25 मार्च को CPI (M) केरल के ऑफ़िशियल ट्विटर हैंडल ने पहाड़ी राजमार्ग का एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा: “नंदारापड़ाव, कासरगोड से परसाला, तिरुवनंतपुरम तक 1251 किलोमीटर लंबी पहाड़ी राजमार्ग 3500 करोड़ रुपये की लागत से बनेगी.”
कई यूज़र्स ने इस ट्वीट पर जवाब देते हुए ज़िक्र किया कि केंद्र सरकार ने पहाड़ी हाईवे परियोजना को फ़ंड किया था और इसलिए इसका क्रेडिट भाजपा सरकार को जाना चाहिए.
राईट विंग इन्फ्लुएंसर ऋषि बागरी (@rishibagree) ने CPI (M) केरल के इस ट्वीट को कोट करते हुए उल्लेख किया: “वामपंथी मोदी सरकार के बुनियादी ढांचे के काम को बढ़ावा दे रहे हैं.” ये फ़ैक्ट चेक रिपोर्ट लिखे जाने तक इस ट्वीट को 1 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है और 1,500 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)
Left promoting Modi Govt infra work 🙌😂 https://t.co/RtRNMvZ5oj
— Rishi Bagree (@rishibagree) March 26, 2024
एक और यूज़र, श्रीजीत पणिक्कर ने भी CPI (M) के ट्वीट को कोट करते हुए ज़िक्र किया कि CPI (M) भाजपा सरकार की परियोजनाओं को बढ़ावा दे रही थी. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 1.5 लाख से ज़्यादा बार देखा और 900 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)
Looks like CPI(M) has started promoting BJP government’s projects! 😂 https://t.co/3YPrOh2RWS
— Sreejith Panickar (@PanickarS) March 26, 2024
इसके अलावा, कांग्रेस केरल ने भी 26 मार्च को ट्वीट किया कि इस परियोजना की कल्पना दिवंगत कांग्रेस नेता और केरल के पूर्व सीएम ओमन चांडी ने 2004-06 के बीच अपने कार्यकाल के दौरान की थी. जब 2011 में कांग्रेस को फिर से राज्य में सत्ता मिली तो उन्होंने इस परियोजना को फिर से आगे बढ़ाया.
Success has many fathers. Failure is an orphan.
Here is CPI(M) and BJP trying to take credit for a project fully funded by Kerala State, which was one of many infrastructure projects initiated by Late Sri. Oomen Chandy.
This project was conceived by the first Oomen Chandy Govt… https://t.co/aweZ3HHpuR pic.twitter.com/WO3rbuBMaN
— Congress Kerala (@INCKerala) March 26, 2024
फ़ैक्ट-चेक
सबंधित की-वर्डस सर्च करने पर हमें जनवरी 2017 में पब्लिश द हिंदू की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट के टाइटल का हिंदी अनुवाद कुछ यूं है, “पहाड़ी, तटीय राजमार्गों के लिए KIIFB फ़ंड.” इस रिपोर्ट में बताया गया है कि केरल इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फ़ंड बोर्ड (KIIFB) से इस परियोजना को फ़ंड मिला है. राज्य के उत्तर से दक्षिण तक 1919.4 किलोमीटर लंबे पहाड़ी राजमार्ग और तटीय राजमार्ग के निर्माण के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके लिए लगभग 5,000 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया गया है.
केरल के CM पिनाराई विजयन ने अगस्त 2016 में दोनों राजमार्गों को हरी झंडी दी. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि शुरूआती चरण में 9 ज़िलों को कवर किया जाएगा जो कासरगोड, वायनाड, मलप्पुरम, पलक्कड़, त्रिशूर, इडुक्की, एर्नाकुलम, कोल्लम और तिरुवनंतपुरम थे.
हमें सितंबर 2017 में पब्लिश इंडियन एक्सप्रेस की एक और न्यूज़ रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में कासरगोड ज़िले के नंदरापदावु और तिरुवनंतपुरम ज़िले के परसाला के बीच प्रस्तावित 1251 किलोमीटर की पहाड़ी राजमार्ग परियोजना का उल्लेख है जो असल में केरल में ओमन चांडी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई थी. पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली CPI (M) सरकार ने राजमार्ग का निर्माण शुरू करने के लिए अंतिम मंजूरी दे दी थी.
इस साल 20 फ़रवरी को द हिंदू की एक और रिपोर्ट में राज्य के लोक निर्माण मंत्री पीए मोहम्मद रियास का ज़िक्र करते हुए कहा गया है कि राज्य सरकार का लक्ष्य 2025 तक NH 66 (कासरगोड से तिरुवनंतपुरम तक पहाड़ी राजमार्ग) के निर्माण को पूरा करना है.
हमने KIIFB वेबसाइट भी खंगाली जिसमें ‘प्रमुख परियोजनाओं’ के अंतर्गत उल्लिखित तटीय और पहाड़ी राजमार्ग परियोजना देखी जा सकती है.
ऑफ़िशियल वेबसाइट के अनुसार, केरल इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फ़ंड बोर्ड (KIIFB) की स्थापना 1999 में हुई थी. हमें KIIFB द्वारा अगस्त 2023 में पब्लिश एक न्यूज़ पेपर मिला. इसमें न्यूज़लेटर रिलीज की तारीख के मुताबिक, उल्लिखित परियोजना की स्थिति देखी जा सकती है.
कुल मिलाकर, ये दावा ग़लत है कि केरल में पहाड़ी हाईवे परियोजना को केंद्र सरकार द्वारा फ़ंड किया गया है. इस परियोजना का विचार राज्य में दिवंगत ओमन चांडी के तहत कांग्रेस शासन के दौरान किया गया था, लेकिन काम वर्तमान CPI (M) सरकार के तहत शुरू हुआ. इस परियोजना को राज्य बुनियादी ढांचा निवेश बोर्ड, KIIFB द्वारा फ़ंड किया गया है.
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