कर्नाटक के मांड्या ज़िले के केरागोडु गांव में सरकारी ज़मीन पर राष्ट्रीय ध्वज और कन्नड़ झंडे के बजाय 108 फुट ऊंचे ध्वजस्तंभ पर भगवा रंग का हनुमान ध्वज लगाए जाने को लेकर हुए विवाद ने राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां तेज कर दी है और स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया है.

दरअसल, अधिकारियों ने कर्नाटक के केरेगोडु में हिन्दू देवता हनुमान की तस्वीर वाले भगवा झंडे को 108 फीट ऊंचे ध्वजस्तंभ से उतार कर उसपर तिरंगा फहराया जिससे गांव में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. इसको लेकर रजिनीतिक पार्टियां आमने-सामने है. एक तरफ भाजपा, जेडीएस और अन्य संगठनों ने सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस पर हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस ने जवाब में भाजपा और जेडीएस पर राष्ट्रीय ध्वज के अपमान और राज्य का शांति भंग करने का आरोप लगाया.

न्यूज़ आउटलेट्स ने भी इस खबर को बढ़-चढ़कर दिखाया. ANI जैसी न्यूज़ एजेंसी ने इस ख़बर को लगातार आगे बढ़ाया जिसमें अबतक 25 से ज्यादा ट्वीट्स शामिल हैं. इन खबरों में भाजपा, जेडीएस और अन्य संगठनों के प्रदर्शन के अलावा कर्नाटक सरकार के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के भी बयान मौजूद हैं. लेकिन इन खबरों में ANI ने कहीं भी उस अनुमति पत्र की बात नहीं की है जिसमें ग्राम पंचायत अध्यक्ष और PDO द्वारा उक्त फ़्लैगपोस्ट पर सिर्फ राष्ट्रीय ध्वज और कन्नड़ झंडा फहराने की इजाजत दी गई थी. साथ ही उस अनुमति पत्र में साफ तौर पर कोई भी धार्मिक या राजनीतिक झंडा नहीं फहराने की शर्त थी. स्थानीय संगठन गौरीशंकर सेवा ट्रस्ट ने एक शपथ पत्र भी जारी किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि फ़्लैगपोस्ट पर सिर्फ राष्ट्रीय ध्वज और कन्नड़ झंडे के अलावा कोई धार्मिक या राजनीतिक झंडा नहीं फहराया जाएगा. लेकिन इसके बावजूद उस फ़्लैगपोस्ट पर धार्मिक झंडा फहराया गया जिसको लेकर ये पूरा विवाद हुआ है. न्यूज़ एजेंसी ANI ने सिर्फ 28 और 29 जनवरी को इस मामले पर 23 ट्वीट्स किए जिसमें कम से कम 10 ट्वीट्स में एक लाइन का इस्तेमाल लगातार किया है (Hanuman flag hoisted by the Gram Panchayat Board of Mandya district), इस लाइन के जरिए दावा किया जा रहा है कि ग्राम पंचायत बोर्ड ने मांड्या डिस्ट्रिक्ट में विवादित स्थान पर धार्मिक झंडा फहराया. इन ट्वीट्स के जरिए यह दर्शाने की कोशिश की जा रही है कि ग्राम पंचायात बोर्ड ने ही विवाद के घेरे वाले फ़्लैगपोस्ट पर धार्मिक झंडा फहराया था जिसे डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के कहने पर पुलिस ने बलपूर्वक हटा दिया. ज्ञात हो कि फ़्लैगपोस्ट विवाद पर किए गए सबसे पहले ट्वीट में ANI ने कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र का बयान शेयर किया था जिसमें यही दावा किया गया था. इसके बाद से ANI सिर्फ भाजपा के बयान को ही खबर बताकर दोहराने लगा.

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल, कर्नाटक के मांड्या ज़िले के केरागोडु गांव के स्थानीय संगठन गौरीशंकर सेवा ट्रस्ट ने ऑडिटोरीयम परिसर में झंडा फहराने के लिए 29 जनवरी 2023 को ग्राम पंचायत के अध्यक्ष और PDO से एक फ़्लैगपोस्ट बनाने की अनुमति मांगी. इसके साथ ही उन्होंने लिखित आश्वासन भी दिया कि “हम आपसे अनुरोध करते हैं कि हमें उक्त ध्वज स्तंभ के निर्माण की अनुमति प्रदान करें। हम उपरोक्त ध्वज स्तंभ पर तिरंगा झंडा और कर्नाटक ध्वज फहराने पर सहमत हुए हैं.” इसके बाद ग्राम सभा ने इस आग्रह पर जेनरल बोर्ड मीटिंग बुलाकर विचार किया और 5 जनवरी 2024 को साइट इंस्पेक्शन किया गया, जिसके बाद उक्त स्थल पर फ़्लैगपोस्ट बनाने की अनुमति दी गई.

17 जनवरी को गौरीशंकर ट्रस्ट की ओर से 7 सदस्यों द्वारा हस्ताक्षर करके एक डिक्लरेशन लेटर जारी किया जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया कि “हम उक्त ध्वजस्तंभ के निर्माण के संबंध में आपकी शर्तों से सहमत हैं और हम सहमत हैं और हस्ताक्षर करते हैं कि हम देखेंगे कि कोई चूक या अप्रिय घटना न हो. किसी भी चूक और अप्रिय घटना के मामले में हम जिम्मेदारी लेंगे. इस ध्वजस्तंभ पर राष्ट्रीय ध्वज और कन्नड़ ध्वज के अलावा कोई अन्य राजनीतिक या धार्मिक ध्वज नहीं फहराया जाएगा.”

