प्राइवेट न्यूज़ चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ के एडिटर अरनब गोस्वामी ने आरोप लगाया कि 23 अप्रैल को उनपर हमला हुआ जो कि इंडियन यूथ कांग्रेस से जुड़े लोगों ने करवाया था. उन्होंने बताया कि बाइक से आये दो लोगों ने उनके कार के शीशे पर चोट की और बोतलें फ़ेंकी. उन्होंने कहा कि ये हमला तब हुआ जब वो अपना काम ख़तम कर के अपनी पत्नी के साथ दफ़्तर से घर वापस आ रहे थे. जब से उन्होंने ये बताया, कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने अरनब गोस्वामी पर इस कथित हमले को मनगढ़ंत कहानी बताना शुरू कर दिया. कांग्रेस के आईटी सेल के नेशनल को-ऑर्डिनेटर गौरव पांधी ने दावा किया कि अरनब गोस्वामी के का मेटाडेटा बताता है कि उनके द्वारा बताये गए हमले के वक़्त से काफ़ी पहले ये वीडियो रिकॉर्ड किया गया था. कांग्रेस के मेंबर सूरज हेगड़े और ट्विटर हैंडल Rofl Republic ने भी ये मेटाडेटा ट्वीट किया.
🔸Arnab has a Y category security
🔸His security guards caught the attackers, who then talked at great length & were let off?😂
🔸Why were they not handed over to the Police?
🔸Also metadata of the video put up by #Repuplick suggests it was shot much before the alleged incident pic.twitter.com/mXNOj5Anag— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) April 23, 2020
इंडियन यूथ कांग्रेस के नेशनल कैम्पेन इंचार्ज श्रीवत्स ने ये दावा किया कि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा और फ़िल्ममेकर अशोक पंडित को इस हमले की ख़बर रिपब्लिक टीवी पर ख़बर आने से पहले ही लग गयी थी. उन्होंने ये दावा ‘रिपब्लिक’ चैनल के और संबित पात्रा और अशोक के ट्वीट की टाइमिंग का मिलान करते हुए किया.
UNESCO must declare Arnab the Worst Actor ever
– Arnab has Y security cover but somehow was still attacked
– Attackers were caught & they confessed but were let go 😂
– Patra knew abt attack even before the attack happened 🤔Looks like Vivek Agnihotri directed this flop show! pic.twitter.com/BmX0MFkTL6
— Srivatsa (@srivatsayb) April 23, 2020
ट्विटर हैंडल @dostam_comrade और @VinayDokania ने भी यही दावा करते हुए ट्वीट किया कि अरनब पर हमले की ख़बर रिपब्लिक द्वारा किये गए ट्वीट से भी पहले संबित पात्रा को लग गयी थी. इन दोनों को 1900 से ज़्यादा रीट्वीट्स मिले.
फ़ैक्ट-चेक
इस फ़ैक्ट-चेक में हम इन दोनों दावों के बारे में अलग-अलग बात करेंगे –
1. क्या इस वीडियो के मेटाडेटा से सचमुच ये मालूम पड़ता है कि ‘रिपब्लिक टीवी’ के हमले के बारे में बताने से पहले ही ये वीडियो रिकॉर्ड किया गया था?
2. क्या संबित पात्रा और अशोक पंडित ने कथित हमले से पहले ही इसके बारे में ट्वीट कर दिया था?
इन दोनों सवालों का जवाब है – नहीं. इसकी वजह आगे जानते हैं. सबसे पहले बात मेटाडेटा की.
मेटाडेटा
मेटाडेटा असल में किसी भी डेटा की जानकारी होती है. कई ऐसे तरीक़े हैं जिनसे किसी भी डेटा के बारे में जानकारी निकाली जा सकती है. ये जानकारी ही मेटाडेटा कहलाती है. लेकिन ये मेटाडेटा तभी एकदम सही होता है जब जानकारी निकालने के लिए ओरिजिनल फ़ाइल मौजूद हो. फ़ाइल को किस प्लेटफॉर्म पर भेजा गया है, इसके अनुसार मेटाडेटा में बदलाव दिखाई पड़ता है. ट्विटर पर अपलोड किये गए वीडियो का मेटाडेटा जब आप देखेंगे तो मालूम पड़ेगा कि वो उस वक़्त और तारीख को दिखाता है जब उसे ट्विटर पर अपलोड किया गया था न कि तब जब उस वीडियो को शूट किया गया था.
