जब से नोवेल कोरोना वायरस (COVID-19) का संक्रमण शुरू हुआ है, तब से सोशल मीडिया पर मेडिकल एडवायज़रीज़ का जमकर प्रचार-प्रसार हो रहा है. ऑल्ट न्यूज़ ने हाल ही में एक वायरल संदेश की असलियत सामने लाई, जिसको फ़र्ज़ी तौर पर यूनिसेफ़ से जुड़ा हुआ बताया गया था. इस संदेश को बिज़नेसमैन और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने भी शेयर किया था.
इसमें कई तरह के दावे किए गए. इन दावों में से एक ये था कि कोरोना वायरस आकार में बड़ा होता है – ‘इसके सेल का व्यास 400-500 माइक्रो तक होता है’, इसलिए, कोई भी मास्क इसकी एंट्री को रोकने में कारगर है.
UNICEF:
The corona virus is large in size with a cell diameter of 400-500 micro, so any mask prevents its entry so there is no need to exploit pharmacists to trade with muzzles.
The virus does not settle in the air, but on the ground, so it is not transmitted by the air. pic.twitter.com/QWhwOeRUC0
— Lisha 3.0🇮🇳 (@Lisha_Cryptic) March 4, 2020
हालांकि, कई लोगों की तरफ़ से एक परस्पर-विरोधी दावा भी पेश किया गया है. अमेरिकी सर्जन जनरल ने लोगों को मास्क का इस्तेमाल न करने की सलाह दी थी.
Seriously people- STOP BUYING MASKS!
They are NOT effective in preventing general public from catching #Coronavirus, but if healthcare providers can’t get them to care for sick patients, it puts them and our communities at risk!
https://t.co/UxZRwxxKL9— U.S. Surgeon General (@Surgeon_General) February 29, 2020
फ़ैक्ट-चेक
वायरस जो होते हैं, वे कोशिकाहीन होते हैं. यानी कि बिना कोशिकाओं के. वे मुख्यत: जेनेटिक तत्वों जैसे कि RNA आदि से मिलकर बने होते हैं. इसलिए, वायरल संदेश में कोरोना वायरस की कोशिकाओं के आकार के बारे में दी गई जानकारी यहीं पर ग़लत साबित हो जाती हैं. कोरोना वायरस का आकार लगभग 125 नैनोमीटर (फ़ेह्र एंड पर्लमैन, 2015) होता है. एक नैनोमीटर (nm) एक माइक्रोमीटर ((μm) के हज़ारवें हिस्से के बराबर होता है.
(पढ़ें: कब और कैसे मास्क पहनें, इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दिशानिर्देश.)
इसके बावजूद, वे अब तक ज्ञात सबसे बड़े RNA वायरसों (Sexton et al. 2016) में से एक हैं. लेकिन बैक्टीरिया और मनुष्य की कोशिकाओं से छोटे हैं. नीचे की तस्वीर (लूमेन, माइक्रोबायोलॉजी से ली गई है) आपको परमाणु, प्रोटीन और वसा के अणुओं और बैक्टीरिया, पौधे और जानवरों के कोशिकाओं की तुलना में इस वायरस के आकार के बारे में अधिक बेहतर तरीके से समझा सकती है.
कोरोना वायरस न सिर्फ़ मास्क के वायरल क्लस्टर्स के जरिए बल्कि आंखों के रास्ते भी हमारे अंदर घुस सकता है. हालांकि, किसी संक्रमित व्यक्ति के चेहरे पर लगा मास्क कोरोनावायरस वाली छींक को हवा में फ़ैलने से रोक सकता है. हमारे सांस लेने के सिस्टम को संक्रमित करने वाले कोरोनावायरस या दूसरे वायरस मुख्य तौर पर हवा के माध्यम से ही फैलते हैं.
डेविड हुई चाइनीज़ यूनिवर्सिटी ऑफ़ हॉन्ग कॉन्ग में सांस से संबंधित बीमारियों के विशेषज्ञ हैं. उन्होंने 2002-2003 के दौरान फैले सीवियर एक्यूट रिस्पायरेटरी सिंड्रोम (SARS) पर बहुत विस्तार से काम किया है. दी टाइम पत्रिका ने उनके हवाले से रिपोर्ट छापी है, इसमें डेविड हुई कहते हैं, “ये ‘कॉमन सेंस’ यानी आसानी से समझ में आने वाली बात है कि मास्क आपको कोविड-19 जैसी संक्रामक बीमारियों से बचाता है, ‘अगर आप किसी अस्वस्थ इंसान के सामने खड़े हैं’.”
और हां, कोविड-19 के मरीज़ों में लक्षण काफ़ी कम या न के बराबर होते हैं, लेकिन वो चुपचाप एक इंसान से दूसरे इंसान में प्रवेश कर सकते हैं. इसलिए, बंद इलाकों में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मास्क काफ़ी प्रभावी हो सकते हैं.
निष्कर्ष
इस वायरस का आकार इतना छोटा है कि ये कपड़े वाले मास्क के छेदों में आसानी से घुस सकते हैं. चूंकि ये वायरस एयरोसोल (हवा के ड्रॉपेलट्स में वायरसों का समूह) के ज़रिए भी फैल सकते हैं, इसलिए अगर कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो ये वायरस समूह मास्क में फंसकर रुक सकते हैं. संक्रमित व्यक्ति को मास्क का उपयोग ज़रूर करना चाहिए, ये वायरस को फैलने से रोकने का एक प्रभावी तरीका है. चूंकि कुछ लोगों में इस संक्रमण के लक्षण नहीं दिखते, इसलिए बंद या सावर्जनिक स्थानों पर मास्क का इस्तेमाल करना बेहतर विकल्प है. खासतौर पर बुजुर्गों के साथ रहते हुए, क्योंकि वे इस संक्रमण से बहुत तेज़ी से प्रभावित होते हैं.
जैसा कि आपको पता है, ये वायरस आंखों के जरिए भी फैल सकते हैं क्योंकि हवा के ड्रॉप्लेट्स वायरस के संक्रमण का मुख्य माध्यम हैं. अगर किसी व्यक्ति में सूखी खांसी, बुखार, गले में खटास या सांस लेने में समस्या जैसे कोई भी लक्षण दिखे तो उसे तुरंत खुद को दूसरों से अलग कर डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए.
Are there cases of #coronavirus #COVID-19 in your country/city? Know who should wear face masks pic.twitter.com/8Jd4DlUpns
— WHO South-East Asia (@WHOSEARO) March 6, 2020
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