“केरल के मुख्यमंत्री श्री पिनाराई विजयन, बस याद रखें कि आप निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं। सभी को ध्यान में रखकर और तदनुसार कार्य करने की आपकी ज़िम्मेदारी है। सबरीमाला मसले में, आप बहुमत की भावनाओं की अनदेखी कर रहे हैं, अपनी शक्ति का उपयोग करके हमारी माताओं पर क्रूरता से हमला कर रहे हैं। @cpimspeak @CMOKerala” (अनुवाद) – यह संदेश केरल भाजपा के महासचिव के. सुरेंद्रन का है, जिन्होंने सबरीमाला मसले पर विरोध प्रदर्शन करने वालों से निबटने के राज्य पुलिस के तरीके को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को निशाना बनाया है। इस संदेश के साथ, सुरेंद्रन ने जमीन पर घायल पड़ी एक महिला की तस्वीर को ट्वीट किया है।
Kerala CM Mr. @vijayanpinarayi, just remember you are an elected CM. You have the responsibility to take everyone into account and act accordingly. In Sabarimala issue, you are ignoring the majority feelings, brutally attacking our mothers using your power @cpimspeak @CMOKerala pic.twitter.com/Srho66krj2
— K Surendran (@surendranbjp) October 17, 2018
17 अक्टूबर को किए गए सुरेंद्रन के इस ट्वीट को 200 से अधिक बार रीट्वीट किया गया है। तस्वीर के साथ दावा किया गया है कि केरल पुलिस ने भारी बल का प्रयोग किया है, महिलाओं को भी नहीं छोड़ा, इस तस्वीर को खूब शेयर किया गया है।
Pic1 -Resmi Nair, An Atheist & Leading Left voice who got arrested for running #SexRacket is being lined up by @CPIMKerala to enter #Sabarimala
Pic2 -An unknown Mother, a devotee of #Ayyappa, brutally beaten by #KeralaPolice while conducting a peaceful protest
End of Communism? pic.twitter.com/LUnorVUgVt
— നചികേതസ് (@nach1keta) October 18, 2018
सच्चाई क्या है?
तस्वीर में दिखाई गई घायल पड़ी महिला पर केरल पुलिस ने हमला नहीं किया था। इस घटना के फुटेज को देखने से यह स्पष्ट हो जाता है।
जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है, लाल ब्लाउज और क्रीम रंग की साड़ी पहने उस महिला के सिर पर पत्थर लगता है, जिसके बाद वह जमीन पर गिर जाती है। उस समय महिला के करीब कहीं भी कोई पुलिसकर्मी नहीं दिखता है। इस घटना को क्रमवार नीचे दिखलाया गया है।
मनोरमा न्यूज़ और एशियानेट न्यूज़ की रिपोर्ट बताती है कि महिला पथराव में घायल हुई थी, नाकि पुलिस द्वारा किये गए भारी बल प्रयोग के कारण, जैसा सुरेंद्रन ने आरोप लगाया था।
केरल, अक्सर ही राजनीतिक लाभ की ताक में रहने वाले स्वार्थी तत्वों की गलतबयानी/ विघटनकारी सूचनाओं का केंद्र रहा है। एक अन्य उदाहरण में, केरल में चर्चा का विषय रहने वाले सबरीमाला विरोध प्रदर्शन को लेकर ‘हिंदुओं पर केरल पुलिस की क्रूरता’ दिखलाने के लिए सोशल मीडिया पर एक पुरानी, असंबंद्ध तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। कुछ ही दिन पहले, ऐसा ही दावा सोशल मीडिया यूजर्स को गुमराह करने के लिए पुरानी तस्वीरों का इस्तेमाल कर दिया गया था।
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