कांग्रेस सदस्यों ने वेबसाइट metadata2go.com वेबसाइट का इस्तेमाल करते हुए ट्विटर पर अपलोड किये गए इस वीडियो का मेटाडेटा निकाला. उन्होंने वीडियो को डाउनलोड कर के मेटाडेटा ढूंढने वाली वेबसाइट पर अपलोड किया. आप भी ऐसा कर सकते हैं और ख़ुद ही प्रमाण देख सकते हैं. वेबसाइट दिखाती है कि इस वीडियो का समय है 22 अप्रैल को 20:17 (रात 8 बजकर 17 मिनट). Tag सेक्शन में वेबसाइट जो टाइम दिखाती है वो है ‘2020-04-22T20:17:11.000000Z’. इसमें ‘Z’ अक्षर ये दिखाता है कि यहां ज़ुलु टाइम का इस्तेमाल किया गया है. ये ग्रीनविच मीन टाइम होता है. दुनिया भर की घड़ियों में इसी टाइम को ध्यान में रखते हुए टाइम तय किया गया है.
इसे भारतीय समय के हिसाब से लाने के लिए हमें इसमें साढ़े 5 घंटे जोड़ने होंगे. यानी रात के 1 बजकर 47 मिनट. और यही वो टाइम है जब रिपब्लिक टीवी ने इस वीडियो को ट्विटर पर अपलोड किया.
ट्विटर यूज़र रवि नायर ने एक और दावाकिया. उन्होंने वीडियो को यूट्यूब पर देखा और कहा कि अरनब गोस्वामी ने ये वीडियो स्टेटमेंट भारतीय समयानुसार देर रात 2 बजकर 34 मिनट पर डाला. अब तारीख बदलकर 23 अप्रैल हो चुकी थी. लेकिन रवि नायर का कहना था कि अगर अटैक रात 12:15 पर हुआ तो भी टाइमिंग मैच नहीं करती. इन्होने भी जो एनालिसिस की वो metadata2go.com के नतीजों पर निर्भर कर रही थी.
जब ऑल्ट न्यूज़ ने इसी वीडियो को metadata2go.com पर चेक किया तो मालूम पड़ा कि हमें मिलने वाले नतीजे कुछ और ही थे. इससे ये सिद्ध हुआ कि यूट्यूब से डाउनलोड किये गए वीडियोज़ को इस साइट पर चेक करना ठीक नहीं है. यूट्यूब वीडियोज़ के मेटाडेटा को चेक करने के लिए एमनेस्टी इंटरनेशनल के YouTube DataViewer का इस्तेमाल किया जा सकता है. एमनेस्टी के अनुसार ये वीडियो 22-23 अप्रैल की दरम्यानी रात 2 बजकर 43 मिनट पर अपलोड किया गया था.
ट्विटर की ही तरह यूट्यूब भी अपनी साइट पर आने वाले सभी वीडियोज़ के असली मेटाडेटा को उड़ा देता है. इसी वजह से एमनेस्टी ने जो मेटाडेटा दिखाया है, वो यूट्यूब पर वीडियो के अपलोड होने का वक़्त दिखाता है न कि वीडियो के शूट किये जाने का.
इसी लिए ये कहा जा सकता है कि कांग्रेस के कई नामों ने और सोशल मीडिया यूज़र्स ने ट्विटर पर वीडियो के अपलोड होने के वक़्त को वीडियो के बनाए जाने का वक़्त बताया. इसके आलवा वो ये भी भूल गए कि मेटाडेटा में दिखाया गया समय ग्रीनविच मीनटाइम के हिसाब से था और इसे भारतीय मानक समय में बदलना था.
ट्वीट्स
‘रिपब्लिक टीवी’ का इस हमले से जुड़ा सबसे पहला ट्वीट रात 1 बजकर 6 मिनट पर पब्लिश किया गया. संबित पात्रा ने 1 बजकर 5 मिनट पर और अशोक पंडित ने 12 बजकर 55 मिनट पर ट्वीट किया. इस वजह से कई लोगों को ये भ्रम हुआ कि इन दोनों को हमले की जानकारी हमला होने से पहले ही हो गयी. लेकिन वीडियो में अरनब ये कहते हुए दिखते हैं कि उनपर हमला 22-23 अप्रैल की दरम्यानी रात सवा 12 बजे हुआ.
ये बात भी ध्यान में रखनी होगी कि सोशल मीडिया वो एकमात्र जगह नहीं है जहां इस ख़बर को ब्रेक किया गया. ‘रिपब्लिक टीवी’ ने इस कथित हमले का खुलासा टीवी पर रात 12 बजकर 45 मिनट पर किया था. ये सब कुछ चैनल के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किये जाने और यूट्यूब चैनल पर वीडियो डालने से पहले की कहानी है.
ये दावा कि संबित पात्रा और अशोक पंडित इस कथित हमले के बारे में पहले से जानते थे, रिपब्लिक चैनल के ट्वीट पर आधारित थे. जबकि चैनल ने इस घटना की जानकारी पहले टीवी पर दी और फिर सोशल मीडिया पर. इसलिये ये पूरी तरह से कहा जा सकता है कि कांग्रेस के सदस्यों और कई सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा किये जा रहे ऐसे सभी दावे ग़लत और बेबुनियाद हैं.
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