“बीजेपी, केरल पुलिस के खिलाफ विरोध कर रही है जिन्होंने सबरीमाला में “महिलाओं के प्रवेश” विरोध प्रदर्शन के दौरान श्री शिवदासन को मार दिया है। भाजपा द्वारा पठानमथिट्टा जिले में 2/11/2018 को हड़ताल की घोषणा की गई है – (अनुवादित)“, यह संदेश तस्वीर के साथ बीजेपी केरल के आधिकारिक फेसबुक पेज द्वारा पोस्ट किया गया था। यह पोस्ट दावा करता है कि तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति जिसका नाम शिवदासन है, को सबरीमाला मंदिर में “महिलाओं के प्रवेश” विरोध प्रदर्शन के दौरान ‘केरल पुलिस द्वारा मार दिया गया था’।

ശബരിമലയിലും പരിസരപ്രദേശങ്ങളിലും പോലീസ് അഴിച്ചുവിട്ട നരനായാട്ടിൽ അതിക്രൂരമായി കൊലചെയ്യപ്പെട്ട അയ്യപ്പൻ ശിവദാസന്റെ…

Posted by BJP Keralam on Thursday, November 1, 2018

बीजेपी केरल के एक अन्य पोस्ट में कहा गया, “अयप्पा भक्त की हत्या, कल पठानमथिट्टा में हड़ताल। पुलिस हिंसा में उन्हें मार डाला गया था – (अनुवाद) “।

उपरोक्त तस्वीर को केरल के भाजपा राज्य अध्यक्ष श्रीधरन पिल्लई ने भी फेसबुक पर पोस्ट किया था, उन्होंने भी वही दावे किए थे।

ശബരിമലയിലും പരിസരപ്രദേശങ്ങളിലും പോലീസ് അഴിച്ചുവിട്ട നരനായാട്ടിൽ അതിക്രൂരമായി കൊലചെയ്യപ്പെട്ട അയ്യപ്പൻ ശിവദാസന്റെ…

Posted by Sreedharan Pillai PS on Thursday, November 1, 2018

केरल भाजपा के महासचिव के सुरेंद्रन भी इस झूठा दावा करने की दौड़ में शामिल हो गए और फेसबुक पर एक संदेश पोस्ट किया। इस हत्या के लिए “श्रीमान पिनाराई विजयन जिम्मेदार है। श्री शिवदास से मिलें, जो भगवान अयप्पा की रक्षा करने की कोशिश करते समय शहीद हो गए। जब तक भगवान अयप्पा धर्म जीवित रहता है तब तक लोग आपकी शहादत याद रखेंगे। पिनारायी अधिक से अधिक भक्तों को मारने की योजना बना रहा है। 5 नवंबर को जब सबरीमाला फिर से खुल रही है, मुझे यकीन है कि पुलिस शिवदास जैसे और भक्तों को मार डालेगी। लेकिन अगर आप हजारों भक्तों को भी मार डालेंगे तो भी आपकी योजना काम नहीं करेगी” – (अनुवादित)।

एक RSS पदाधिकारी जे नंदकुमार ने भी यह ट्वीट किया कि सबरीमाला तीर्थयात्रियों के खिलाफ ‘भयानक पुलिस कार्रवाई’ के बाद शिवादासन की मृत्यु हो गई। एनडीए केरल ने भी उसी सुर में ट्वीट किया, “सबरीमाला में भक्तों पर पुलिस अत्याचार के बाद गायब होने वाले शिवदास का शरीर अब मिल गया है। सभी शामिल पुलिस अधिकारियों को एक निर्दोष भक्त की हत्या के लिए दंडित किया जाना चाहिए। गृह मंत्री (स्वयं मुख्यमंत्री) को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए। प्रणाम । @rajeev_mp @AmitShah” – (अनुवादित)। भाजपा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने भी इसे रीट्वीट किया था।

अन्य प्रमुख हैंडल

1 नवंबर को, विधायक कपिल मिश्रा ने एक आदमी का वीडियो ट्वीट किया जो पुलिस लाठी चार्ज से बचने के दौरान एक घाटी में कूद जाता है, “भगवान अयप्पा के यह भक्त शिवदास खुद को पुलिस की क्रूर कार्यवाही से बचाने की कोशिश कर रहा था ” – (अनुवादित)। यह लेख लिखते समय तक, मिश्रा के ट्वीट को 8000 से अधिक बार रीट्वीट किया गया जा चूका था और 9600 से अधिक लोगो ने लाइक किया था।

एक ट्विटर उपयोगकर्ता गीता एस कपूर, जिन्हे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी फॉलो करते है ने भी शिवादासन की तस्वीर ट्वीट करते हुए इसी तरह का दावा किया।

सच क्या है?

