ट्विटर यूजर रविंदर फौजदार ने एक तस्वीर ट्वीट की जिसमें एक बूढ़ा व्यक्ति फंदे से लटक कर आत्महत्या किया हुआ दिख रहा है। इस तस्वीर के साथ प्रसारित संदेश में दावा किया गया है कि रायबरेली के राम जानकी मंदिर के एक और पुजारी की ‘जिहादियों’ द्वारा हत्या कर दी गई। इस संदेश में आगे दावा किया गया है कि उसकी हत्या करके बाद में टांग दिया गया। फौजदार के ट्विटर परिचय के अनुसार वे भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के उपाध्यक्ष हैं।
उसी मठ में एक और सन्यासी की हत्या !
जहाँ पहले भी जेहादियों ने सन्यासियों की हत्यायें की थीं ।उन्चाहार, रायबरेली के श्री राम जानकी
मन्दिर के पुजारी की हत्या कर टांग दिया !
हिन्दू सोया हुआ है उसे तो बस मुफ्त का राशन बिजली चाहिए@TajinderBagga @SureshChavhanke @BJP4India @RSFBLB pic.twitter.com/G2mYLPxzym— Ravindra Fauzdar -20K (@RSFBLB) January 3, 2019
कई दूसरे सोशल मीडिया यूजर्स ने ट्विटर और फेसबुक पर दावे किए हैं कि पुजारी की हत्या ‘जिहादियों’ द्वारा की गई है। इनमें ‘जिहादियों’ शब्द का उपहासपूर्ण उपयोग मुस्लिम समाज को संदर्भित करने के लिए किया गया है।
कोई साम्प्रदायिक मामला नहीं
रायबरेली पुलिस के आधिकारिक हैंडल से एक प्रेस नोट ट्वीट किया गया, जिसमें इस मामले के आरोपियों की सूची शामिल है। इस प्रेस नोट के अनुसार कुल छह लोग गिरफ्तार किए गए हैं और उनमें कोई भी मुस्लिम समाज से नहीं है। सोशल मीडिया में वायरल दावे को लेकर रायबरेली पुलिस द्वारा दूसरे ट्वीट से इसे भी स्पष्ट किया गया था।
रायबरेली के थाना ऊँचाहार क्षेत्र स्थित राम जानकी मन्दिर के पुजारी प्रकरण में नामजद 02 आरोपियों तथा महाविद्यालय प्रबन्धक सहित 04 महिलाएं अपराधिक साजिश में गिरफ्तार @Uppolice @Igrangelucknow @adgzonelucknow @etvbharatup @JagranNews @amarujalakanpur @htTweets pic.twitter.com/IA2q5f1EJM
— Raebareli Police (@raebarelipolice) January 6, 2019
राम जानकी मंदिर के पुजारी बाबा प्रेम दास की कथित रूप से 2 जनवरी को हत्या करके मंदिर के प्रवेश स्थान पर टांग दिया गया था। हिंदुस्तान टाइम्स में 4 जनवरी 2019 को प्रकाशित खबर के अनुसार, “पुलिस ने, मौनी बाबा — जो मंदिर ट्रस्ट से भी जुड़े हैं — की शिकायत पर, पंचशील महाविद्यालय (डिग्री कॉलेज) के मालिक बीएन मौर्य — जिन्होंने कथित रूप से मंदिर ट्रस्ट की 11-बीघा जमीन पर कब्जा कर रखा है – और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ” – (अनुवादित)
ऑल्ट न्यूज़ ने रायबरेली के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह से बात की, जिन्होंने अपराधियों के मुस्लिम समुदाय का होने को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “सभी आरोपी हिन्दू समुदाय के हैं और वायरल दावा एकदम झूठा है। इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।”
निष्कर्ष : एक मौत का मामला जिसकी अभी जाँच चल रही है, उसके बारे में गलत तरीके से यह बताते हुए कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने यह अपराध किया, मामले को साम्प्रदायिक रंग देकर प्रसारित किया गया।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.