सोशल मीडिया पर बस स्टैन्ड का एक वीडियो काफ़ी शेयर हो रहा है. इस वीडियो में बस स्टैन्ड पर मास्क पहने हुए कुछ लोगों के बीच एक महिला बिना मास्क के बैठी हुई है. वीडियो में एक व्यक्ति महिला को पूछता है कि उन्होंने मास्क क्यों नहीं पहना? इसका जवाब देते हुए महिला बताती है कि स्वस्थ व्यक्ति को मास्क पहनने की कोई ज़रूरत नहीं है. महिला अस्पताल जाते वक़्त, बीमार व्यक्ति की देखभाल करते वक़्त या सर्दी जुकाम होने पर ही मास्क पहनने की सलाह देती है. इसके बाद महिला के आस-पास के लोग भी मास्क उतार देते हैं. वीडियो के साथ यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि अब आखिर किस पर यकीन करें. क्योंकि वीडियो के आखिर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और मध्यप्रदेश शासन का चिन्ह दिखाई देता है. जबकि मास्क न पहनने पर पुलिस की ओर से जुर्माना वसूला जा रहा है.

22 अगस्त को दीपक सी जरिवाला नामक फ़ेसबुक यूज़र ने ये वीडियो एक गुजराती टेक्स्ट के साथ शेयर किया है – “આમાં આપણે શું સમજવું નેશનલ ઓથોરિટીઝ આ જાહેરાત આપે છે અને ગુજરાત સરકાર હજાર રૂપિયાનો દંડ કરે છે [अनुवाद – इसमें हम क्या समझें राष्ट्रीय अथॉरिटी ऐसा विज्ञापन दे रही है और गुजरात सरकार हज़ारों रूपियों का जुर्माना लगा रही है.]” आर्टिकल लिखे जाने तक वीडियो को 2,900 व्यूज़ मिले हैं. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

આમાં આપણે શું સમજવું નેશનલ ઓથોરિટીઝ આ જાહેરાત આપે છે અને ગુજરાત સરકાર હજાર રૂપિયાનો દંડ કરે છે
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Posted by Deepak C. Jariwala on Saturday, 22 August 2020

इसी मेसेज से ये वीडियो व्हाट्सऐप पर भी शेयर हो रहा है. ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल एंड्रॉइड ऐप और व्हाट्सऐप नंबर ( +917600011160) पर इस वीडियो के वेरिफ़िकेशन की रीक्वेस्ट आयी है.

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यूट्यूब पर ये वीडियो इसी दावे से शेयर किया गया है.

फ़ैक्ट-चेक

कलेक्टर जबलपुर ने ये वीडियो 18 मार्च को ट्वीट किया था. ट्वीट के मुताबिक, “COVID-19 : मास्क पहनना क्या सभी के लिए जरूरी है? नहीं…मास्क किन लोगों को कब पहनना चाहिए, जानने के लिए देखें… यह वीडियो…#covidindia #CoronavirusOutbreak” यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि मार्च महीने में देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या ज़्यादा नहीं थी.

हमने देखा कि मध्यप्रदेश के कई अधिकारियों और कार्यालय ने ये वीडियो 18 मार्च को इसी मेसेज के साथ शेयर किया था, जैसे अशोकनगर कलेक्टर (आर्काइव लिंक), जनसंपर्क विभाग भोपाल मध्यप्रदेश सरकार (आर्काइव लिंक), जिला जनसंपर्क कार्यालय ग्वालियर (आर्काइव लिंक), ग्वालियर के कलेक्टर (आर्काइव लिंक), PRO जनसम्पर्क अशोकनगर (आर्काइव लिंक), कलेक्टर जबलपुर (आर्काइव लिंक). इनमें से कुछ ट्वीट अब डिलीट हो चुके हैं.

मध्यप्रदेश जनसम्पर्क विभाग से बात करने पर हमें बताया गया, “ये वीडियो मार्च की हेल्थ गाइडलाइन्स के मुताबिक बनाया गया था. हेल्थ डिपार्ट्मन्ट की गाइडलाइन्स में हुए बदलाव के बाद इस वीडियो को हटा दिया गया था. अब ये मार्च का वीडियो हाल में शेयर हो रहा है जो कि अभी की गाइडलाइन्स के मुताबिक ग़लत सूचनाएं शेयर कर रहा है.”

बता दें कि भारत में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी 2020 को रिपोर्ट किया गया था. 15 फरवरी तक देश में कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ों की संख्या 3 थी. तब से 18 मार्च तक भारत में कोरोना मरीज़ों की संख्या 169 तक पहुंच गई थी.

धीरे-धीरे कोरोना मरीज़ों की संख्या लगातार बढ़ती रही. इसी बीच देश को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए मार्च महीने के अंत तक लॉकडाउन की घोषणा की गई. देश में पहला लॉकडाउन 23 मार्च से लागू हुआ था. 23 मार्च तक देश में कोरोना संक्रमण के 499 केसेज़ सामने आए थे.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 6 मार्च को ‘मास्क कब पहनना है?’, इसे लेकर गाइडलाइन्स जारी की थी. इसमें बताया गया था कि अगर आप स्वस्थ हैं तो आपको मास्क पहने रखने की कोई ज़रूरत नहीं हैं. आप तभी मास्क पहनें जब आप किसी संक्रमित व्यक्ति के करीब या किसी मरीज़ के पास गए हों. WHO ने बताया था कि अगर आप छींक रहे हों या आपको कफ़ की समस्या है तो मास्क पहनें. 29 फ़रवरी को अमेरिकी सर्जन जनरल ने लोगों को मास्क का इस्तेमाल न करने की सलाह दी थी. 21 मार्च को ऑल्ट न्यूज़ ने ‘मास्क पहनने से इंफ़ेक्शन रोकने में किस तरह की सहायता मिलेगी?’ इसपर एक आर्टिकल पब्लिश किया था.

इसके बाद 5 जून 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मास्क के इस्तेमाल पर अपनी गाइडलाइन्स अपडेट करते हुए बताया कि जिन इलाकों में कोरोना वायरस का संक्रमण ज़्यादा है वहां पर सभी व्यक्तियों का मास्क पहनना आवश्यक है. WHO के डायरेक्टर जनरल डॉ. टेडरोस बताते है कि अस्पताल या क्लीनिकल एरिया में काम करने वाले लोगों का मास्क पहनना ज़रूरी है. भीड़भाड़ वाले इलाकों में 60 वर्ष से ज़्यादा उम्र के लोगों का मेडिकल मास्क पहनना ज़रूरी है. जहां पर सामाजिक दूरी का पालन करना थोड़ा मुश्किल है वहां पर सभी व्यक्ति का मास्क पहनना अनिवार्य बताया गया है.

कुल मिलाकर, सभी लोगों को मास्क पहनने की ज़रूरत नहीं है, ऐसा सुझाव देता वीडियो असल में उस वक़्त (18 मार्च) का है जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने खुद ऐसी गाइडलाइन्स जारी की थी. WHO ने 5 जून को अपनी गाइडलाइन्स में बदलाव करते हुए ज़्यादा संक्रमित एरिया में सभी को मास्क पहनने की घोषणा की थी. इस तरह मार्च महीने का वीडियो हाल में शेयर कर मास्क का प्रयोग करने या न करने की बात पर बहस करना बेवकूफ़ी होगा क्योंकि WHO अपनी गाइडलाइन्स में बदलाव कर रहा है और दुनिया भर की स्टडीज़ का यही मानना है कि मास्क पहनने से संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है.

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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.