न्यूज़ 24 ने 22 दिसम्बर को एक वीडियो ट्वीट करते हुए ये जानकारी दी कि BJP सांसद रमेश बिधूड़ी ने आंदोलनकारी किसानों को गाली दी. वीडियो में रमेश बिधूड़ी कहते हैं, “देश में 80 करोड़ किसान हैं और बॉर्डर पर बैठे कितने हैं? कहीं 500, कहीं 250 कहीं डेढ़ हज़ार. तो सबके सब कनाडा से आये हुए पैसे को लेकर, पाकिस्तान से आये पैसे को लेकर जो जो (बीप की आवाज़) होते हैं हर गांव में 5-7. वही (बीप की आवाज़) बैठे हैं.” (ट्वीट का आर्काइव)

आम आदमी पार्टी के ट्विटर हैंडल से भी यही दावा किया गया.

आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता अमित मिश्रा ने भी ये वीडियो ट्वीट किया और यही जताया कि किसानों को गाली दी गयी है. अमित मिश्रा ने सवाल किया कि क्या सांसद जी के ख़िलाफ़ पुलिस कार्रवाई करेगी? (ट्वीट का आर्काइव)

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजीव राय ने भी ये वीडियो ट्वीट करते हुए यही दावा किया है कि भाजपा सांसद ने आंदोलन कर रहे किसानों को गाली दी. राजीव राय द्वारा शेयर किए गए वीडियो को 1 लाख से ज़्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने BJP सांसद रमेश बिधुड़ी का फ़ेसबुक पेज खंगाला. हमें 21 दिसम्बर को पोस्ट किया गया एक 17 मिनट का वीडियो मिला. ये पोस्ट करते हुए बताया गया है, “जो विपक्षी दल आज बिल का विरोध कर रहे हैं उनके अगर पिछले चुनाव के घोषणा पत्र उठा लिए जाएं तो उनमें इन्हीं सुधार कानूनों का जिक्र मिलेगा, वो केवल घोषणा करते थे मोदी सरकार ने यह कर दिखाया” इस वीडियो के आखिरी में 16 मिनट 20 सेकंड पर वो हिस्सा है जिसकी वजह से किसानों को गाली देने का दावा किया जा रहा है. वो कहते हैं, “देश में 80 करोड़ किसान हैं 4 हज़ार किसान नहीं हैं. कितने किसान हैं- 80 करोड़. और बॉर्डरों पर बैठे कितने हैं कहीं 500, कहीं 250 कहीं डेढ़ हज़ार. तो वो सबके सब कनाडा से आये हुए पैसे को लेकर, पाकिस्तान से आये पैसे को लेकर जो जो ठलुए होते हैं हर गांव में 5-7-10-5-7 वो ठलुए बैठे हुए हैं कि खाने को फ़ोकट का मिल रहा है, गर्म पानी मिल रहा है, बढ़िया रजाई मिल रही है और मोदी को हटाना है. इसीलिए वो लोग बैठे हुए हैं भाइयों और बहनों.” इस हिस्से में शब्द ‘ठलुआ’ को गाली समझ लिया गया. जबकि इसका मतलब होता है निकम्मा या जिसके पास कोई काम-धंधा नहीं हो.

हालांकि इसी वीडियो में इस हिस्से से बस कुछ देर पहले 16 मिनट पर रमेश बिधुड़ी ने कहा, “हम सब लोगों को संकल्प लेकर सब किसानों को बताना होगा और सबको कहना होगा बॉर्डर पर जो दिल्ली को घेरने की धमकी देने वाले 4-5 हज़ार दलाल बैठे हुए हैं. किसानों के कंधे पर बंदूक चलाने के लिए. अरे, देश में 80 करोड़ किसान हैं, 4 हज़ार किसान नहीं हैं.” सांसद रमेश बिधूड़ी की किसानों को लेकर आपत्तिजनक बातें यहां से शुरू होती हैं. भयानक ठंड के मौसम में अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे किसानों के लिए सांसद महोदय ने दलाल शब्द का इस्तेमाल किया है. आपको बता दें कि सिर्फ़ सिंघु बॉर्डर पर जितने लोग प्रदर्शन में बैठे हुए हैं वो 4 हज़ार से कई गुना ज़्यादा है. इस बात की तस्दीक ऑल्ट न्यूज़ कर सकता है. अपनी बातों में सांसद रमेश बिधूड़ी ने भले ही उन शब्दों का इस्तेमाल न किया हो जिन्हें हम गाली की परिभाषा के खांचे में फ़िट पाते हैं लेकिन हां, उन्होंने प्रदर्शन करने को मजबूर लोगों के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया है जो बेहद आपत्तिजनक हैं. इस आपत्ति की आक्रामकता तब और बढ़ जानी चाहिए जब ऐसे शब्द एक ऐसे शख्स से आते हैं जिसे इतने बड़े संवैधानिक पद पर लोगों के मसलों को सुनना और उनके हल निकालने की दिशा में प्रयत्न करने के लिए बिठाया गया है.

 

जो विपक्षी दल आज बिल का विरोध कर रहे हैं उनके अगर पिछले चुनाव के घोषणा पत्र उठा लिए जाएं तो उनमें इन्हीं सुधार कानूनों का जिक्र मिलेगा, वो केवल घोषणा करते थे मोदी सरकार ने यह कर दिखाया |
कालकाजी विधानसभा में यात्रा समाप्ति के दौरान सम्बोधन करते हुए।#ModiWithFarmers

Posted by Ramesh Bidhuri on Monday, 21 December 2020

 

इससे पहले भी BJP से जुड़े प्रीति गांधी और पुनीत अग्रवाल ने किसान प्रदर्शन में पाकिस्तानी झंडा लहराने का झूठा दावा कर चुके हैं. किसी भी प्रदर्शन को बदनाम करने के लिए उसे पाकिस्तान से जोड़ने का प्रयास अक्सर ही BJP नेताओं द्वारा किया जाता है.

यानी, जिस वीडियो से भाजपा सांसद रमेश बिधुड़ी पर किसानों को गाली देने का आरोप लगाया जा रहा है, उसमें उन्होंने गाली नहीं दी है. उन्होंने कहा कि किसान प्रदर्शनों में वैसे लोग शामिल हैं जिनके पास कोई काम नहीं है. लेकिन इसके अलावा उन्होंने किसान प्रदर्शन में बैठे लोगों को दलाल कहा है और इसमें पाकिस्तान से आये पैसों के इस्तेमाल की बात भी की है.


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