भाजपा नेता और इसके राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दो वीडियोज़ ट्वीट किये. देखते ही देखते ये दोनों वीडियोज़ सोशल मीडिया पर वायरल हो गए.

इनमें से एक वीडियो महाराष्ट्र में I.N.D.I.A गठबंधन के एक कार्यक्रम में पहुंचे राहुल गांधी का है जहां मंच पर मौजूद अन्य लोग उन्हें माला पहनाते हैं और उनमें से एक के हाथ में हिंदू देवता विट्ठल की मूर्ति है. आगे इस आर्टिकल में हम इन्हें पहला वीडियो और दूसरा वीडियो के रूप में संदर्भित करेंगे.

दूसरे वीडियो में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की 7 सेकंड की क्लिप में राहुल गांधी ये कहते हैं, “ये वाला डंडा देना, झंडा उतार दो इससे.” इसके बाद भीड़ में से कुछ लोग स्टिक से राष्ट्रीय झंडे हटा देते हैं.

पहला वीडियो

अमित मालवीय (@amitmalviya) ने 14 मार्च को ट्विटर पर ये क्लिप इस कैप्शन के साथ ट्वीट की, “राहुल गांधी ने मंच पर भगवान विट्ठल की मूर्ति लेने से मना कर दिया. ये सिर्फ वारकरियों का ही नहीं बल्कि भगवान का सम्मान करने वाले लाखों हिंदू भक्तों का अपमान है. DMK से लेकर कांग्रेस तक, हिंदू नफरत ही I.N.D.I गठबंधन को बांधती है. राहुल गांधी हिंदूमिसिया से पीड़ित हैं.” ये फ़ैक्ट चेक रिपोर्ट लिखे जाने तक इस ट्वीट को 3,70,600 बार देखा गया और साथ ही इसे 7,700 लाइक्स और 4 हज़ार रीट्वीट मिले हैं. (आर्काइव लिंक)

बीजेपी महाराष्ट्र के ऑफ़िशियल पेज (@BJP4Maharashtra) ने भी ये वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि राहुल गांधी ने मूर्ति रखने पर सहमति न देकर हिंदू भगवान का अपमान किया है. (आर्काइव)

रिपब्लिक भारत ने भी एक रिपोर्ट में अमित मालवीय के दावे को आगे बढ़ाया जिसका टाइटल था, “राहुल गांधी ने फिर किया सनातन का अपमान, भगवान विट्ठल की मूर्ति लेने से किया इनकार; BJP ने लगाया आरोप.”

फ़ैक्ट-चेक

X पर की-वर्डस सर्च करने पर हमें वायरल क्लिप का एक्सटेंडेड वर्ज़न मिला जिसे सोशल मीडिया पर @INCMaharashtra ने ट्वीट किया था. क्लिप के एक्सटेंडेड वर्ज़न में 18 सेकेंड पर राहुल गांधी मूर्ति स्वीकार करते दिखते हैं.

हमने देखा कि कांग्रेस के ऑफ़िशियल यूट्यूब चैनल ने 14 मार्च, 2024 को इस टाइटल से एक एक्सटेंडेड वीडियो भी पोस्ट किया, ‘किसान बैठक l नासिक I महाराष्ट्र I भारत जोड़ो न्याय यात्रा.’ वीडियो में 17 मिनट 28 सेकेंड पर, राहुल गांधी को मंच पर भगवान विट्ठल की मूर्ति स्वीकार करते हैं. उन्होंने ये मूर्ति महाराष्ट्र के नासिक में ‘कृषि उत्पन्न बाजार समिति‘ के दौरान स्वीकार की थी. किसानों की बैठक में राकांपा प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत और महा विकास अघाड़ी (MVA) नेताओं सहित अन्य राजनीतिक नेता भी मौजूद थे.

कुल मिलाकर, ये साफ है कि अमित मालवीय और अन्य ने घटना का एक क्लिप्ड वीडियो शेयर किया और ये झूठा दावा किया कि राहुल गांधी ने हिंदू देवता विट्ठल की मूर्ति स्वीकार करने से इनकार कर दिया था.

