मनोवैज्ञानिकों का पुराना तर्क है कि लोग वही विश्वास करते हैं जो वे करना चाहते हैं। समाचार वेबसाइटों के मिलते-जुलते नाम वाले इन पैरोडी अकाउंट्स को यह पता है और वे लोगों की इसी कमजोरी को भुनाते हैं। यहां तक कि इन पैरोडी हैंडल्स द्वारा किए गए घोर अपमानजनक/उपद्रवी जानकारी वाले ट्वीट को भी लोगों का बड़ा दर्शक/पाठक वर्ग मिल जाता है, क्योंकि वह सूचना उनके अंदर बैठे पूर्वाग्रहों के अनुरूप होती है।

आइए हम इनमें से कुछ हैंडल और उनके ट्वीट देखें जिनके झांसे में लोग फंस जाते हैं :

CNN News i8

अभी निलंबित @CNNNewsI8 का ट्विटर हैंडल असली जैसा ही लगता है क्योंकि अधिकांश लोग नहीं समझ पाते कि इसके नाम में संख्या “1” की बजाय अंग्रेजी के अक्षर “I” का उपयोग किया गया है।

प्रमुख दक्षिणपंथी एकाउंट्स भी इस नकली हैंडल के ट्वीट के शिकार हुए हैं। एक ट्वीट जिसने कांग्रेस सांसद शशि थरूर और पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार की संभावित शादी घोषित कर दी, उसे कई दक्षिणपंथी ट्विटर यूजर्स इसे भारी उत्साह से रीट्वीट और कमेंट किया। उन्होंने इस “समाचार” को इतना विश्वसनीय मान लिया कि इस पर भी ध्यान देना भूल गए कि इस हैंडल के केवल 66 अनुयायी (फॉलोवर) थे, और असली सीएनएन न्यूज़ 18 (CNN News 18) के विपरीत इसमें नीला निशान भी नहीं था।

इस हैंडल ने अब अपना नाम बदल कर सीएनएन न्यूज 69 कर लिया है।

मेहर तरार के स्पष्टीकरण के बाद भी, नकली समाचार वाले ट्वीट को 1000 बार शेयर किया गया था।

यहाँ ऐसे कुछ उदाहरण है जो इस पैरोडी अकाउंट के झांसे में आ गए।

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इसके अलावा भी सीएनएन न्यूज़i8 (CNN Newsi8) के ट्वीट पर प्रधानमंत्री मोदी से सवाल करने की हिम्मत करने वाले “तटस्थ पत्रकारों” को ओपइंडिया (OpIndia) का “तटस्थ” हैंडल @bhak_sala अपने ट्वीटस को तेजी से हटा दिया।

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India Tooday

जब आप कुछ विश्वास करने के इच्छुक हैं, तो भारत में अतिरिक्त “ओ” (O) को अनदेखा करना आसान है। वह भी तब जबकि यह इंडिया टुडे (India Today) को प्रतिरूपित कर रहा हो। इस ट्विट में व्याकरण की गलतियां भी थीं जिनपर उनका ध्यान नहीं गया, जो इसे सच मानकर शेयर कर देते थे।

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न्यूज़ 18 (News18) के राकेश खार उन लोगों में से एक थे जिन्होंने इसे रीट्वीट किया, लेकिन बाद में माफी मांग ली।

Times HOW

यह ताज्जुब की बात है कि टाइम्स हाऊ (Times HOW) के झांसे में कैसे लोग अक्सर फंस जाते हैं। जनता का रिपोर्टर (Janta Ka Reporter) ने भी टाइम्स हाऊ (Times HOW) के एक व्यंगपूर्ण ट्विट पर एक लेख प्रकाशित किया था।

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जनता का रिपोर्टर (Janta ka Reporter) की ही संगति है, कि कुछ समय पहले आज तक (Aaj Tak) ने भी इस पैरोडी अकाउंट के ट्वीट और साथ लगी तस्वीर के आधार पर शाम का कार्यक्रम (शो) प्रसारित किया था।

टाइम्स हाऊ (Times HOW) के कुछ प्रसिद्ध शिकारों में मोहनदास पाई और मधु किश्वर भी शामिल

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Repubiic TV/ RepublicTV

अनुभवी पत्रकार कंचन गुप्ता समेत कई लोग Repubiic TV के शिकार हुए हैं, कंचन गुप्ता ने इस ट्वीट के अधर पर इस चैनल की पहले प्रशंसा की लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि यह एक पैरोडी हैंडल है।

नकली समाचार कोई हँसने का मामला नहीं है क्योंकि Repubic TV के नाम से से मिलते-जुलते नाम से चलने वाला एक नकली खाते की ट्वीट की वजह से पत्रकार जो राना अयूब को ट्रोल किया गया और व्यवस्थित रूप से निशाना बना गया। इस ट्वीट ने झूठा दावा किया था कि राना अयूब ने बच्चों से बलात्कार करने वालों का बचाव किया था।

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समाचार वेबसाइटों के मिलते-जुलते नाम वाले पैरोडी हैंडल्स हमारे आसपास की गलत सूचना के लिए दूसरे अतिरिक्त स्रोत हैं। ये हैंडल उन पाठकों को बेवकूफ़ बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जो खबरों को लेकर अपनी उत्तेजना में हैं, जिससे उनके पूर्वाग्रह की पुष्टि होती है। उन्हें हैंडल के नाम में अतिरिक्त “O” या लापता “I” नहीं दिखता। मामले को बदतर बनाने के लिए, ये हैंडल समाचार वेबसाइटों के मूल या समान दिखने वाले लोगो (logo) का उपयोग करते हैं। सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को कभी-कभी उनकी जानकारी में आने वाली सूचनाओं पर विश्वास करने के लिए सतर्कता बरतने की आवश्यकता है, भले ही वे प्रकट रूप से विश्वसनीय स्रोत से आते हों।

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