समाचार पत्र दर्शाती एक तस्वीर व्हाट्सएप्प पर व्यापक रूप से प्रसारित है। लेख के शीर्षक के अनुसार, ’31 दिसंबर के बाद बदले नहीं जा सकेंगे 2000 रूपये के नोट!’ लेख में दावा किया गया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) 2000 रूपये के नोट चलन से बाहर कर देगी।
ऑल्ट न्यूज़ के आधिकारिक एप्प पर इस जानकारी की तथ्य जांच करने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं।
तथ्य जांच: क्लिप की हुई आधी खबर
प्रसारित की जा रही तस्वीर को दैनिक पूर्वोदय के ई-पेपर से लिया गया है, जिस अख़बार को पूर्वोत्तर में प्रकाशित किया जाता है। तस्वीर में दिख रहे लेख को गुवाहाटी के संस्करण में 1 दिसंबर को प्रकाशित किया गया था। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि लेख के एक हिस्से को क्लिप कर इसे अख़बार की खबर के रूप में दर्शाकर पाठकों को गुमराह करने के इरादे से व्हाट्सएप्प पर प्रसारित किया गया है। यह लेख वास्तव में अफवाह पर किये गए एक स्पष्टीकरण का था, जिसमें RBI द्वारा 31 दिसंबर, 2019 के बाद 2000 रुपये के नोट को चलन से हटाने के दावे को फ़र्ज़ी बताया गया था। यह बात 1 दिसंबर की ई-पेपर से स्पष्ट हो जाता है, जिसमें पूरी खबर आप पढ़ सकते हैं।
जैसा कि देखा जा सकता है, रिपोर्ट में एक बॉक्स के अंदर लिखा हुआ है – “सोशल मीडिया पर वायरल खबर है फ़र्ज़ी”.
ऑल्ट न्यूज़ ने दैनिक पूर्वोदय के संपादक श्री रवि शंकर से सम्पर्क किया, जिन्होंने स्पष्ट किया कि, “किसी ने बदमाशी की है। हमारे एक लेख को क्लिप कर व्हाट्सएप्प पर प्रसारित कर दिया गया और जल्द ही यह वायरल हो गया। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से बताया गया था कि यह जानकारी गलत है। लेख के एक हिस्से को क्लिप कर पाठकों को गुमराह करने के लिए इसे गलत तरीके से प्रसारित किया गया।”
समाचारपत्र ने 8 दिसंबर को एक अन्य रिपोर्ट प्रकाशित कर पाठकों से अनुरोध किया कि 1 दिसंबर के अख़बार की क्लिप की हुई तस्वीर से गुमराह ना हो।
2000 रु के नोट पर प्रतिबंध लगाने की कोई सूचना नहीं
यह सच नहीं है कि RBI 31 दिसंबर, 2019 के बाद से 2000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध लगा देगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐसी कोई भी सूचना प्रसारित नहीं की है। अगर RBI द्वारा ऐसी कोई भी जानकारी साझा की जाती तो वह केंद्रीय बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर भी होती, हालांकि हमें वेबसाइट पर ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है।
यह गलत सूचना अक्टूबर 2019 में भी वायरल थी। ऑल्ट न्यूज़ ने रिज़र्व बैंक से इस जानकारी पर स्पष्टीकरण प्राप्त करने हेतु सम्पर्क किया था। RBI के संचार विभाग ने कहा, “ये सभी अफवाहें हैं। ऐसी कोई सूचना (RBI) द्वारा नहीं दी गई है। कृपया सभी इसके लिए वेबसाइट देखें”-अनुवादित।
वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री, अनुराग सिंह ठाकुर ने 3 दिसंबर को राज्यसभा में लिखित एक प्रश्न के जवाब में बताया था कि, सरकार की तरफ से 2000 रु के नोट हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
यह गलत सूचना पहले भी आज तक समाचार चैनल के प्रसारण के स्क्रीनशॉट को एडिट कर प्रसारित की गई थी। यह बात दोहराने लायक है कि नवंबर 2016 के बाद शुरु की गई 2000 रु के नोटों को इस साल के अंत तक समाप्त करने का दावा गलत है।
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