उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 फरवरी 2024 को लोक भवन से 57 ज़िलों में साइबर अपराध पुलिस स्टेशनों का उद्घाटन किया. इससे पहले साइबर अपराध से निपटने के लिए केवल 18 डिविजनल हेडक्वाटर में साइबर अपराध पुलिस स्टेशन थे, जो अब कुल मिलाकर 75 जिलों में स्थापित हो गए.
इसी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य है जिसके हर ज़िले में साइबर पुलिस स्टेशन है. उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्विटर पर ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ अखबार में प्रकाशित एक खबर की कटिंग ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)
UP is leading the way in cyber security!
Uttar Pradesh is the first state in India with cyber police stations in all 75 districts, and every police station has a dedicated cyber cell.
Over 1.6 lakh new police personnel have been recruited & 1.5 lakh+ received well-deserved… pic.twitter.com/GlDxbQl6FZ
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) February 29, 2024
योगी आदित्यनाथ के बयान को कई मीडिया आउटलेट्स ने बिना क्रॉस-चेक किये हुए चलाया. इनमें हिंदुस्तान, इंडिया टुडे ग्रुप का गुड न्यूज़ टुडे, द टाइम्स ऑफ इंडिया, समेत कई अन्य मीडिया संस्थान शामिल हैं.
फैक्ट-चेक
की-वर्डस सर्च करने पर हमें द टाइम्स ऑफ इंडिया का एक आर्टिकल मिला जो 10 जून 2023 को प्रकाशित हुआ था. इस आर्टिकल में बताया गया है कि बिहार के सभी ज़िलों में साइबर थाना खोला गया है. इस आर्टिकल में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के एडीजी एन एच खान का बयान भी मौजूद है. इसमें उन्होंने कहा कि 9 जून 2023 को बिहार में रेल पुलिस सहित सभी 38 ज़िलों में कुल मिलाकर 44 साइबर पुलिस स्टेशन खोले गए हैं जो 24/7 कार्य करेंगे. साइबर धोखाधड़ी से जुड़ी शिकायत दर्ज कराने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल भी किया जा सकता है. यदि पीड़िता नाबालिग या महिला है तो सूचना मिलने पर पुलिस शिकायत दर्ज कर उनके स्थान पर जाएगी. यानी, उत्तर प्रदेश से पहले बिहार के सभी ज़िलों में साइबर थाना खोला जा चुका है. उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य नहीं है जिसके हर ज़िले में साइबर थाना मौजूद हो.
एक राज्य के सभी ज़िलों में साइबर पुलिस स्टेशन खोलने को लेकर हमें सबसे पुराना आर्टिकल 3 नवंबर 2016 को द इंडियन एक्सप्रेस पर प्रकाशित मिला. इस आर्टिकल में बताया गया है कि महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने स्वतंत्रता दिवस पर सभी ज़िलों में 34 साइबर लैब का उद्घाटन किया. महाराष्ट्र 42 अत्याधुनिक साइबर अपराध लैब को साइबर पुलिस स्टेशनों में परिवर्तित कर रहा है. गृह विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, “महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है जिसके प्रत्येक ज़िले में एक साथ एक साइबर पुलिस स्टेशन होगा.” अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार की साइबर अपराध शाखा महाराष्ट्र में 51 साइबर अपराध लैब स्थापित कर रही है जिसमें ज़िला स्तर पर 34 लैब, इंस्पेक्टर जेनरल ऑफिस में 7, पुलिस कमिश्नर कार्यालयों में 9 और राज्य पुलिस मुख्यालय में 1 लैब शामिल है.
हमें 25 जून 2022 को मिरर नाउ पर प्रकाशित एक आर्टिकल मिला जिसमें बताया गया है कि साइबर अपराध मामलों से निपटने के लिए हरियाणा सरकार के गृह विभाग द्वारा राज्य भर में 21 नए साइबर पुलिस स्टेशन स्वीकृत किए गए थे. पुलिस अधिकारियों ने उस समय बताया कि तीन नये थाने काम करने लगे जो दक्षिण, मानेसर और पश्चिम ज़ोन में हैं. इससे पहले, गुरुग्राम के सेक्टर 43 में केवल एक साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन था.
इस मुद्दे से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करते हुए हमें द टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर 30 अगस्त 2001 को प्रकाशित एक खबर मिली जिसमें एक रोचक तथ्य मौजूद है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश में सबसे पहला साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन कर्नाटक के बैंगलोर में खुला था. पत्रकारों से बात करते हुए कर्नाटक के तत्कालीन गृह मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि ये पुलिस स्टेशन आईटी एक्ट अधिनियम, 2000 के तहत पूरे राज्य में साइबर अपराध के मामले दर्ज करेगा.
कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने झूठा दावा किया कि उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है जिसके हर ज़िले में साइबर थाना है.
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