27 फरवरी को अवि डांडिया ने एक फेसबुक लाइव किया — जिसमें उन्होंने दावा किया कि पुलवामा हमला, भाजपा द्वारा करवाया गया — 24 घंटे से भी कम समय में वीडियो को बीस लाख से ज्यादा बार देखा गया है और 1 लाख से ज्यादा बार शेयर किया गया है। अपने फेसबुक लाइव के दौरान, डांडिया, कथित रूप से गृहमंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और एक अनजान महिला के बीच के बातचीत का ऑडियो क्लिप भी प्रस्तुत करते हैं, जिसमें लगता है कि तीनों देश में राष्ट्रवादी भावनाओं को उभारने के लिए जवानों पर हमले की योजना बना रहे थे। अवि डांडिया ने अब अपना फेसबुक लाइव डिलीट कर दिया है लेकिन इसका आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है। यह YouTube पर भी मौजूद है।
https://www.youtube.com/watch?time_continue=935&v=gcgT85nGKqA
डांडिया के इस फेसबुक लाइव को विभिन्न पाकिस्तानी वेबसाइटों द्वारा उठाया गया है, जिनमें thepost.com.pk, defence.pk, siasat.pk, zemtv.com, dailycapital.pk शामिल हैं।
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि डांडिया द्वारा प्रस्तुत ऑडियो क्लिप पूरी तरह झूठा है और इन भाजपा नेताओं द्वारा दिए गए कई इंटरव्यू से अलग-अलग क्लिप लेकर बनाया गया है। इन इंटरव्यू के हिस्सों को इस प्रकार जोड़ा गया, जिससे लगे कि राजनाथ सिंह और अमित शाह भारतीय जवानों को मरवाने की योजना पर बात कर रहे हैं।
ट्विटर यूजर आरिफ खान ने डांडिया के झूठे ऑडियो क्लिप के बारे में लोगों को सतर्क किया है, इस ऑडियो क्लिप ने भारतीय व पाकिस्तानी, दोनों ही सोशल मीडिया यूजर्स में काफी हलचल मचा रखी है।
So this is the interview from where the audio was picked ..
Is video me 4:20 aur 5:10 par kahi gayi line avi dandiya ne kaat ke apne farzi audio me dali hai …https://t.co/jk6lidi9Ru
Listen at 4:20 and 5:10 …
Shame on @avidandiya ..
He should be behind bars.
— | عارف خان | Arif Khan | (@ArifKIndian) March 2, 2019
कथित वार्तालाप की लिखित प्रतिलिपि
अवि डांडिया द्वारा प्रस्तुत ऑडियो क्लिप का लिप्यंतरण इस प्रकार है :
अमित शाह – देश की जनता को गुमराह किया जा सकता है। और हम मानते भी है चुनाव के लिए युद्ध करने की ज़रुरत है।
अनजान महिला – आपके कहने से ये तो नहीं होता है अमितजी बिना मुद्दे के आप युद्ध कैसे करेंगे। अगर आतंकवादी हुम्ला करते है तो आतंकवादी हमले की करवाई हो सकती है।
राजनाथ सिंह – जवानो के सवाल पर हमारी देश बहुत सेंसेटिव है, बहुत संवेदनशील है भावना उनके अंदर कूट कूट कर भरी है।
अनजान महिला – देश के जवानो को शहीद करवाना है?
राजनाथ सिंह – काम की रकम जो हो तय हो।
अनजान महिला – एक-दो से कुछ भी नहीं होगा, उरी किया था कुछ भी नहीं हुआ. अभी चुनाव है, देश की सुरक्षा को लेके आप बड़ा मुद्दा बना सकते है. उसपे राजनीति खेलिए।
राजनाथ सिंह – देश की सुरक्षा से जुड़े हुए सवालो पर इस तरह की राजनीती की जानी चाहिए।
अनजान महिला – राजनीति के लिए आप युद्ध करना चाहते है? एक काम करते है कश्मीर में या कश्मीर के आस पास…
राजनाथ सिंह – जम्मू और श्रीनगर
अनजान महिला – वहा ब्लास्ट करेंगे, कुछ आर्मी डेड, कुछ पैरामिलिटरी फोर्सेज डेड, या कुछ CRPF डेड. एक 100-50 जवान मरेंगे तो सारे देश के देशभक्ति एक जगह हो जाएगी…
ट्रैक बदला … म्यूजिक
राजनाथ सिंह – बहादुर जवानो के शहादत पर इस तरीके की राजनीति आनी चाहिए।
अनजान महिला – क्या गन्दी पॉलिटिक्स है अमित जी?
अमित शाह – नहीं, ये पॉलिटिक्स नहीं है भाई.
अनजान महिला – तो फिर है क्या ये? पॉलिटिक्स ही है गन्दी पॉलिटिक्स।
अमित शाह – मुझे सीधा पूछ रहे हो? सुनिए अब, क्यों हुआ कैसे हुआ|
अनजान महिला – मुझे नहीं सुनना है अमित जी, वैसे भी मैं नहीं करुँगी तो कोई और कर देगा। बॉम ब्लास्ट करवाना है बॉम ब्लास्ट करवा देते हैं. आप लोग जैसे चाहते है वैसा हो तो जाएगा। देश के जवान शहीद होंगे उनके घर का माहौल क्या होगा आपने कभी सोचा है उसके बारे में?
