विश्वसनीय पत्रकारिता से क्या उम्मीद की जा सकती है जब खबर रिपोर्ट करने में गलती हो जाए? बयान का वापस लेना, और शायद माफ़ी, या फिर गलती को छुपाने का प्रयास?

“मौलाना कादरी ये कह रहे है कि जब वह नमाज के लिए आंखे बंद करते है तो उन्हें प्रिया वारीअर दिख रही है।” 14 फरवरी को शाम के प्रोग्राम ‘हल्ला बोल’ में आज तक के वरिष्ठ एंकर अंजना ओम कश्यप ने ये कहा।

ऑल्ट न्यूज़ ने एक लेख लिखा था जिसमे यह बताया गया था कि कादरी का यह बयान नकली था और एक पैरोडी खाते से ट्वीट किया गया था। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इसे सच मान लिया। लेकिन हैरानगी की बात यह है कि आज तक ने भी इसे सच मान लिया और अपने प्रोग्राम में इसका इस्तेमाल किया। जब चैनेल की इस गलती का खुलासा हुआ तो कश्यप ने बचाव करने की कोशिश की। कश्यप ने कई ट्वीट्स किये जिसमें यह बताने की कोशिश की गयी कि इस प्रोग्राम को क्यों चलाया गया था।

निम्नलिखित विडियो में कादरी आज तक से बात कर रहे हैं जहाँ वो कह रहे हैं, “अगर हमारे पैगम्बर के बारे में कुछ गलत अल्फाज़ किसी ने कहा है तो वो बिलकुल गलत है और यह बर्दाश्त के काबिल नहीं है और हम बिलकुल इसकी निंदा करते है। और इसके खिलाफ जो भी कारवाई होनी चाहिए कानूनन वो की जाए”। कादरी का यह बयान कश्यप ने अपने चैनल के बचाव में ये बताने के लिए ट्वीट किया कि वह प्रोग्राम गाने को लेकर हो रहे विरोध को लेकर था।

आज तक ने कश्यप के इस ट्वीट को रीट्वीट किया। दिलचस्प बात यह है कि कादरी का यह बयान उस ‘हल्ला बोल’ कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था लेकिन कादरी के तस्वीर और नकली बयान को शो के लिए इस्तेमाल किया गया। कश्यप ने दो और ट्वीट्स किये जिसमें उन्होंने रजा अकादमी के इस मुद्दे पर जो विचार है उस बात पर जोर दिया। कश्यप ने ये भी कहा कि रजा अकादमी इस गाने पर प्रतिबंध चाहती है और अकादमी के वक्ता से उन्होंने इस मुद्दे को लेकर गंभीर सवाल किये।

लेकिन सोशल मीडिया पर कश्यप पर लगे आरोप का रजा अकादमी से कोई लेना-देना नहीं था। ऑल्ट न्यूज़ ने पहले भी लिखा है कि कैसे रजा अकादमी ने कई बार स्वयं को इस्लाम धर्म का ठेकेदार घोषित किया है। बचाव करने के प्रयास के बावजूद कश्यप ने नकली बयान इस्तेमाल करने के बारे में कोई टिपण्णी नहीं की। कश्यप द्वारा निम्नलिखित ट्वीट 14 फरवरी के उनके प्रोग्राम से ठीक पहले का था। जिसमें उन्होंने कहा था “मौलाना कादरी को गुस्सा इस बात पर है कि नमाज के लिए आँखे बंद करने पर उन्हें इस लड़की का चेहरा दिखता है!” कश्यप ने बाद में अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।

एक नकली बयान को हैदराबाद में दर्ज की गयी पुलिस शिकायत के साथ जोड़ दिया गया। इस खबर को बिना किसी तथ्य जाँच के चलाया गया। पुलिस शिकायत या रजा अकादमी के विचार को लेकर बहस रखना कोई अप्पतिजनक बात नहीं है लेकिन कश्यप और आज तक का इस झूठी खबर को छुपाने का प्रयास इस गलती पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित करता है। और इस बीच एक व्यक्ति की बदनामी हुई जिसके लिए आज तक चैनल ने अभी तक कोई माफ़ी नहीं मांगी।

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