50 और 200 रुपये के नोटों की छपाई करता हुआ एक वीडियो इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि पाकिस्तान में नकली भारतीय नोट छापे जा रहे हैं. कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने ये वीडियो “पाकिस्तान के लघु उद्योग” बताकर शेयर किया है. 19 जून, 2023 को कई यूज़र्स ने ये वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया.

2019 से वायरल

ये वीडियो 2019 से इसी दावे के साथ वायरल है.

Small scale industry in Pakistan.pl forward this video to all or else the mission will not be a success for the person who has secretly taken this video.
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Posted by Manohar Pv on Wednesday, 15 May 2019

4 साल पहले ट्विटर और फेसबुक, दोनों पर ये वीडियो खूब शेयर किया जा रहा था.

व्हाट्सऐप पर भी इसे खूब शेयर किया गया.

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि YouTube पर भी इसे पाकिस्तान के दावे के साथ शेयर किया गया था.

सच क्या है?

वीडियो को ध्यान से देखने पर मालूम होता है कि इसमें कुछ गड़बड़ है.

1. यदि कोई बारीकी से वीडियो को देखे, तो उसे नोट पर ‘भारतीय चिल्ड्रेन बैंक’ छपा दिख जाएगा.

2. कुछ नोटों में शब्द – ”मनोरंजन बैंक ऑफ इंडिया” भी छपा है.

3. एक और संकेत है जिससे पता चलता है कि नोट नकली हैं. नोट में मूल्य के आगे रुपये का चिह्न ‘₹’ नहीं है. नकली नोट (बायीं तरफ) और असली नोट (दायीं तरफ) के नमूने को एक साथ मिलाकर तुलना की गयी है जिससे इन दोनों में अंतर स्पष्ट रूप से दिख जाता है.

2017 में, मीडिया ने रिपोर्ट किया था कि दिल्ली में एक एसबीआई (SBI) एटीएम से 2,000 का नोट निकला जिसपे ‘द चिल्ड्रेन बैंक ऑफ़ इंडिया’ छपा हुआ था.

इसी तरह का एक वाकया 2018 में यूपी में भी देखने को मिला था. वहां भी ‘चिल्ड्रन्स बैंक ऑफ़ इंडिया’ लिखा हुआ 500 रुपये का नोट बैंक ऑफ़ इंडिया (BOI) के एटीएम से निकला था.

2018 में आउटलुक ने एक नकली मुद्रा रैकेट की जानकारी दी थी जहां 32 लाख रुपये के ‘चिल्ड्रन बैंक ऑफ़ इंडिया’ लिखे हुए नोट बरामद हुए थे.

वीडियो के स्रोत का पता ऑल्ट न्यूज़ अभी तक नहीं लगा सका है, लेकिन ऐसा लगता है कि इसे किसी प्रिंटिंग प्रेस के अंदर शूट किया गया है. बूमलाइव ने रिपोर्ट किया था कि वीडियो में एक व्यक्ति को मराठी बोलते हुए सुना जा सकता है. SM Hoaxslayer ने भी पड़ताल किया था जब इसे बांग्लादेश में नकली नोटों के छपाई के रूप में शेयर किया जा रहा था.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.