किसान आंदोलनों से जुड़ी ग़लत सूचनाएं और पोस्ट लगातार शेयर किये जा रहे हैं. इसी क्रम में कई ट्विटर यूज़र्स ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें लोग प्रो-पाकिस्तान नारा लगा रहे हैं. एक मिनट का ये वीडियो शेयर किया जा रहा है.
ट्विटर यूज़र @OmPraka43229608 ने ये वीडियो पोस्ट किया जिसे 2,100 से ज़्यादा लोग रीट्वीट कर चुके हैं और 25,000 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. (आर्काइव लिंक)
अगर आप भी चाहते है कि इनके ऊपर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो तो ज्यादा से ज्यादा वायरल करें
देश को एक साजिश करके तोड़ने की कोशिश की जा रही है जो कभी कामयाब नहीं होगी@HMOIndia pic.twitter.com/dQkx61xpEt— Om Prakash Rawat (@OmPraka43229608) December 8, 2020
अक्सर ग़लत और भ्रामक सूचनाएं फ़ैलाने वाले ट्विटर यूज़र Akash RSS ने भी इसे शेयर किया और 450 से ज़्यादा लोग इसे रीट्वीट भी कर चुके हैं. (आर्काइव लिंक)
2015 का वीडियो
अगर आप भी चाहते है कि इनके ऊपर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो तो ज्यादा से ज्यादा वायरल करें pic.twitter.com/VwjbioLuOJ
— Akash RSS (@Satynistha) December 8, 2020
कुछ फ़ेसबुक यूज़र्स ने भी ये वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया. ऑल्ट न्यूज़ को इसके फै़क्ट चेक के लिए व्हाट्सऐप नंबर (+917600011160) और ऑफ़िशियल एंड्रॉइड ऐप पर रिक्वेस्ट भी भेजी गयी.
ऑल्ट न्यूज़ ने फे़सबुक और यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किया और पाया कि ये वीडियो अक्टूबर 2015 में स्थानीय न्यूज़ आउटलेट्स कश्मीर एसेंस न्यूज़ और द कश्मीर पल्स ने अपलोड किया था.
नीचे वायरल वीडियो और न्यूज़ आउटलेट के फ़्रेम की तुलना की गयी है.
फे़सबुक पेज मिशन सेव पाकिस्तान ने इस घटना की एक तस्वीर शेयर करते हुए द डेक्कन क्रॉनिकल की एक न्यूज़ रिपोर्ट शेयर की थी.
द कश्मीर पल्स के मुताबिक, सिख प्रदर्शनकारियों ने कश्मीर के बारामुला में सिख धर्मग्रन्थ, गुरु ग्रन्थ साहिब को अपमानित किये जाने के खिलाफ़ प्रोटेस्ट के दौरान प्रो-पाकिस्तान नारे लगाये थे. द डेक्कन क्रॉनिकल ने इसके बारे में रिपोर्ट किया था.
यानी, सोशल मीडिया यूज़र्स ने 2015 का वीडियो शेयर करते हुए उसे हालिया किसान आन्दोलन से जोड़ा. पिछले कुछ हफ़्तों में अनेकों वीडियो और तस्वीरों को किसान आन्दोलन से जोड़कर शेयर किया जा चुका है और इसे खालिस्तानी एजेंडा बताते हुए प्रदर्शन को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.