15 जून की रात लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए. बॉर्डर पर मई से ही तनाव बढ़ रहा था. इस संकट को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए. इस आलोचना के बाद भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने चीन और कांग्रेस की मिलीभगत बताते हुए गांधी परिवार की चाइनीज़ नेताओं के साथ 2008 की तस्वीर शेयर की.
Sonia Gandhi and her entire family’s China visit in 2008 is significant. Back then, she or any of her children weren’t holding any public office, then on what basis did they accept Chinese hospitality?
Why is the family’s interest, from Doklam to Ladakh, above national interest? pic.twitter.com/kMGOYcnEis— Amit Malviya (@amitmalviya) June 18, 2020
फ़ैक्ट-चेक
2008 में कांग्रेस के तत्कालीन जनरल सेक्रेटरी राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर साइन किए थे. इंडिया टुडे में 7 अगस्त 2008 को प्रकाशित रिपोर्ट में इस समझौते के बारे में लिखा है, “कांग्रेस और चाइनीज़ कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के बीच नियमित उच्च स्तरीय लेन-देन में मदद करने वाला मेकेनिज़्म”. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि “इससे एकदूसरे को द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास को बढ़ाने का मौका मिलेगा.”
मालवीय का ये दावा कि गांधी परिवार चीनी नेताओं से 2008 में मिला था, सही है. लेकिन जो तस्वीर उन्होंने शेयर की वो 2017 की है.
रिवर्स इमेज सर्च ने हमें चीनी दूतावास की वेबसाइट पर पहुंचाया जहां 21 अप्रैल 2017 को यह तस्वीर अपलोड की गई थी. तब कांग्रेस नेताओं ने नई दिल्ली के होटल ताज पैलेस पर चाइनीज़ फ़ूड फेस्टिवल का आयोजन किया था.
इस फ़ेस्टिवल में भाजपा नेताओं ने भी हिस्सा लिया था. नीचे लगी तस्वीर सुरेश प्रभु की है.
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने गांधी परिवार का 2008 में चीन दौरा दिखाने के लिए 2017 की तस्वीर शेयर की. यही तस्वीर 2017 में रिपब्लिक और टाइम्स नाउ ने शेयर की थी और इसे रॉबर्ट वाड्रा और चीनी दूतों के बीच हुई मीटिंग बताया था.
LAC पर बढ़ते तनाव ने फ़ेक न्यूज़ की बाढ़ ला दी है. हाल ही में टाइम्स नाउ ने ‘30 मृत चीनी सैनिकों’ के नाम की लिस्ट फ़ेक व्हाट्सएप मेसेज से पढ़ दी थी. चैनल ने बिना वेरिफ़ाई किये ये भी दावा किया था कि झड़प में 5 चीनी सैनिक मारे गए जबकि 11 घायल हुए थे. इसके अलावा कुछ पत्रकारों और मीडिया संस्थानों ने दावा किया था कि 43 चीनी सैनिक मारे गए हैं. यह ANI पर ‘सूत्रों’ के हवाले से ट्वीट किया गया था कि 43 चीनी सैनिक मारे गए हैं और घायल हुए हैं. यहां ग़ौर करने वाली बात है कि बीजिंग ने अभी तक मारे गए लोगों की कोई गिनती नहीं बताई है और न ही किसी विश्वसनीय डिफ़ेंस पत्रकार ने इसकी पुष्टि की है.
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