पिछले दो महीनों से सोशल मीडिया और मेसेजिंग प्लेटफार्म पर बच्चा चोर गिरोह की अफवाहें तेजी से फैल रही है। इन अफवाहों में से एक में दावा किया गया है कि यह लोग मानव अंग तस्करी के व्यापार से जुड़े हुए है, जो बच्चों के आतंरिक अंगों को निकाल कर बेच देते है। यह उत्तेजक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया में व्यापक रूप से प्रसारित है, यह संदेश हिंदी भाषा में और किसी पुरुष की आवाज़ में है, जिसके मुताबिक,
“तमिलनाडू पुलिस को एक कनटेनर से बच्चों की लाश मिली, इन बच्चों के जिस्म के अन्दर का हिस्सा निकाला गया है, जैसे किडनी, लीवर। तमिलनाडू पुलिस ने बताया इन सारे बच्चों को अलग अलग देशों से किडनैप करके लाया गया है ..नोट:-अपने घर के बच्चों को सम्भालो, उनका ख्याल रखो, अपने सारे ग्रुप मे ये मैसेज सेन्ड करो। इस फोटो को इतना फैलाओ ताकि कुत्ता पकड़ा जाना चाहिए। अगर जिसने ये नहीं फैलाया वो अपनी माँ का सपूत नहीं। अपने फोन में चाहे कितने भी ग्रुप हो 1, 2 , 3, 4 या 25, ये सारे ग्रुप मे भेजो, हरामखोर पकड़ा जाना चाहिए।”
ऑल्ट न्यूज़ अपने लेख में इस ऑडियो क्लिप की उत्तेजक प्रकृति के कारण समावेश नहीं कर रहा है। इसे एक तस्वीर के साथ साझा किया गया है जिसमें ज़मीन पर बच्चों के शव पड़े हुए हैं।
ऑल्ट न्यूज़ के कुछ पाठकों ने इस तस्वीर और इसके साथ किये गए दावे की पड़ताल करने के लिए हमें भेजा है।
झूठा दावा: सीरिया के सिविल वॉर की तस्वीर
वायरल दावों के दो पहलु है, एक तो तस्वीर और एक ऑडियो क्लिप। ऑल्ट न्यूज़ ने पहले इस संदेश की तथ्य जांच की थी, जब इसे समान तस्वीर के साथ साझा किया गया था। हमने पाया कि यह दावा गलत है।
जहां तक तस्वीर की बात है, ऑल्ट न्यूज़ ने इसे गूगल पर रिवर्स-सर्च किया और पाया कि यह सीरिया के गृह युद्ध के दौरान अगस्त 2013 में सीरिया के घोउटा में एक रासायनिक हमले से संबंधित था, दमिश्क के उपनगरों को रासायनिक एजेंट सरीन युक्त रॉकेटों से निशाना बनाया गया था। ऑल्ट न्यूज़ को 2013 के एक ब्लॉगपोस्ट में यह तस्वीर मिली।
अमेरिकन तथ्य जांच वेबसाइट स्नोप्स ने 2016 में इस तस्वीर की तथ्य-जांच की थी, जब इसे थाईलैंड में अंग तस्करी के झूठे दावे के साथ साझा किया जा रहा था।
अंत में हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह अफवाह 2017 से सोशल मीडिया में प्रसारित है कि तमिलनाडु पुलिस को एक कंटेनर में बच्चों के अंग निकाले हुए शव मिले हैं, इसे एक तस्वीर के साथ जोड़ दिया गया, जबकि यह तस्वीर 2013 में सीरिया में हुए एक रासायनिक हमले से संबधित है।
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