अमित शाह – देश के हर सैनिक घर का वातावरण क्या होगा?
अनजान महिला – खौफ बैठ गया है और क्या?
अमित शाह – डर बैठ रहा है, खौफ बैठ रहा है, और कोई रास्ते नहीं होते।
अनजान महिला – रास्ते तो बहुत होते है अमित जी, EVM था न आपके पास, ये सैनिकों को मरवाना जवानो को मरवाना ये मुझे समझ में नहीं आ रहा है। फिर भी आप चाहते हैं तो ब्लास्ट करवा देंगे। सौ पचास जवान मरेंगे, वैसे भी आप ही कहते हैं ना जवान सेना में भर्ती होते हैं शहीद होने के लिए लेकिन दुश्मन के साथ अब आप लोग भी दुश्मन बने हुए हैं सेना के तो कौन क्या कर सकता है?
अमित शाह – ऐसा ही होगा हम कैसे बदल सकते हैं उसको?
अनजान महिला – मुझे बहस नहीं करनी आपसे, काम कर देंगे, पैसे भिजवा दीजियेगा और 12, 13 फरवरी तक ये सारा कुछ ताम-झाम करके आपको मैं फिर फ़ोन करती हूँ. पैसे भिजवा दीजियेगा।
अमित शाह – मै बताता हूँ।
वार्तालाप के ऑडियो की सच्चाई
वह हिस्सा जिसमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह कहते हैं, “जवानो के सवाल पर हमारी देश बहुत सेंसेटिव है, बहुत संवेदनशील है…”, इसे 22 फरवरी 2019 को इंडिया टुडे को दिए उनके इन्टरव्यू से लिया गया है। पुलवामा हमले के बाद गृहमंत्री द्वारा दिया गया यह पहला इंटरव्यू है।
इंटरव्यू के 8:39वें मिनट पर, सिंह कहते हैं, “जवानो के सवाल पर हमारी गवर्नमेंट बहुत ही सेंसिटिव है, बहुत ही संवेदनशील है”। डांडिया के ऑडियो क्लिप में “गवर्नमेंट” शब्द को “देश” से बदल दिया गया है।
इंटरव्यू के 10:41वें मिनट पर गृहमंत्री कहते हैं, “राष्ट्रभक्ति की भावना उनके अंदर कूट कूट कर भरी होगी”। यहां सिंह, भारतीय सेना की उत्तरी कमांड के पूर्व जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह हूडा के बारे में बात कर रहे थे। डांडिया के ऑडियो क्लिप में वार्तालाप को इच्छित विषय पर केंद्रित रखने के लिए “राष्ट्रभक्ति” शब्द को नहीं लिया गया है। डांडिया यह दिखलाना चाहते थे कि गृहमंत्री, राष्ट्र नहीं, बल्कि देश के जवानों के लिए भावनाओं के बारे में बात कर रहे थे।
इंटरव्यू के 5:10वें मिनट पर राजनाथ सिंह कहते हैं, “कम से कम देश की सुरक्षा से जुड़े हुए सवालो पर इस तरह की राजनीति नहीं की जानी चाहिए”। यह कथन, पुलवामा हमले के समय प्रधानमंत्री के कॉर्बेट पार्क में व्यस्त रहने को लेकर कांग्रेस के आरोप के बारे में, एंकर स्वेता सिंह के सवाल की प्रतिक्रिया में था।
ऑल्ट न्यूज़, इस कथित बातचीत में दिखाए गए अमित शाह के कथनों का मिलान करने के लिए, उनके मूल सार्वजनिक संवाद का पता लगाने में अब तक असमर्थ रहा। फिर भी, ऑडियो क्लिप को सुनने पर, खासतौर से लहजे से, एकदम स्पष्ट होता है कि शाह के कथन भी उनके भाषणों और इंटरव्यूओं से उठाए गए होंगे। जैसे ही हमारे पास और जानकारी होगी, इस लेख को पुनः अपडेट करेंगे।
हालाँकि, यह जांच, यह साबित करने के लिए कि यह ऑडियो क्लिप अलग-अलग टुकड़ों को जोड़कर बनाया हुआ है, अब पर्याप्त है। यह, अवि डांडिया की, अपनी लोकप्रियता का फायदा उठाकर पुलवामा हमले को भारत सरकार द्वारा की गई साजिश दिखलाने की, दुर्भावनापूर्ण हरकत है। डांडिया खुद को अनिवासी भारतीय बतलाते हैं जिनके पेज के दो लाख से ज्यादा फ़ॉलोअर्स हैं। हर मिनट, उनके इस दुष्प्रचार को देखने वालों की संख्या कई गुना बढ़ रही है। इस क्लिप को 102,000 से ज्यादा लोगों ने शेयर किया है, जिससे पता चलता है कि बड़ी संख्या में लोग इस ऑडियो क्लिप को सही मानते हैं।
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