सोशल मीडिया पर किसानों के प्रदर्शन को बदनाम करने के लिए कई तरह की ग़लत जानकारियां फैल रही हैं. कभी कंगना रानौत बुजुर्ग महिला किसान महिंदर कौर की तस्वीर शेयर करते हुए दावा करती हैं कि शाहीन बाग़ वाली दादी बिलकिस बानो 100 रुपये के लिए प्रदर्शन में शामिल हुई हैं. तो कभी BJP आईटी सेल हेड अमित मालवीय अधूरी वीडियो क्लिप शेयर करते हुए दावा करते हैं कि पुलिस ने किसानों पर लाठी नहीं चलाई. अब एक तस्वीर वायरल हो रही है. इसके साथ दावा है कि किसान प्रदर्शन हिन्दू विरोधी ताकतों द्वारा प्रायोजित है.
महाराष्ट्र बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी चंद्रेश्वर बावनकुले ने ये तस्वीर ट्वीट की हा. उन्होंने लिखा है कि किसान बिल और किसान मुद्दों से शुरू हुई बात कहां से कहां पहुंच गयी. (ट्वीट का आर्काइव)
हिन्दू युवा वाहिनी के इंचार्ज योगी देवनाथ ने ये तस्वीर शेयर की है. उन्होंने लिखा है, “मोदी, योगी तो ठीक है पर राम का विरोधी मजदूर और किसान भारत का तो हो नहीं सकता.” उनके अनुसार ये किसान भारत के नहीं है. योगी देवनाथ को पहले भी कई बार ग़लत जानकारी फैलाते हुए देखा गया है.
ऐसा ही दावा गौरव प्रधान ने किया है. ये अक्सर ही भ्रामक जानकारी शेयर करते रहते हैं.
मोदी, योगी तो ठीक है पर राम का विरोधी मजदूर और किसान भारत का तो हो नहीं सकता। pic.twitter.com/jk3ERWnz9N
— Gaurav Pradhan 🇮🇳 (@OfficeOfDGP) December 1, 2020
कई अन्य यूज़र्स जैसे @RituRathaur, Umesh Ji पूर्व प्रचारक आरएसएस ने भी इस तस्वीर को हालिया प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया है. इसके अलावा ये तस्वीर व्हाट्सऐप पर भी शेयर की जा रही है.
फ़ैक्ट-चेक
इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने से ये हमें दिसम्बर, 2018 के एक फ़ेसबुक पोस्ट में मिलती है. ‘जन गण मन की बात‘ नाम के पेज ने इसे 6 दिसम्बर, 2018 को शेयर करते हुए लिखा है, “किसान आंदोलन अपने चरम पर, किसानों की माँग जायज है और सबको मानना होगा नही तो ये आंदोलन दिल्ली से भी आगे जा सकता है.”
यानी ये तस्वीर हाल के किसान प्रदर्शन से जुड़ी नहीं है. तस्वीर में AIKS का झंडा दिख रहा है. AIKS यानी ऑल इंडिया किसान सभा जो CPIM की किसान विंग है. रिपोर्ट के अनुसार 29-30 नवम्बर 2018 को देश भर के कई राज्यों के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचे थे. कर्ज़ माफ़ी और फसलों के उचित दाम की मांग करते हुए ये किसान वहां इकठ्ठा हुए थे.
The marching farmers have been stopped at Jantar Mantar, which has been a popular site for protests in the capital.
Thousands of farmers from across the country are demanding loan waivers and better prices for their produce.
Track updates: https://t.co/eELQzpuHzy#FarmersMarch pic.twitter.com/7wM3V4wvyd
— NDTV (@ndtv) November 30, 2018
कई रिपोर्ट्स के अनुसार उस प्रदर्शन में ऐसे किसान भी मौजूद थे जिनके परिवार के सदस्य कर्ज़ की वजह से आत्महत्या कर चुके थे. जनसत्ता, आउटलुक और न्यूज़18 की रिपोर्ट्स के अनुसार उस रैली में ‘अयोध्या नहीं, कर्ज़ माफ़ी’ के नारे लगे थे.
यहां ध्यान देने वाली बात है कि किसानों का हालिया प्रदर्शन मोदी सरकार के 3 नये किसान बिल के ख़िलाफ़ चल रहा है. ऐसे में कई BJP समर्थकों ने ये दो साल पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया कि किसान मुद्दों से भटक रहे हैं और हिन्दू विरोधी हैं.
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