वीडियो के जरिये दिए गए बयान में पठानमथिट्टा जिले के एसपी टी नारायणन ने शिवदासन की मौत के सबरीमाला पुलिस कार्रवाई से जुड़े होने के दावों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। उनके अनुसार, पुलिस लाठी चार्ज 17 अक्टूबर को हुआ था, जबकि शिवदासन 18 अक्टूबर की सुबह तीर्थयात्रा के लिए रवाना हुए थे और 19 अक्टूबर की सुबह तक अपने परिवार के संपर्क में थे।

उन्होंने कहा, “शिवदासन, जो सबरीमाला तीर्थयात्रा के बाद गायब हो गए थे, लाहा के पास मृत पाए गए थे। पुलिस ने पाया कि शव से संबंधित सोशल मीडिया पर बहुत झूठी खबरें शेयर की जा रही हैं और पुलिस लाठी चार्ज को मौत का कारण बताया जा रहा था जो की 17 अक्टूबर को निलाक्कल में हुआ था। शिवदासन 18 अक्टूबर की सुबह सबरीमाला तीर्थयात्रा के लिए रवाना हुए थे। सनिधनम पहुंचने के बाद, उन्होंने अपनी पत्नी को एक तमिल अयप्पा भक्त के मोबाइल फोन से बात की और फिर 19 अक्टूबर की सुबह बात की और वापसी की योजनाओं के बारे में सूचित करते हुए कहा (उन्होंने बताया कि मैं यहां दर्शन कर चूका हूं और वापस आने के लिए तैयार हूं)। लेकिन वह उस दिन घर नहीं पहुंचा। तो, उनके बेटे और परिवार के सदस्यों ने उसे खोजना शुरू कर दिया। 25 अक्टूबर को, उनके बेटे ने पांडलम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने लापता व्यक्ति का मामला दर्ज किया, नंबर 1974/2018, और शिवदासन के लिए खोज अभियान शुरू किया। यह सच है। पुलिस इस घटना के बारे में झूठी खबर फैलाने वाले मीडिया या व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। धन्यवाद – (अनुवादित)।”

2 नवंबर, 2018 को द न्यूज़ मिनट द्वारा प्रकाशित एक लेख में यह भी पुष्टि की गई है कि शिवदासन 18 अक्टूबर को सबरीमाला के लिए रवाना हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार, “25 अक्टूबर को पांडलम पुलिस स्टेशन में शिवदासन के पुत्र सारथ द्वारा दायर की गई एक शिकायत में कहा गया है कि शिवदासन 18 अक्टूबर को घर से निकले थे और मंदिर जाने के दौरान कभी भी वो अपने मोबाइल को साथ नहीं ले जाते थे” – (अनुवादित)।

कपिल मिश्रा द्वारा साझा किए गए वीडियो के बारे में, विभिन्न कोनो से इस वीडियो के कई संस्करण (1, 2) इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। उन सभी को 17 अक्टूबर को खींचा गया है। यह वीडियो पम्बा में लाठी चार्ज का है जो सबरीमाला बेस शिविर है । इससे पहले, दावा किया गया था कि केरल पुलिस की क्रूरता के कारण इस लाठीचार्ज के दौरान एक महिला घायल हो गई थी। हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ की अन्य जांच से पता चला था कि महिला को विरोध प्रदर्शन करते हुए लोगो में से किसी ने पत्थर मारा था। इसी घटना के एक अन्य वीडियो में दावा किया जा रहा था कि उन्ही भक्तों में से एक ‘घाटी’ में कूद गया और संभवत: उसकी मृत्यु हो गई। हालांकि, किसी भी मीडिया रिपोर्ट ने 17 अक्टूबर को पुलिस लाठी चार्ज के कारण किसी भी मौत का दावा नहीं किया है। जैसा कि हमने पहले उल्लेख किया था, शिवदास 19 अक्टूबर तक जीवित थे, और उपरोक्त वीडियो से उनका कोई संबंध नहीं है।

सबरीमाला भक्त की मौत की घटना को पुलिस कार्रवाई से हुई मौत से जोड़ा गया था। अतीत में भी, ऑल्ट न्यूज़ ने पता लगाया है कि सबरीमाला के बारे में गलत जानकारी और इसके आस-पास की घटनाओं को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था, जहां प्रदर्शनकारियों पर पुलिस क्रूरता का दावा करने के लिए पुरानी और असंबंधित तस्वीरों को शेयर किया गया था। सबरीमाला के बारे में गलत जानकारी के एक और उदाहरण में, केरल सरकार और सीएम पिनाराई विजयन को झूठे दावे के साथ निशाना बनाया गया था जिसमें एक केरल पुलिसकर्मी को सबरीमाला में हिंसा भड़काता CPM कार्यकर्ता बताया गया था।

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.