19 जनवरी को ग्राम पंचायत अध्यक्ष और PDO ने 5 शर्तों के साथ गौरीशंकर ट्रस्ट को उक्त स्थल पर झंडा फहराने की अनुमति दी थी:

1. ध्वजस्तंभ पर केवल राष्ट्रीय ध्वज और कर्नाटक/कन्नड़ ध्वज फहराने की अनुमति है और किसी अन्य धार्मिक/राजनीतिक दल का झंडा फहराने की अनुमति नहीं है.

2. झंडा फहराने का समय सुबह 7 बजे से 8 बजे के बीच है और शाम को 5:30 से 5:45 बजे तक इसे उतार दिया जाना चाहिए.

3. झंडा फहराने के संबंध में सरकार द्वारा जारी सर्कुलर का पालन करना चाहिए.

4. किसी भी प्रकार का दंगा नहीं होने देना चाहिए और खुद भी उसका पालन करना चाहिए.

5. झंडा फहराने से 6-7 दिन पहले ग्राम पंचायत और केरागोडु पुलिस स्टेशन को सूचित करना होगा.

इसके बाद अनुमति की शर्तों को नज़रअंदाज़ करते हुए उक्त फ़्लैगपोस्ट पर 20 जनवरी को धार्मिक झंडा फहराया गया. न्यूज़ आउटलेट साउथ फर्स्ट से बात करते हुए केरागोडु गांव के मण्डल पंचायत अध्यक्ष नवीन कुमार ने कहा कि चूंकि एक दिन बाद (22 जनवरी) अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिष्ठा थी और हनुमान ध्वज पहले ही फहराया जा चुका था, इसलिए वे इसको लेकर कोई विवाद खड़ा नहीं करना चाहते थे. उन्होंने पंचायत सदस्य और ग्रामवासियों के साथ एक मध्यस्थता बैठक की जिसमें अधिकांश ग्रामीण चाहते थे कि उस समय हनुमान ध्वज फहराया जाए लेकिन कुछ पंचायत सदस्यों ने यह कहते हुए इसपर आपत्ति जताई कि यदि इस बार धार्मिक ध्वज फहराने की अनुमति दी जाती है, तो दूसरे धार्मिक संगठन भी अन्य अवसरों के दौरान अपना झंडा फहराने की अनुमति मांग सकते हैं.

22 जनवरी को केरागोडु गांव के लोगों ने मांड्या ज़िला पंचायत के CEO को शिकायत दर्ज कराते हुए उस फ़्लैगपोस्ट से भगवा झंडा हटाने का आग्रह किया और सिर्फ राष्ट्रीय ध्वज फहराने का निर्देश देने को कहा, जैसा कि अनुमति पत्र के शर्तों में लिखा है. इस शिकायत पत्र को मांड्या CEO ने 23 जनवरी को स्वीकार किया.

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस फ़्लैगपोस्ट पर लगातार धार्मिक भगवा झंडा फहराता रहा. गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) की सुबह वहां पर गौरीशंकर सेवा ट्रस्ट के द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और शाम होते ही उसे उतार कर वापस भगवा झंडा फहरा दिया गया. इसके बाद ज़िला प्रसाशन ने इसपर एक्शन लेते हुए वहां से भगवा झंडा उतारा और राष्ट्रीय ध्वज फहराया दिया. जिसके बाद भाजपा, जेडीएस और बजरंग दल ने विरोध प्रदर्शन करते हुए भगवा हनुमान ध्वज को फिर से फहराने की मांग की. इसको लेकर क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है. कांग्रेस सरकार ने भाजपा और संघ परिवार पर सांप्रदायिक दंगे कराने और नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया, जबकि भाजपा और जेडीएस ने सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए दावा किया कि हनुमान ध्वज हिंदू आस्था और संस्कृति का प्रतीक था.

इस पूरे प्रकरण में कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र के बयान के अलावा कहीं भी ये ओं रिकॉर्ड मौजूद नहीं है कि ग्राम पंचायत बोर्ड ने मांड्या डिस्ट्रिक्ट में धार्मिक झंडा फहराया ना ही पंचायत बोर्ड ने कहा है कि उनके द्वारा फ़्लैगपोस्ट पर भगवा झंडा फहराया गया. गौरीशंकर सेवा ट्रस्ट ने भी इस बात से अपना पल्ला यह कहते हुए झाड़ लिया कि उन्हें नहीं पता कि 20 जनवरी की शाम और 26 जनवरी की शाम को किसने फ़्लैगपोस्ट पर भगवा झंडा फहराया.

ऑल्ट न्यूज़ ने केरागोडु गांव के मण्डल पंचायत अध्यक्ष नवीन कुमार से इस मुद्दे पर संपर्क किया. उन्होंने ANI के पंचायत बोर्ड द्वारा धार्मिक झंडा फहराए जाने के दावे को सिरे से खारिज करते हुए इसे फ़र्ज़ी खबर बताया और कहा कि ग्राम पंचायत बोर्ड ने उक्त फ्लैग पोस्ट पर धार्मिक झंडा नहीं फहराया था और न ही इसकी अनुमति दी गई थी.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).