एक महीने से चल रहे इज़राइल-गाज़ा युद्ध के बीच, गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वहां 9,700 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं जिनमें 4,800 बच्चे भी शामिल हैं. इस दौरान, इज़राइल सरकार और इनके समर्थक टिप्पणीकारों ने कई मौकों पर गाज़ा में मौत और तबाही के दावों पर सवाल उठाया है. सोशल मीडिया पर, इज़राइल समर्थक इन्फ्लुएंसर्स ने इस दावे को आगे बढ़ाने का काम किया है कि फ़िलिस्तीनी अक्सर मौत का नाटक करते हैं.

इसी बीच एक वीडियो काफी ज़्यादा शेयर किया जा रहा है जिसमें ज़मीन पर सफेद कफन में ढके शव देखे जा सकते हैं. इन कफन में एक व्यक्ति को अपनी आंखें खोलते हुए देखा जा सकता है. वीडियो फ़्रेम में फ़ारसी में एक टेक्स्ट है जिसका हिंदी अनुवाद है: “मुझे नहीं पता कि समस्या इज़रायली गोलियों से है या किसी और चीज़ से, लेकिन जाहिर तौर पर वे एक ही हैं. एक वापस ज़िंदा हो रहा है.”

5 नवंबर को इज़राइल की खुफ़िया एजेंसी मोसाद के एक पैरोडी हैंडल, @TheMossadIL ने X (ट्विटर) पर इस क्लिप को शेयर करते हुए लिखा: “हमें ये बताते हुए खुशी हो रही है कि उसे ज़िंदा कर दिया गया है.” इस ट्वीट को 20 लाख से ज़्यादा बार देखा गया और 17 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया. (आर्काइव)

6 नवंबर को इज़राइली पत्रकार एडी कोहेन אדי כהן🇮🇱 (@EdyCohen) ने भी अरबी में कैप्शन के साथ यही क्लिप शेयर की जिसका हिंदी अनुवाद है: “चमत्कार चमत्कार. एक लाश हिल रही है. ज़ूम करिए.” ट्वीट को 3.11 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है और 100 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)

पाठकों को ध्यान देना चाहिए कि एडी कोहेन को पिछले महीने में कई बार चल रहे युद्ध से संबंधित ग़लत जानकारी शेयर करते हुए देखा गया है.

कई अन्य यूज़र्स जैसे @5luckyfingers, @noconversion, @Rey_Guardian, @Natio_1976, @seriousfunnyguy, @AzzatAlsaalem, @DrEliDavid, @HiwaTube, ने इस क्लिप को ऐसे ही कैप्शन के साथ शेयर किया.

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फ़ैक्ट-चेक

वीडियो से कई कीफ़्रेम्स लेने के बाद, हमने उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया. मालूम चला कि वीडियो 18 अगस्त को @metjetak17 यूजरनेम वाले एक टिकटॉक यूज़र द्वारा पोस्ट किया गया था. यानी, ये वीडियो 7 अक्टूबर को इज़राइल में हमास के हमले से पहले लिया गया था. इस हमले के बाद ही ये युद्ध शुरू हुआ था. वीडियो के नीचे कैप्शन मलेशिया की ऑफ़िशियल भाषा मलय में है. एक हैशटैग में मलेशिया का ज़िक्र है जिससे लगता है कि वीडियो वहीं का है.

हमें यूज़र @मार्चफॉवर्ड का एक ट्वीट मिला, जहां @TheMossadIL को कोट करते हुए यूज़र ने मलय भाषा में एक ट्वीट शेयर किया. इसका हिंदी अनुवाद है: “ये सच में बुरे हैं; ये प्रॉपगेंडा नैरेटिव खो रहे हैं. इनका यहां तक ​​दावा है कि उन्होंने मलेशिया में लाशों के प्रबंधन का वीडियो चुराया है और कहते हैं कि फ़िलिस्तीन मरने वालों की संख्या के बारे में झूठ बोल रहा है. ओनियन आर्मी की 14वीं डिवीजन और 21वीं स्पेशल ऑपरेशंस रेजिमेंट, मलेशियाई नेटिज़न्स, आगे बढ़ते रहो. इन्हें मौका मत दो.”

मलेशिया में ‘पेंगुरुसन जेनाज़ा’ शव प्रबंधन पर एक कोर्स है जहां बच्चों को सिखाया जाता है कि मृतकों का अंतिम संस्कार कैसे किया जाए और उन्हें सम्मान कैसे दिया जाए. इस कोर्स के दौरान, वालंटियर एक शव की तरह लेटते हैं और इमाम वालंटियर पर एक डेमो करके ये प्रक्रिया सिखाते हैं.

फ़ेसबुक पर सबंधित की-वर्डस सर्च करने पर, हमें मलेशिया में बंदर डिराजा क्लैंग ऑफ़िशियल मस्जिद का एक वीडियो मिला. इसमें उसी प्रक्रिया को एक आदमी पर किया जा रहा है और एक बच्चे को देखते और सीखते हुए देखा जा सकता है. लाइव वीडियो का टाइटल है, “उस्ताज़ लुत्फी रज़ाली के साथ फ्यूनरल मैनेजमेंट कोर्स.” वीडियो में वालंटियर को पहले मृत व्यक्ति की तरह कपड़े धोते, साफ करते और फिर सफेद चादर में लपेटते हुए देखा जा सकता है.

 

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Posted by Masjid Bandar Diraja Klang Official on Friday, 27 October 2023

कुल मिलाकर, ये साफ़ है कि लाश बने कपड़े पहने एक व्यक्ति की आंखें खोलने का वायरल वीडियो का इज़राइल-हमास युद्ध से कोई संबंध नहीं है. सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे बेबुनियाद हैं. ये वीडियो इसी साल अगस्त का है और मलेशिया में एक अंतिम संस्कार मैनेजमेंट कोर्स का है.

जैसा कि हमने पहले भी बताया है कि ऐसी तस्वीरें/वीडियोज़ को इज़राइल, इज़राइल समर्थक इन्फ्लुएंसर और सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा युद्ध में मौत को लेकर फ़िलिस्तीन के दावों पर सवाल उठाने की कोशिश के रूप में देखा जा सकता है. इज़राइल राज्य और उसके संबंधित कार्यालयों के ऑफ़िशियल X हैंडल को पहले गाज़ा के एक 4 साल के मृत बच्चे के फ़ुटेज को ‘गुड़िया’ के रूप में शेयर करने की कोशिश करते हुए देखा गया था. अभी हाल ही में इज़राइल ने वेस्ट बैंक में एक शरणार्थी शिविर पर जुलाई में अपनी सेना द्वारा किए गए हमले में ज़िंदा बचे एक व्यक्ति को ‘एक्टर’ कहकर उसका मज़ाक उड़ाया था. एक अन्य उदाहरण में इज़राइल समर्थक यूज़र्स द्वारा थाईलैंड की एक हेलोवीन तस्वीर का इस्तेमाल ये दावा करने के लिए किया गया था कि ये गाज़ा का एक ‘फ़र्ज़ी युद्ध पीड़ित’ था जो मरने का नाटक कर रहा था. एक और संबंधित स्टोरी यहां देखी जा सकती है.

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