कोरोना वायरस के संक्रमण ने पूरी दुनिया में अपने पैर पसार लिए हैं. इस महामारी के चलते कई देश लॉकडाउन की स्थिति झेल रहे हैं. भारत में भी 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है. कोरोना वायरस के बढ़ते डर के कारण सोशल मीडिया में भी अफ़रा-तफ़री मची हुई है. ऐसे ही एक उदाहरण की बात करें तो हाल ही में 1985 में कैंसर से जूझ रहे बच्चे को गले लगाती हुई मां की तस्वीर कोरोना वायरस पीड़ित की बताकर शेयर की जा रही है.

फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी ऐसे ही इमोशनल दावे के साथ एक तस्वीर शेयर हो रही है. तस्वीर में एक व्यक्ति घर के बाहर से अपने दो बच्चों को देख रहा है. दावा है कि ये व्यक्ति इंडोनेशिया के डॉक्टर हादिओ अली हैं जो अपने अंतिम समय में बच्चों से मिलने के लिए आये हैं. ये ध्यान देने लायक बात है कि डॉ.अली की मौत 22 मार्च 2020 को कोरोना वायरस के मरीजों की देखभाल करने के कारण हुई थी. राष्ट्रीय उलेमा कॉउन्सिल के फ़ाउन्डर और प्रेसिडेंट आमिर रशादी मदनी के फ़ेसबुक पेज ने ये तस्वीर इसी दावे से शेयर की है. (आर्काइव किया हुआ पोस्ट)

ट्विटर पर सीरिया के राजनेता ‘@Omar_Madaniah’ ने भी ये तस्वीर इंडोनेशिया के डॉक्टर हादिओ अली की बताते हुए शेयर की. (आर्काइव किया हुआ ट्वीट)

ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल ऐप पर भी इस तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए कुछ रीक्वेस्ट मिली हैं.

फ़ैक्ट-चेक

गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से हमें अहमद एफेंडी ज़ैलानुद्दीन नाम के एक फ़ेसबुक यूज़र का पोस्ट मिला. मलेशिया के रहने वाले इस व्यक्ति ने ये तस्वीर 21 मार्च को पोस्ट की थी. शेयर किये गए मेसेज के गूगल ट्रांसलेशन से पता चलता है कि ज़ैलानुद्दीन तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति के भाई हैं. मेसेज में ज़ैलानुद्दीन ने लिखा है कि उनके भाई एक डॉक्टर हैं और वो कोरोना के मरीज़ों की देखभाल करते हैं. इसी वजह से उन्हें अपने बच्चों से कुछ वक़्त तक दूर रहना पड़ेगा.

आगे सर्च करने से पता चला कि इंडोनेशिया की समाचार वेबसाइट ‘टेम्पो’ के फ़ैक्ट-चेक विभाग ‘cekfakta’ ने इस तस्वीर की पड़ताल की थी. आर्टिकल में ज़ैलानुद्दीन के बयान को भी शामिल किया गया है. बयान के मुताबिक़, उनके भाई जीवित हैं और वो डॉक्टर हादिओ नहीं हैं. कुछ और मलयेशियन वेबसाइट ने भी इस तस्वीर के बारे में रिपोर्ट छापी है – Kerjaayabaru.com और Pama Magazine.

इस तरह ये साफ़ हो जाता है कि घर के बाहर से अपने बच्चों को देखने वाले व्यक्ति की तस्वीर मयलेशिया के डॉक्टर की है न कि कोरोना की वजह से मरने वाले डॉक्टर हादिओ अली की.

कोरोना वायरस संक्रमण पूरी दुनिया में फ़ैल रहा है. इस वायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 4 लाख तक पहुंच गया है और इस बीमारी के कारण मरने वाले लोगों की संख्या 21,000 हो ज़्यादा हो चुकी है. भारत में कोरोना वायरस के 660 से ज़्यादा केस हो चुके हैं. इस संक्रमण के साथ-साथ इससे जुड़ी हुई गलत सूचनाएं और घरेलू नुस्खे भी प्रसारित हो रहे हैं. कई लोग जाने-अनजाने में इन पर विश्वास करके अपनी जान जोखिम में डाल देते हैं. ऑल्ट न्यूज़ लगातार इन गलत सूचनाओं की सच्चाई सामने लाता है. ऑल्ट न्यूज़ की साइंस टीम भी कोरोना से जुड़े हुए भ्रामक दावों की पड़ताल कर रही है. हम अपने पाठकों से अनुरोध करते है कि व्हाट्सऐप और सोशल मीडिया से मिलने वाली किसी भी जानकारी पर आंखे बंद कर यकीन न करें. डॉक्टर की सलाह को फ़ॉलो करे और लॉकडाउन का पालन करें.

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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.