना की कुर्जी मस्जिद में छिपे हुए थे, दीघा पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया. कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि करीब 50 लोग हैं तो कुछ 15 लोग लिख रहे हैं. वहीं कुछ 12 लोग बता रहे हैं.

23 मार्च को 12 बजकर 15 मिनट पर ‘News24 India’ चैनल ने एक वीडियो ट्वीट किया. इस ट्वीट के मुताबिक “पटना के कुर्जी इलाके में ईरान और इटली से करीब 50 विदेशी नागरिक अचानक से इस कॉलोनी में आ गए. जिस वज़ह से पूरे कॉलोनी में अफरा-तफरी मच गया है. इलाके के एक में मस्जिद आकर रुके थे. पटना पुलिस जांच में जुटी.” (ट्वीट का आर्काइव)

पंजाब केसरी, अमर उजाला, टाइम्स नाउ हिंदी, न्यूज़ 18 ने बताया कि कोरोना के खौफ़ के बीच मस्जिद में 12 विदेशी एक मस्जिद में छिपे मिले जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

हमने पाया कि इन मीडिया आउटलेट्स ‘ने ‘News24 India‘ की बतायी 50 की संख्या विपरीत 12 विदेशी लोगों के हिरासत में लेने की ख़बर दी है. ‘न्यूज़ 18’ ने रिपोर्ट करते हुए लिखा है, “छिपा कर रखे गए लोगों की संख्या लगभग 12 बताई जा रही है. सभी तुर्किस्तान के रहने वाले बताए जाते हैं. जब आस-पास के लोगों को इसका पता चला तो लोगों ने विरोध किया और हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस आई जिसके बाद पुलिस ने 12 विदेशियों को अपनी कस्टडी में ले लिया. पुलिस फिलहाल पूरे इलाके में छापेमारी कर रही है.”

‘ANI’ के बिहार ब्यूरो चीफ़ मुकेश सिंह ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए नितीश कुमार से सवाल किया – “#पटना के कुर्जी इलाके के 74 नंबर गली में अचानक से 2-3 गाड़ी में 25 से 30 की संख्या में विदेशी नागरिक जो जो की इटली और ईरान से कहा जा रहा है अचानक पहुंच गया है। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी है और पुलिस कुछ लोगो को जांच के लिए ले गई है। लेकिन ये अनर्थ क्यों ? @NitishKumar ” (ट्वीट का आर्काइव)

राइट विंग वेबसाइट ऑपइंडिया ने तो इन लोगों के ‘चाइनीज़ उइगर’ संभावना जताते हुए लिख दिया कि “इनकी कद-काठी देखते हुए चाइनीज उइगर होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. फिलहाल पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है.”

फ़ैक्ट-चेक

जैसा कि हमने देखा कि इस वीडियो के साथ दो तरह के दावे किए जा रहे हैं. पहला कि ये लोग मस्जिद में छिपे थे और दूसरा – ये लोग ईरान, इटली या चीन से हैं. इस आर्टिकल में हम इन दोनों दावों की पड़ताल करेंगे.

1. क्या ये लोग कोरोना वायरस से संक्रमित थे और टेस्टिंग के डर से मस्जिद में छिपे थे?

ट्विटर पर हमें ज़ैद (@pindropviolence) ने इस बात से आगाह किया कि कुर्जी मस्जिद में विदेशी लोगों के बारे में अफ़वाह फ़ैलायी जा रही है. उन सभी की COVID-19 टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव पायी गयी है. ज़ैद ने कुछ लोगों की मेडिकल रिपोर्ट भी ट्वीट की थी जिसमें कोरोना वायरस टेस्ट का रिज़ल्ट नेगेटिव दिखता है.

इस आधार पर ढूंढने से हमें ‘Digha Samachar’ नाम के फ़ेसबुक पेज का एक पोस्ट मिला. ये पोस्ट 23 मार्च को ही 4 बजकर 47 मिनट पर किया गया है. पोस्ट में लिखा है -“कृपया कुर्जी मस्जिद में विदेशी लोगों के बारे में किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं। उन सभी का परीक्षण कोविद -19 के लिए किया गया है और नकारात्मक पाया गया है|”

हमने इस पेज के एडमिन ईमाद से बात की. उन्होंने बताया “मामला पटना के कुर्जी के गेट नंबर 74 के पास स्थित मस्जिद का है. ये लोग किर्गिस्तान से जनवरी के फ़र्स्ट वीक में आए थे जमात के लिए. कुछ लोगों ने उन्हें मस्जिद में देख लिया और तुरंत ख़बर कर दी. तो पुलिस आई और उन्हें AIIMS लेकर गए. इन लोगों की जो रिपोर्ट है, सबकी नेगेटिव आई है.”

ऑल्ट न्यूज़ स्वतंत्र रूप से इन सभी 10 लोगों की मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त करने में कामयाब रहा. सबका रिज़ल्ट नेगेटिव आया है. ये रिज़ल्ट आप नीचे तस्वीरों में देख सकते हैं. बता दें कि 12 में से 10 लोग विदेशी थे और 2 स्थानीय गाइड थे. सभी का कोरोना टेस्ट रिज़ल्ट नेगेटिव आया है. हम यहां दो लोगों की मेडिकल रिपोर्ट दिखा रहे हैं.

हमने पटना AIIMS से भी इस बात की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि वो लोग किर्गिस्तान से थे. उनकी रिपोर्ट आ गई है. सभी नेगेटिव हैं.

