23 फ़रवरी, 2023 को अमृतसर के अजनाला में एक पुलिस स्टेशन के बाहर खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे‘ के नेता अमृतपाल सिंह के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई. आंदोलनकारियों ने अमृतपाल सिंह की गिरफ़्तारी को लेकर थाने पर धावा बोल दिया. करीबी सहयोगी लवप्रीत उर्फ़ तूफान सिंह समेत कई पुलिसकर्मी इस घटना में घायल हो गए. अपहरण और मारपीट के आरोपी लवप्रीत सिंह को अगले दिन रिहा कर दिया गया.
इस संदर्भ में कई सोशल मीडिया यूज़र्स एक वीडियो शेयर कर रहे हैं. और दावा कर रहे हैं कि सड़क के बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला था जिसे क्रेन से उल्टा पकड़ा गया था. यूज़र्स ये वीडियो हालिया विरोध प्रदर्शनों का बताते हुए शेयर कर रहे हैं.
उप्साला विश्वविद्यालय में पीस एंड कंफ्लिक्ट स्टडीज़ के प्रोफ़ेसर अशोक स्वैन ने इसी दावे के साथ ये वीडियो ट्वीट किया. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 3 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है.
Modi’s effigy wrapped with national flag is being paraded in Punjab. They sent a contingent of paramilitary forces to Delhi airport to arrest Pawan Khera, but the regime and media are silent about it. pic.twitter.com/2wnTWCDkey
— Ashok Swain (@ashoswai) February 24, 2023
ट्विटर यूज़र ‘GyanGanga‘ ने भी इसी तरह के दावे के साथ ये वीडियो ट्वीट किया है.
When Effigy of PM Modi was paraded on streets, Punjabi Sikhs were watching it. No sikh on street protested against such Khalistanis
If Sikhs don’t wake up, then Punjab will soon become a terrorist state#AmritpalSingh #BhagwantMann Kejriwal पंजाब सरकार Bhindranwale pic.twitter.com/Q1SmUduhVy
— GyanGanga (@sarinmall85) February 24, 2023
वर्ल्ड हिंदू काउंसिल नाम के एक हैंडल ने भी यही वीडियो ट्वीट किया और कैप्शन में इसे एक ‘कायराना हरकत’ बताई.
PM @narendramodi gave a safe & dignified life to last surviving Sikhs of Afghanistan in India. See what these people are giving him in return. No words are enough to condemn this cowardly act by these cowardly people.pic.twitter.com/nW0MmEnUgU
— World Hindu Council (@WldHinduCouncil) February 24, 2023
इस वीडियो को ट्वीट करने वाले अन्य हैंडल में ‘@ncrsamacharlive‘, ‘@thesouthaisatim‘, और ‘@RiffatWani_says‘ शामिल हैं. इन ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट आप आगे देख सकते हैं:
फ़ैक्ट-चेक
वीडियो को ध्यान से देखने पर ऑल्ट न्यूज़ ने नोटिस किया कि पुतले को केसरिया रंग की जैकेट में लपेटा गया था, न कि भारत के राष्ट्रीय झंडे में. पीएम मोदी के पुतले को तिरंगे में लपेटे जाने का दावा गलत है.
वीडियो के उसी फ़्रेम को देखने पर पुतले से लगा एक पोस्टर दिखता है. इसमें पंजाबी में कुछ लिखा है. इस फ़्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ये पंजाबी टेक्स्ट मिला.
टेक्स्ट में लिखा है ‘ਇਹ ਖੰਘਿਆ ਤਾਂ ਟੰਗਿਆ, जिसका अनुवाद है, “उसने की खांसी, इसलिए फांसी.” इसके बाद हमने फ़ेसबुक पर इन की-वर्ड्स से सर्च किया और हमें अलग-अलग लोकल न्यूज़ एजेंसियों की रिपोर्ट्स मिलीं. ये रिपोर्ट्स दिसंबर 2020 की थीं.
पंजाब नेशनल टीवी नामक एक रीजनल न्यूज़ चैनल ने अपने फ़ेसबुक पेज पर एक तस्वीर पोस्ट करते हुए घटना को रिपोर्ट किया था. पोस्ट में पंजाबी कैप्शन का अनुवाद इस तरह किया जा सकता है, “भारत बंद के दिन किसानों ने लोहियां में मोदी के पुतले को टांग कर उस पर लिखा ‘उसने की खांसी, इसलिए फांसी’ I पंजाबी नेशनल TV.” इससे ये स्पष्ट होता है कि ये घटना 8 दिसंबर, 2020 को पंजाब के लोहियां खास गांव में हुई थी.
पंजाबी दैनिक न्यूज़ पेपर डेली अजीत ने भी फ़ेसबुक पेज पर इस घटना की एक वीडियो रिपोर्ट पोस्ट की.
कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले को तिरंगे में लपेटे जाने का दावा झूठा है जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है, पुतला भगवा रंग की एक जैकेट में है. ये वीडियो हाल का नहीं है और न ही ये अजनाला पुलिस स्टेशन में हुई हिंसा से सबंधित है. ये क्लिप दिसंबर 2020 की है. न्यूज़ रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये घटना पंजाब के लोहियां खास इलाके में हुई थी.
वंश शाह ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.
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