दूसरा वीडियो:

अमित मालवीय (@amitmalviya) ने 13 मार्च को इसे ट्वीट किया और लिखा, “राहुल गांधी ने भारत के झंडे को उतारने के लिए कहा… ये सीधे जॉर्ज सोरोस की नियम पुस्तिका से बाहर है, जहां वो अपने शिष्य से हर भारतीय का अपमान करने और उसे अपमानित करने के लिए कहते हैं.” अमित ने सुझाव दिया कि विपक्षी नेता हंगेरियन-अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के इशारे पर काम करते हैं, जॉर्ज सोरोस पहले भी पीएम मोदी और गौतम अडानी के साथ उनके संबंधों की आलोचना कर चुके हैं. अमित मालवीय के ट्वीट को 1,29,700 से ज़्यादा बार देखा गया. साथ ही इसे 5,600 लाइक्स और 2,700 रीट्वीट मिले हैं. उन्होंने पहले भी भ्रामक दावे और ग़लत सूचनाएं प्रचारित की हैं. (आर्काइव)

इंडियन कंपास नाम के एक यूट्यूब चैनल ने वायरल क्लिप पोस्ट किया जिसका टाइटल था, ‘ये है राहुल गांधी का राष्ट्रीय झंडे के लिए सम्मान.‘ ये फ़ैक्ट चेक रिपोर्ट लिखे जाने तक इस वीडियो को 57,233 से ज़्यादा बार देखा गया है.

ऐसा ही दावा करने वाले अन्य लोगों में @iAnkurSingh और भाजपा दिल्ली के उपाध्यक्ष विष्णु मित्तल (@visshnumittal) शामिल हैं.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने Invid सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करके वायरल वीडियो के फ़्रेम्स को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें एक वीडियो मिला जिसका टाइटल था, ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा डोंडाइचा, महाराष्ट्र से शुरू हुई.’ इसे 13 मार्च, 2024 को कांग्रेस के ऑफ़िशियल यूट्यूब चैनल से पोस्ट किया गया था.

9 मिनट 58 सेकेंड पर राहुल गांधी रैली में शामिल भीड़ में से संतोष पाटिल नाम के एक व्यक्ति को अपने पास आकर बैठने के लिए कहते हैं. इसके बाद, राहुल गांधी ने नाटकीय रूप से ये दिखाने की कोशिश की कि कैसे, उनके मुताबिक, मोदी सरकार ने कथित तौर पर महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाया और भारतीय अरबपति गौतम अडानी को आम लोगों को लूटने में मदद की. वो कहते हैं, “इसका ध्यान पहले इधर-उधर करेगा, कौन करेगा? नरेंद्र मोदी करेगा, उसके बाद पीछे से अडानी आएगा और जेब कटेगा.”

वायरल क्लिप, लंबे वर्ज़न में 11 मिनट 11 सेकेंड से ली गई है जहां राहुल गांधी नाटकीय रूप से ये दिखाने के लिए एक छड़ी मांगते हैं कि कैसे भाजपा सरकार कथित तौर पर ED, CBI और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों का ग़लत इस्तेमाल करती है. राहुल गांधी कहते हैं, “अच्छा मुझे ये डंडा देना, झंडा उतार दो इससे…ये देदो छोटा वाला (डंडा) देदो…तो मोदी ध्यान इधर-उधर करेगा, राइट? अडानी पीछे से जेब कटेगा और अमित शाह यूं डंडा पकड़ के ED, CBI, Income Tax Department लेके मारेगा. किसको मारेगा? इसको (जनता को) मारेगा.”

हमने देखा कि राहुल गांधी ने 13 मार्च, 2024 को व्यारा, गुजरात में अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा रैली में छड़ी का इस्तेमाल करके इसी तरह का नाटकीय प्रदर्शन किया था. ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा मैं व्यारा गुजरात’ टाइटल वाले वीडियो में 16 मिनट 1 सेकेंड पर, राहुल गांधी भीड़ से कहते हैं कि (कांग्रेस का) झंडा हटाओ और उन्हें छड़ी दो. वो ये दिखाते हैं कि कैसे मोदी सरकार कथित तौर पर केंद्रीय एजेंसियों का ग़लत इस्तेमाल कर रही है और जनता को मार्मिक सामाजिक-आर्थिक मुद्दों से भटका रही है.

कुल मिलाकर, ये दावा पूरी तरह से ग़लत है कि राहुल गांधी भारतीय झंडा उतरवाना चाहते थे. उन्हें एक छड़ी की ज़रूरत थी और उन्होंने रैली में मौजूद किसी व्यक्ति से भारतीय ध्वज हटाकर एक छड़ी देने को कहा. अमित मालवीय ने जो क्लिप्ड वीडियो शेयर किया है, उसमें पूरा संदर्भ नहीं है.

अबीरा दास ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.

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