2. क्या ये लोग ईरान, इटली या चीन से हैं?

‘Digha Samachar’ के ईमाद से गुज़ारिश करने पर हमें इन सभी लोगों के पासपोर्ट और वीज़ा की कॉपी मिलीं जिसमें इनके भारत पहुंचने की तारीख़ लिखी है. निजी जानकारी की वजह से हम ये सारे डीटेल्स पब्लिक नहीं कर सकते. लेकिन ये बताने के लिए कि ये लोग किर्गिस्तान से हैं न कि ईरान या इटली से (जैसा कि कुछ मीडिया आउटलेट्स ने बताया) हम 10 में से 2 लोगों की पासपोर्ट-वीज़ा कॉपी नीचे दिखा रहे हैं. इसमें एक के भारत पहुंचने की डेट है 19 दिसंबर, 2019 और दूसरे की 10 जनवरी, 2020. इससे ये साफ़ होता है कि ये लोग उस समय से भारत में हैं जब कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया था.

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इन 10 लोगों के 2 गाइड हैं. एक से हमारी बात हुई. इनका नाम है मनुवर इक़बाल. उन्होंने बताया – “हमलोग उसी दिन इस एरिया की मस्जिद में पहुंचे थे. पहले भी जमात आती थी ऐसा नहीं होता था कभी. क्यूंकि अभी बीमारी का डर फैला हुआ है इसीलिए पूरा मोहल्ला इकट्ठा हो गया. पुलिस आयी तो पूछा क्या दिक्कत है. तो हमने बताया कोई दिक्कत नहीं है. जमात आयी है. पुलिस को गलत इंफ़ॉर्मेशन दी गयी कि जमात यहां दो-चार दिन पहले से आयी है. इनका एक साथी इन्तक़ाल कर गया है कोरोना वायरस से. और ये लोग उसे दफ़नाने वाले हैं. फ़िर पुलिस आयी और सबको यहां से बाहर चलने को कहा गया. हम लोग मस्जिद से जब बाहर जा रहे थे, वहां खड़े लोग काफ़ी भद्दे-भद्दे कमेंट पास कर रहे थे और वीडियो भी बना रहे थे. उसी में से किसी ने ईरान और इटली का बताकर वायरल कर दिया. हमलोगों को AIIMS ले जाया गया. सबका टेस्ट हुआ. अल्लाह का शुक्र है सबकी रिपोर्ट निगेटिव आई.”

इक़बाल ने ये भी बताया, “ये लोग टूरिस्ट वीज़ा पे आते हैं. तबलीक़ के नाम पे नहीं आते हैं. सबका वीज़ा अलग-अलग है. बाहर से तो दो-दो तीन-तीन कर के आते हैं, एक साथ नहीं आते. यहां से भी अगर कोई जमात बाहर जाती है, अगर हमारे मस्जिद से कुछ लोग मयलेशिया गए थे, तो इसी तरह गए थे वो लोग. 8 लोग गए थे अलग-अलग. पटना में तीन जमात आईं. एक किर्गिस्तान से, एक मयलेशिया की जमात काम कर रही है बक्सर में, और इंडोनेशिया की है. तीनों जमात का हो गया है वेरिफ़िकेशन.”

हमने वीडियो कॉल के जरिये ये कन्फ़र्म किया कि हमारी बात वायरल वीडियो में दिख रहे व्यक्ति से ही हो रही है. नीचे की तस्वीर में घेरे में दिख रहे व्यक्ति से हमारी बात हुई.

video call

हमने दीघा थाना के SHO मनोज कुमार सिंह से भी बात की. उन्होंने इन ख़बरों को ख़ारिज करते हुए कहा कि ये लोग ईरान या इटली से नहीं बल्कि किर्गिस्तान से आए थे. ये सब फ़र्ज़ी ख़बरें हैं. इनलोगों की ज़मात चलती है. ये इस्लामिक प्रचार प्रसार करते हैं. टूरिस्ट वीज़ा पे इंडिया में आये हुए हैं. जमात के क्रम में मस्जिद में आए हुए थे. ये लोग पटना में 6 मार्च से थे.”

इस तरह हमने देखा कि कैसे मीडिया के एक वर्ग ने जमात में आए लोगों को मस्जिद में छुपे हुए विदेशी बताया. यहां तक कि ग़लत तरीके से इन्हें ईरान, इटली और चीन से जोड़ा गया जबकि ये किर्गिस्तान से हैं. इन तीनों देश का नाम इसलिए आया क्यूंकि यहां कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से हज़ारों लोगों की जान जा चुकी है. और इसीलिए इन देशों का नाम सुन के लोगों में भय पैदा हो जाता है. हम अपने पाठकों से अनुरोध करते है कि व्हाट्सऐप और सोशल मीडिया पर मिलने वाली किसी भी जानकारी पर आंखे बंद कर यकीन न करें.

यूट्यूब पर वायरल

पटना मस्जिद विदेशी‘ से यूट्यूब पर सर्च करने से पता चलता है कि ये वीडियो किस हद तक इस दावे से साथ अपलोड किया किया है कि ‘विदेशी लोग मस्जिद में छिपे थे.’कुछ ने तो इसे ‘कोरोना जिहाद’ बता दिया है. जैसा कि नीचे तस्वीर में देखा जा सकता है.

patna video

भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 600 के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 4 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केसेज़ सामने आये हैं और 19 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.

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