मंदिर में तोड़-फोड़ दिखाने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल है. सुदर्शन न्यूज़ ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “नफ़रत की उन्मादी आंधी की चपेट में आया दिल्ली का एक और मन्दिर..” (आर्काइव लिंक). सुदर्शन न्यूज़ ने इस घटना का एक और वीडियो ट्वीट किया है जिसमें रिपोर्टर मंदिर में हुई तोड़फोड़ के दृश्य दिखाता है. (आर्काइव लिंक)

सुदर्शन न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ़ सुरेश चव्हाणके ने सुदर्शन न्यूज़ की ग्राउन्ड रिपोर्ट का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “जिहादियों ने जहाँ पर मूर्तियों को तोड़ा, उसी मंदिर से ग्राउंड रिपोर्ट।”. (आर्काइव लिंक)

भाजपा दिल्ली के मीडिया हेड नवीन कुमार ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया कि मंदिरों में तोड़फोड़ की घटना के पीछे जिहादी’ थे. (आर्काइव लिंक)

विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने ये वीडियो ट्वीट किया. साथ में उन्होंने इस घटना का विरोध कर रहे VHP कार्यकर्ताओं का भी एक वीडियो ट्वीट किया है. (आर्काइव लिंक)

इसके अलावा, सुदर्शन न्यूज़ के रिपोर्टर निमित त्यागी, ट्विटर हैन्डल ‘@AchAnkurArya’ और भाजपा सदस्य संदीप ठाकुर ने भी इस घटना के बारे में ट्वीट किया है.

फ़ैक्ट-चेक

ट्विटर पर कई नामी लोगों द्वारा इस वीडियो के साथ तरह-तरह के दावे किये जाने पर द्वारका के डीसीपी ने इस घटना की जानकारी देते हुए ट्वीट किया. उन्होंने बताया कि इस मामले में उसी इलाके में रहनेवाले महेश नाम के एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया है. इस मामले में कोई सांप्रदायिक ऐंगल होने की बात से उन्होंने इनकार किया है.

आगे, सर्च करते हुए हमें द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की 13 अप्रैल की रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से बताया गया है कि इस मामले में गिरफ़्तार आरोपी महेश, भरत विहार जेजे कॉलोनी में रहता है. पेशे से वो एक मोची है. पुलिस के मुताबिक इस घटना की जानकारी सबसे पहले पुजारी ने दी थी जिसने सुबह 3 अलग-अलग जगहों पर खंडित हनुमान की मूर्तिया देखी थीं. रिपोर्ट में महेश के ऐसा करने के पीछे का कारण उसकी भगवान से नाराज़गी बताई गई है. महेश इलाके में कम बारिश को लेकर भगवान से नाराज़ था और उसने गुस्से में इस तरह की हरकत की थी.

आज तक ने भी दिल्ली के द्वारका में हुई घटना के बारे में आर्टिकल पब्लिश किया था.

यानी, भगवान से नाराज़गी के चलते एक व्यक्ति के हिन्दू देवताओं की मूर्ति तोड़ने की घटना को सुरेश चव्हाणके समेत अन्य भाजपा समर्थकों ने सांप्रदायिक ऐंगल से शेयर किया. सुरेश चव्हाणके ने पहले भी सोशल मीडिया पर कई गलत जानकारियां शेयर की हैं जिसपर लिखे हमारे आर्टिकल्स आप यहां पर पढ़ सकते हैं.


NDTV पर सोशल मीडिया का निशाना, लेकिन क्या उसने झूठ रिपोर्ट किया था?

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged:
About the Author

Aqib is monitoring and researching mis/disinformation at Alt News