दिल्ली में हाल ही में नगर निगम की पांच सीटों पर उपचुनाव हुए. इनमें से चार सीटें अकेले आम आदमी पार्टी (AAP) ने और एक कांग्रेस ने जीती. इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट किया, “AAP ने बड़ी हार के साथ ही चौहान बांगड़ सीट खो दी और कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की. कांग्रेस के उम्मीदवार चौधरी ज़ुबैर अहमद ने AAP के मोहम्मद इशराक़ ख़ान को 10 हज़ार से ज़्यादा वोटों से हराया.”

कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने 3 मार्च को एक ट्वीट में दावा किया कि AAP की एक सीट पर ज़मानत ज़ब्त की गई.

ये दावा कई ट्विटर और फ़ेसबुक यूज़र्स ने कॉपी कर शेयर किया.

चुनाव की ज़मानत राशि क्या होती है?

रिप्रेजे़ंटेशन ऑफ़ पीपल ऐक्ट, 1951 के मुताबिक, किसी चुनाव में भाग लेने के लिए उम्मीदवार को एक तय राशी चुनाव आयोग के पास जमा करवानी पड़ती है. इसे ही चुनावी ज़मानत या चुनावी ज़मानत राशि कहते हैं. अगर चुनाव में कुल वोट का कम से कम 1/6 (16.6%) हिस्सा हासिल करने में प्रत्याशी असफ़ल रहता है तो ये राशि ज़ब्त कर ली जाती है.

कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने कहने की कोशिश की कि चौहान बांगड़ वॉर्ड से AAP प्रत्याशी मोहम्मद इशराक खान को 16.6% से कम वोट मिले और उनकी ज़मानत ज़ब्त हो गयी.

ग़लत दावा

रिप्रेज़ेंटेशन ऑफ़ पीपल ऐक्ट, 1951 का 34वां बिंदु ‘ज़मानत राशि’ की बात करता है. इसमें कहा गया है कि लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी का 25,000 रुपये और विधानसभा या परिषद की सीट पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी का 10,000 रुपये जमा करना अनिवार्य है. ये राशि अनुसूचित जाती या अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशी के लिए 50% है.

इसी ऐक्ट में 158वें बिंदु, ‘प्रत्याशी की ज़मानत राशि की वापसी’ में बताया गया है कि अगर प्रत्याशी कुल वोटों का 16.6% वोट पाने में असफल होता है तो उसकी ज़मानत राशि ज़ब्त कर ली जाएगी. इसमें एक ही अपवाद दिया गया है जब प्रत्याशी की मतदान से पहले मौत हो जाये.

दिल्ली चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि चौहान बांगड़ सीट पर कुल 21,968 वोट पड़े थे जिसमें से AAP को 5,561 वोट मिले थे. ये कुल वोट का 25.3% है. इसलिए कांग्रेस छत्तीसगढ़ का दावा सच नहीं हो सकता है.

पार्टी ने ट्वीट डिलीट करने के बजाय बाद में और ट्वीट जोड़ते हुए सफ़ाई दी कि ज़मानत ज़ब्त होते-होते बची है. हालांकि ये दावा भी भ्रामक है.

दिल्ली में MCD उपचुनावों के बाद AAP के प्रत्याशी मोहम्मद इशराक़ ख़ान की ज़मानत ज़ब्त नहीं हुई. कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने ट्वीट कर ग़लत दावा किया.


फ़ैक्ट चेक: अमित शाह रेड कारपेट पर चले और राम नाथ कोविंद नीचे?

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged:
About the Author

🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.